Friday, August 1, 2025
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आने वाले समय में अमेरिका भारत पर व्यापारिक मोर्चे पर दबाव बनाएगा: कुमारी सैलजा

आने वाले समय में अमेरिका भारत पर व्यापारिक मोर्चे पर दबाव बनाएगा: कुमारी सैलजा
विदेश नीति व्यक्तिगत संबंधों पर नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और राष्ट्रीय हितों पर आधारित होनी चाहिए
Priyanka Thakur
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ और दंडात्मक शुल्क पर कहा कि आज एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि भाजपा सरकार की तथाकथित ‘व्यक्तिगत कूटनीति’ और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मौन रहकर सम्मान पाने की रणनीति पूरी तरह विफल रही है। भारत की चुप्पी ऐसे ही रही तो आने वाले समय में अमेरिका भारत पर व्यापारिक मोर्चे पर दबाव बनाएगा। हमारी विदेश नीति व्यक्तिगत संबंधों पर नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और राष्ट्रीय हितों पर आधारित होनी चाहिए।
मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही एक बात कहती आ रही है कि प्रधानमंत्री में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ बोलने का साहस नहीं है और इसका प्रत्यक्ष परिणाम यह होगा कि आने वाले समय में अमेरिका भारत पर व्यापारिक मोर्चे पर दबाव बनाएगा। दुर्भाग्य से, शाम होते ही अमेरिका द्वारा लगाया गया यह टैरिफ उसी चेतावनी की पुष्टि करता है।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि कांग्रेस स्पष्ट करना चाहती है कि राष्ट्रहित केवल विदेशी नेताओं के साथ मंच साझा करने या भव्य शोभायात्राओं से सुरक्षित नहीं होता, बल्कि एक निडर, संतुलित और दूरदर्शी विदेश नीति से ही हमारे हित सुरक्षित हो सकते हैं। यह वही नीति है जिसे भारत ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व में दृढ़ता के साथ अपनाया था, जब भारत ने न केवल अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा की बल्कि विश्व मंच पर सम्मान भी अर्जित किया।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि आज आवश्यकता है इस बात की है कि भाजपा सरकार अमेरिका से ठोस और पारदर्शी वार्ता करे, भारतीय उद्योग, कृषि और छोटे व्यापारों पर बढ़ते दबाव को कम करे तथा हमारी अर्थव्यवस्था के हितों की रक्षा करे। प्रधानमंत्री को यह समझना चाहिए कि विदेश नीति व्यक्तिगत संबंधों पर नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और राष्ट्रीय हितों पर आधारित होनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी भारत के उद्योगपतियों, किसानों और मजदूरों के साथ खड़ी है। हम सरकार से मांग करते हैं कि वह अमेरिका द्वारा लगाए गए दंडात्मक शुल्कों का तत्काल समाधान खोजे और भारत की अर्थव्यवस्था को किसी भी प्रकार की क्षति से बचाए। सांसद ने कहा कि यह सरकार लगातार दोस्ती के बाद दोस्ती करती रही और आज हमें ये दिन देखने पड़ रहे हैं। यह शुरुआत है बुरे दिनों की। इस देश के नौजवानों को नौकरी चाहिए। अर्थव्यवस्था बेहतर होगी तो रोजगार मिलेगा। अगर इस तरह की रुकावट होगी तो हमारे देश की अर्थव्यवस्था का क्या होगा?
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