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कनाडा में खालिस्तानी सोच वाले नेता सरकार से दूर हैं, ऐसे में उम्मीद है कि भारत-कनाडा संबंध के मजबूत होंगे। कनाडा में अनीता आनंद, मनिंदर सिद्धू, रूबी सहोता और रणदीप सराय को मंत्री बनाया गया है।
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खास बात यह है कि जो मंत्री पंजाबी मूल के हैं और अब कार्नी मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं वो खालिस्तानी विचारधारा से पूरी तरह से दूर हैं। कनाडा में रह रहे पंजाबी समुदाय के लोगों का मानना है कि कनाडा की सरकार में खालिस्तानी विचारधारा को दरकिनार कर नए संबंधों की शुरूआत करने की बेहतर पहल है।
कनाडा में अनीता आनंद, मनिंदर सिद्धू, रूबी सहोता और रणदीप सराय को मंत्री बनाया गया है। कनाडा में पंजाबी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले पंजाबी सिख संगठन इन कनाडा के सरदार हरजोत सिंह कहते हैं कि विदेश मंत्री अनिता आनंद ने तो गीता पर हाथ रखकर मंत्री पद की सौगंध खाई। जिससे साफ है कि अबकी बार खालिस्तानियों को स्थान नहीं मिलने वाला है।
उनका कहना है कि मनिंदर सिद्धू भी कट्टरपंथी बयानबाजी से बचते रहे हैं। पार्टी की तरफ से दोनों को केबनिट मंत्री देकर यह संदेश दिया गया है कि आगे नफरत की बात कम अच्छे संबंधों को शुरू किया जायेगा। इस संगठन के मनिंदर सिंह सिद्धू का मानना है कि हालांकि लिबरल पार्टी में कई ऐसे सांसद जीते हैं जो काफी सीनियर हैं जो कई बार जीत चुके हैं।
पूर्व पीएम जस्टिन त्रूदो ने भारत के साथ कनाडा के संबंधों में जो दरार पैदा की थी, कार्नी का मंत्रिमंडल उसे भरने का प्रयास दिखाई देता है। उन्होंने चार भारतवंशियों को मंत्रिमंडल में लेकर भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने का प्रयास किया है, जिसका कनाडा में स्वागत किया जा रहा है। अनीता आनंद, मनिंदर सिद्धू, रूबी सहोता और रणदीप सराय की जड़ें पंजाब से जुड़ी हैं। मंत्रिमंडल में भारतीयों को शामिल करने में संतुलन बनाते हुए, दो महिलाओं और दो पुरुषों का स्वागत किया गया है।
ब्रैम्पटन नॉर्थ-कैलेडन की सांसद रूबी सहोता का जन्म टोरंटो में पंजाब से आए माता-पिता के घर हुआ। वह ब्रैम्पटन में गैंग हिंसा, संगठित अपराध के पर ध्यान केंद्रित करेंगी। रणदीप सराय 2015 में सरे-सेंटर के लिए पहली बार सांसद बने। वैंकूवर में जन्मे सराय साउथ बर्नबी में पले-बढ़े।