अभियान की शुरुआत से अब तक (10 दिनों में) कुल 192 बच्चों को बचाया गया: डॉ. बलजीत कौर
बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई: सामाजिक सुरक्षा मंत्री
भीख मंगवाने के लिए बच्चों के शोषण पर 5 से 20 वर्ष तक की कैद का प्रावधान
Priyanka Thakur
मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने सड़कों पर भीख मांगते बच्चों को सुरक्षित और भविष्य-निर्माण योग्य जीवन की ओर ले जाने हेतु चलाए जा रहे “जीवनजोत” अभियान के तहत तेज़ और निरंतर कार्रवाइयों को और तेज़ गति दी है। यह जानकारी आज सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर द्वारा दी गई।
उन्होंने बताया कि आज 16 ज़िलों में जिला बाल सुरक्षा टीमों द्वारा चलाए गए विशेष छापों के दौरान 4 भीख मांगते बच्चों को रेस्क्यू किया गया। ये छापे बरनाला, बठिंडा, फतेहगढ़ साहिब, गुरदासपुर, फाजिल्का, होशियारपुर, मलेरकोटला, मोगा, पटियाला, रूपनगर, एसएएस नगर, एसबीएस नगर, श्री मुक्तसर साहिब और तरनतारन में मारे गए।
फाजिल्का और पटियाला से 2-2 बच्चों को बचाया गया। फाजिल्का के दो बच्चों को दस्तावेज़ जांच और माता-पिता की काउंसलिंग के बाद घर भेज दिया गया है। बाकी दो बच्चों की पहचान और जांच प्रक्रिया अभी जारी है।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि पहले 10 दिनों के दौरान कुल 192 बच्चों को रेस्क्यू करके उनकी देखभाल हेतु आवश्यक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने ऐसे माता-पिता या अज्ञात व्यक्तियों को चेतावनी दी जो बच्चों को भीख मांगने के लिए मजबूर करते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों की उम्र,शिक्षा और मानसिक विकास के साथ खिलवाड़ करने वालों के विरुद्ध संबंधित कानूनों के अंतर्गत कठोर कार्यवाही होगी।
उन्होंने कहा कि जो कोई भी—चाहे वह माता-पिता हों या अन्य कोई व्यक्ति—यदि बच्चों को भीख मंगवाने के लिए मजबूर करता पाया गया, तो न केवल उन्हें “अयोग्य संरक्षक” घोषित किया जाएगा, बल्कि कानून के तहत 5 से 20 वर्ष तक की सजा भी हो सकती है।
डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि “जीवनजोत” परियोजना केवल बच्चों को भीख मांगने से रोकने का प्रयास नहीं है, बल्कि उन्हें बेहतर शिक्षा, भोजन, आवास और सम्मानजनक जीवन देने की एक संकल्पित पहल है। उन्होंने आम लोगों से भी अपील की कि वे बच्चों को भीख न दें और यदि किसी भी बच्चे को भीख मांगते देखें तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर सूचना दें।