मुख्यमंत्री का वन विभाग के 942 ठेका कर्मचारियों को बड़ा तोहफा; सेवाओं को स्थायी करने के नियुक्ति पत्र सौंपे
– पिछले एक दशक से अधिक समय से ठेके पर कर रहे थे काम
– विपक्ष की पंजाब विरोधी और जनविरोधी नीतियों की आलोचना
– लोगों की भलाई के लिए राज्य सरकार की ओर से की गई महत्वपूर्ण पहलें गिनाईं
वन विभाग में ठेके पर कार्यरत 942 कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने एक दशक से अधिक समय से सेवा दे रहे इन कर्मचारियों की सेवाओं को स्थायी करने के लिए नियुक्ति पत्र सौंपकर आज एक बड़ा तोहफा दिया।
इन कर्मचारियों की सेवाओं को स्थायी करने और आवास निर्माण तथा शहरी विकास विभाग के उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र देने के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें यह घोषणा करते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि राज्य सरकार ने सभी कानूनी और प्रशासनिक बाधाओं को दूर करते हुए इन कर्मचारियों की सेवाओं को स्थायी कर दिया है और इनके साथ जुड़ा ‘ठेका’ शब्द हमेशा के लिए हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि अपनी जिंदगी के कीमती साल सरकारी सेवा में देने वाले इन कर्मचारियों के नाम के साथ ‘ठेका’ शब्द को हमेशा के लिए हटाया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसका उद्देश्य कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करना है और राज्य सरकार की अथक कोशिशों के कारण ही आज यह शुभ दिन आया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह किसी का पक्ष लेना नहीं है, बल्कि राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वह लोगों और राज्य की सेवा करे और इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के लोगों ने उन्हें सेवा का अवसर देकर सम्मान दिया है और वे इस भरोसे को बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पंजाब के सर्वांगीण विकास और लोगों की खुशहाली सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने अपने शासनकाल के अंत में कुछ रियायतें देकर लोगों को मूर्ख बनाया, लेकिन उनकी सरकार ने पहले दिन से ही लोगों की समस्याओं को कम करने पर ध्यान दिया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के नेता अपने शासनकाल में लोगों को लूटते रहे और उन्होंने कभी भी लोगों की भलाई की परवाह नहीं की। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार पहले दिन से ही लोगों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है।
विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग पंजाब के वारिस होने का दावा करते थे, वे पंजाबी भाषा में एक भी शब्द नहीं लिख सकते क्योंकि कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़े ये नेता राज्य और इसके लोगों से पूरी तरह कटे हुए हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सनावर और दून स्कूलों से पढ़े इन नेताओं का पंजाबी में हाथ तंग है, जिस कारण वे लोगों से जुड़ने में असहज हैं। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने शिक्षा क्षेत्र को नजरअंदाज किया, जिसके कारण लोगों ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया और नए लोगों के राजनीति में आने का मार्ग प्रशस्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी और बुनियादी ढांचा उनकी सरकार के पांच प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं और इनके विकास के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार उनकी सरकार सभी वर्गों की भलाई की बात करती है, जबकि पिछली सरकारों की प्राथमिकताएं कुछ और थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि लोगों की भलाई के बजाय पिछली सरकारों के नेता अपने परिवारों की भलाई और राज्य के खजाने को लूटने के लिए अधिक चिंतित थे।
विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन लोगों ने आम आदमी को नजरअंदाज करके केवल अपने परिवारों के लिए पंजाबियों का पैसा बेरहमी से लूटा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पहली बार राज्य और लोगों की भलाई के लिए नीतियां बनाई जा रही हैं और यह अपने आप में एक इतिहास है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक राजनीतिक पार्टियां उनसे इस बात पर जलन करती हैं क्योंकि वे यह बात हजम नहीं कर पा रही हैं कि एक आम आदमी का बेटा राज्य को प्रभावी ढंग से कैसे चला रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पारंपरिक राजनीतिक दलों की जनविरोधी और पंजाब विरोधी नीतियों के कारण लोगों का इन दलों से विश्वास उठ गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के समझदार और बहादुर लोगों ने 2022 के विधानसभा चुनावों में इन पार्टियों को बाहर का रास्ता दिखाया और ‘आप’ को भारी बहुमत दिया। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने लोगों की भलाई की कभी चिंता नहीं की और ज्यादातर केवल अपनी भलाई के लिए चिंतित रहे।
‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई यह मुहिम शानदार परिणाम दे रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस घिनौने काम में शामिल बड़ी मछलियों को देखना चाहते हैं, वे नाभा जेल का दौरा कर सकते हैं। भगवंत सिंह मान ने दोहराया कि यह पूरी मानवता के खिलाफ अपराध है और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा, बल्कि कानून के अनुसार उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने ड्रग माफिया को संरक्षण दिया, लेकिन उनकी सरकार ने नशों के खिलाफ युद्ध छेड़ा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य से नशों के खात्मे के लिए बहुत बारीकी से योजना बनाई गई है और अब नशों के खिलाफ बड़े पैमाने पर जंग शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि नशों की सप्लाई लाइनों को तोड़ने के अलावा, राज्य सरकार ने इस घिनौने अपराध में शामिल अपराधियों को सलाखों के पीछे डाला है। उन्होंने कहा कि अब तस्करों की संपत्ति को जब्त और ध्वस्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह काम लोगों के सहयोग के बिना सफल नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री ने नाभा जेल में बंद नशों के कारोबार के सरगना के मानवाधिकारों की चिंता जताने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि उन्होंने पंजाब के लोगों के लिए ऐसी चिंता क्यों नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि इससे इन नेताओं का असली चेहरा उजागर हुआ है, जिन्होंने पूरे राज्य में नशों के कारोबार को फैलाया और इसका संरक्षण किया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि कैप्टन के भतीजे ने अकाली सरकार के दौरान मंत्री रहते हुए नशों का कारोबार शुरू किया और यह कारोबार कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह, जो अब भाजपा में हैं, के कार्यकाल में फला-फूला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने कार्यभार संभाला, तब नहरी पानी का 21 प्रतिशत सिंचाई के लिए उपयोग होता था, लेकिन आज यह आंकड़ा 63 प्रतिशत पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की बेमिसाल कोशिशों से पहली बार नहरों और नदियों का पानी राज्य के अंतिम छोर पर बसे गांवों तक पहुंचा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार ने पंजाब का पानी अन्य राज्यों को जाने से रोका है।
एक अन्य कल्याणकारी योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि देश में पहली बार किसी राज्य द्वारा शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री सेहत योजना’ के तहत पंजाब के प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। उन्होंने गर्व से कहा कि पहली बार कोई राज्य ऐसी अनूठी योजना लेकर आया है, जिससे लोगों पर वित्तीय बोझ कम होगा और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जा सकेंगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस ऐतिहासिक कदम का उद्देश्य राज्य के प्रत्येक नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की धरती को उपजाऊ जमीन और मनमोहक वनस्पति का वरदान प्राप्त है। उन्होंने कहा कि पठानकोट जिले में चमरौड़ पत्तन जैसी खूबसूरत जगहें हैं, जिन्हें ‘मिनी गोवा’ के रूप में जाना जाता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब में अनमोल प्राकृतिक संसाधनों का सौभाग्य है, जो दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना समय की जरूरत है, जिससे लोगों का जीवन संवारा जा सकता है। उन्होंने दुख के साथ कहा कि पिछली सरकारों की अक्षमता के कारण पंजाब को विकास, विशेषकर पर्यटन क्षेत्र में, अनदेखा किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जो पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए बड़े पैमाने पर आकर्षित कर सकती हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पर्यटकों के लिए कई स्थानों को विकसित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य के युवाओं में वतन वापसी का रुझान देखा जा रहा है और हमारे युवा नौकरी मांगने के बजाय नौकरी देने वाले बन रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार का एकमात्र एजेंडा युवाओं को सरकारी नौकरियां देकर उन्हें अधिक अधिकार देना है। उन्होंने कहा कि इससे युवा देश और राज्य की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में बराबर के भागीदार बनेंगे।