पुरुष आयोग की मांग को लेकर देश भर में निकाली जा रही बाईक रैली पार्ट 2.0 पहुंची चण्डीगढ़
हमारे देश में जानवरों तक के लिए भी आयोग व मंत्रालय है, पर पुरुषों के लिए ही नहीं है : रोहित डोगरा
चण्डीगढ़ : देश में पुरुषों के खिलाफ अत्याचारों से निपटने हेतु पुरुष आयोग की मांग को लेकर सेव इंडियन फैमिली (एसआईएफ) ने अभियान छेड़ा हुआ है। इसी सिलसिले में विश्व प्रसिद्ध बाइकर्स डॉ. अमजद खान, नदीम शेख और संदीप पावरिया ने 31 मई को फरीदाबाद से 16,000 किलोमीटर से अधिक की राष्ट्रव्यापी बाइक राइड पार्ट 2.0 यात्रा शुरू की जो आज चण्डीगढ़ पहुंची। एसआईएफ के स्थानीय अध्यक्ष रोहित डोगरा ने आज चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में इस बाबत आयोजित एक पत्रकार वार्ता में बताया कि ये यात्रा पूरे भारत में 37 दिनों में 20 राज्यों को कवर करेगी। उन्होंने बताया कि पुरुषों को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे बढ़ती पुरुष आत्महत्या, बढ़ती पति हत्या, पुरुषों का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, लिंग आधारित कानूनों का दुरुपयोग और पुरुषों पर घरेलू हिंसा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह यात्रा शुरू की है।
यह परिवर्तनकारी यात्रा लखनऊ, पटना, रांची, कोलकाता, भुवनेश्वर, विजाग, कोंडागांव, नागपुर, हैदराबाद, बैंगलोर, चेन्नई, मदुरै, कन्याकुमारी, त्रिशूर, मैंगलोर, गोवा, कोल्हापुर, पुणे, मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर, जयपुर, पानीपत जैसे प्रमुख शहरों से होकर गुजर चुकी है। इसके बाद राइडर्स जम्मू, कारगिल, लेह, मनाली, शिमला और दिल्ली से होकर गुजरेंगे।
उन्होंने बताया कि भारत में हर साढ़े 4 मिनट में एक आदमी आत्महत्या करके मर जाता है जबकि हर साढ़े 6 मिनट में एक विवाहित आदमी घरेलू मुद्दों के कारण अपनी जान ले लेता है।
राइडर्स का स्वागत करते हुए, सेव इंडियन फैमिली, चंडीगढ़ के संस्थापक रोहित डोगरा ने राष्ट्रीय पुरुष आयोग की स्थापना और महिला एवं बाल कल्याण आयोग को अलग करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज, देश में हजारों पुरुष लिंग-पक्षपाती कानूनों के कारण आर्थिक, शारीरिक, मानसिक और नैतिक रूप से पीड़ित हैं, जिनका व्यापक रूप से कुछ महिलाओं और कुछ कानून के जानकारों द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है। पुरुष आयोग की यह पहल पुरुषों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना चाहती है।
आजकल देश में पुरुषों का कानूनी नरसंघार हो रहा है। रोहित डोगरा ने कहा कि सेव इंडियन फैमिली-चंडीगढ़ के स्वयंसेवकों ने पुरुषों की संकटपूर्ण कॉल पर ध्यान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और कई लोगों को चरम कदम उठाने से रोका है।
इस अवसर पर बाइक सवार अमजद खान ने कहा कि यह पहल केवल जागरूकता बढ़ाने के बारे में नहीं है, बल्कि यह समाज में ठोस बदलाव लाने के बारे में है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एसआईएफ-चंडीगढ़ टीम के सदस्य महेश कुमार, अंकुर शर्मा, रजत आहूजा, संदीप कुमार, जसजोत सिंह, जसदीप सिंह, मोहित कुमार, अमनदीप तथा हरदीप आदि भी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि सेव इंडियन फैमिली-चंडीगढ़ (एसआईएफ मूवमेंट के तत्वावधान में), भारत भर में 08882-498-498 पर पुरुषों के लिए एक हेल्पलाइन चलाता है, जिसमें हर महीने 4000-5000 कॉल आते हैं। एसआईएफ-चंडीगढ़ भारत में पुरुषों और लड़कों के अधिकारों और कल्याण की वकालत करने के लिए प्रतिबद्ध है। संगठन पुरुषों पर घरेलू हिंसा, झूठे आरोप और पुरुषों द्वारा सामना की जाने वाली मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों जैसे मुद्दों को संबोधित करने के लिए काम करता है। कानूनी आतंकवाद के पीड़ितों का समर्थन करने के अलावा, इस समूह ने पिछले कई वर्षों में विभिन्न ज़मीनी सक्रियताएँ अपनाई हैं, जिनमें पुरुषों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर कई सफल विरोध प्रदर्शन, विभिन्न संसदीय समितियों, विधि आयोगों, सांसदों आदि के समक्ष प्रतिनिधित्व करना शामिल है। आंदोलन ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय और भारत के विभिन्न माननीय उच्च न्यायालयों के समक्ष जनहित याचिकाओं के माध्यम से पर्याप्त कानूनी सक्रियता भी की है समान नागरिक संहिता के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है तथा अपनी सिफारिशें विधि आयोग को सौंप दी हैं।