Friday, October 31, 2025
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गरीब श्रमिकों के साथ घोर अन्याय, हरियाणा सरकार की मजदूरी वृद्धि नीति पर कुमारी सैलजा ने जताया कड़ा विरोध

गरीब श्रमिकों के साथ घोर अन्याय, हरियाणा सरकार की मजदूरी वृद्धि नीति पर कुमारी सैलजा ने जताया कड़ा विरोध

सरकार तुरंत मजदूरी में कम से कम 10 प्रतिशत की वृद्धि करे: कुमारी सैलजा
चंडीगढ़, 31 अक्तूबर।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में केवल 0.23 प्रतिशत वृद्धि करने के निर्णय को गरीब मजदूरों के साथ खुला अन्याय, अमानवीय और संवेदनहीन कदम बताया है। कांग्रेस पार्टी मजदूरों और गरीब तबके के अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी। यह सरकार सिर्फ प्रचार में माहिर है, परंतु वास्तविकता में आम आदमी की समस्याओं से पूरी तरह अनजान है।
मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि यह वृद्धि पिछले 10 वर्षों में सबसे कम है, जबकि इस अवधि में महंगाई कई गुना बढ़ चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 20 लाख से अधिक श्रमिक वर्ग का जीवन पहले ही महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहा है, और ऐसे समय में सरकार का यह फैसला मजदूरों के पेट पर सीधी चोट है। सांसद ने कहा है कि जब सरकार अपने कर्मचारियों को 3 से 4 प्रतिशत तक महंगाई भत्ता बढ़ाकर राहत दे रही है, तो वही सरकार मजदूरों की मेहनत की कीमत सिर्फ 0.23 प्रतिशत बढ़ाकर उनका अपमान कर रही है। यह नीति सरकार की दोहरी सोच और मजदूर विरोधी रवैये को उजागर करती है। कुमारी सैलजा ने कहा है कि हरियाणा जैसे औद्योगिक राज्य में मजदूर वर्ग ही विकास की असली रीढ़ है। निर्माण कार्यों, ईंट-भट्टों, ट्रांसपोर्ट, कृषि, फैक्ट्रियों और निजी संस्थानों में काम करने वाले मजदूर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देते हैं, लेकिन उन्हें उचित वेतन और सुरक्षा नहीं मिल पा रही।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में महंगाई दर के अनुपात में मजदूरी नहीं बढ़ाई, जबकि खाद्य पदार्थों, बिजली, किराए और शिक्षा की लागत लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा-जजपा सरकार बड़े उद्योगपतियों को करों में राहत दे रही है, वहीं दूसरी तरफ गरीब मजदूरों की मेहनत का मूल्य घटा रही है। सांसद ने सरकार से मांग की है कि मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी में कम से कम 10 प्रतिशत की तत्काल वृद्धि की जाए, मजदूरी निर्धारण में श्रमिक संगठनों और विशेषज्ञों की राय को शामिल किया जाए, हर तीन माह में मजदूरी की समीक्षा की जाए, ताकि महंगाई के अनुसार समायोजन हो सके और ईंट-भट्टों, निर्माण स्थलों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए विशेष कल्याण कोष का गठन किया जाए। सांसद ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी मजदूरों और गरीब तबके के अधिकारों की रक्षा के लिए सडक़ से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी। यह सरकार सिर्फ प्रचार में माहिर है, परंतु वास्तविकता में आम आदमी की समस्याओं से पूरी तरह अनजान है। सांसद ने कहा कि मजदूर इस देश की ताकत हैं। अगर उनकी मेहनत का सम्मान नहीं होगा तो विकास का कोई भी मॉडल टिकाऊ नहीं हो सकता। मैं सरकार से आग्रह करती हूँ कि वह अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करे और श्रमिकों को न्याय दे।
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