‘पंजाब पवित्र धर्मग्रंथों के विरुद्ध अपराध निवारण विधेयक’ जैसे गंभीर मुद्दे पर अनुसूचित जाति के कैबिनेट मंत्री और विधायक की चुप्पी निराशाजनक है — कैंथ
अगर आम आदमी पार्टी सरकार इस विधेयक में अनुसूचित जाति समुदाय की भावनाओं के अनुरूप प्रावधान नहीं करती है, तो सड़कों पर आंदोलन होगा — कैंथ
बठिंडा / चंडीगढ़, 18 जुलाई: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में पंजाब मंत्रिमंडल ने 14 जुलाई, 2025 को पवित्र धर्मग्रंथों के विरुद्ध अपराध निवारण विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य सभी धर्मों के पवित्र धर्मग्रंथों की रक्षा करना और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना है। आम आदमी पार्टी द्वारा पंजाब विधानसभा में पेश किए गए विधेयक में रविदासिया, वाल्मीकि और कबीरपंथी समुदायों के गुरुओं और अन्य महापुरुषों की मूर्तियों और धार्मिक ग्रंथों का कोई उल्लेख न होना आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, मंत्रियों और प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा की अनुसूचित जाति विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा के उपाध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ ने कहा कि यह विधेयक गुरु रविदास जी की मूर्ति और पवित्र ग्रंथ अमृतवाणी, भगवान वाल्मीकि जी की मूर्ति, सतगुरु कबीर जी की मूर्ति और संत नाभा दास की मूर्ति के अपमान के लिए सजा का प्रावधान न करके दलित समुदाय के प्रति घृणित मानसिकता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने जानबूझकर इनकी अनदेखी की है। भाजपा नेता कैंथ ने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि सरकार में वाल्मीकि समाज, रविदास समाज, कबीर समाज और महाशा समाज से संबंधित 30 विधायक और कैबिनेट मंत्री हैं, लेकिन वे भी इस महत्वपूर्ण विधेयक पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं और अपनी बात कहने से भाग रहे हैं। उन्होंने इस गंभीर मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है और यह चुप्पी निराशाजनक है। यह बहुत निंदनीय है और महापुरुषों की रक्षा के लिए अपना मुंह न खोलना अनुसूचित जाति समाज के साथ विश्वासघात है। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी का नेतृत्व अनुसूचित जाति समाज की आवाज को दबाना चाहता है। सरदार कैंथ ने कहा कि आम आदमी पार्टी का दलित विरोधी चेहरा सामने आ रहा है। अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित महापुरुषों और गुरुओं को एक साजिश के तहत दूर रखा जा रहा है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे और इसके दूरगामी परिणाम गंभीर हो सकते हैं। पंजाब में अनुसूचित जाति की आबादी लगभग 35 प्रतिशत है, जिसे किसी भी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा रहा है। सरदार कैंथ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी गुरुओं और महापुरुषों का सम्मान करती है और उनकी मूर्तियों और धार्मिक ग्रंथों के संरक्षण को इस विधेयक में शामिल किया जाना चाहिए और उनके धर्मगुरुओं से भी परामर्श किया जाना चाहिए। भाजपा नेता सरदार परमजीत सिंह कैंथ ने चेतावनी दी कि अगर पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार दलितों की भावनाओं के अनुरूप इस विधेयक में प्रावधान नहीं करती है, तो वे सड़कों पर उतरेंगे और बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष सरूप चंद सिंगला, अनुसूचित जाति मोर्चा बठिंडा के अध्यक्ष बलदेव सिंह अकलिया, अशोक बालियांवाली, उमेश शर्मा, शाम अग्रवाल, गौरव निधानियां, विक्रम गर्ग, शांतनु महर्षि, गुरमेल सिंह सरपंच, विक्की राय, चिराग सिंगला, जगदीप सिंह व अन्य मौजूद थे।