Friday, August 1, 2025
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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सीईटी परीक्षा की तैयारियों को लेकर विभिन्न विभागों की व्यवस्थाओं की करी गहन समीक्षा

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सीईटी परीक्षा की तैयारियों को लेकर विभिन्न विभागों की व्यवस्थाओं की करी गहन समीक्षा

 

सभी संवेदनशील परीक्षा केंद्रों की जानकारी समय रहते गृह विभाग को भेजे जिला प्रशासन – मुख्यमंत्री

 

प्रश्न पत्र भंडारण स्थल से परीक्षा केंद्र तक की संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी सुनिश्चित की जाए

 

सीईटी से जुड़ी भ्रामक सूचनाओं के प्रसारण पर रखें सख्त निगरानी

 

तीज पर्व के मद्देनजर आमजन की सुविधा हेतु पर्याप्त बसों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए – मुख्यमंत्री

Priyanka Thakur

 

 हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने सभी जिला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि 26 और 27 जुलाई को आयोजित होने वाली सीईटी परीक्षा के मद्देनज़र सभी संवेदनशील परीक्षा केंद्रों की जानकारी समय रहते गृह विभाग को प्रेषित करें ताकि आवश्यकता पड़ने पर संबंधित क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा निलंबित करने की प्रक्रिया पूरी की जा सके और परीक्षा को पूर्णतः शांतिपूर्ण और निष्पक्ष संपन्न करवाया जा सके।

मुख्यमंत्री आज यहां सीईटी परीक्षा की तैयारियों को लेकर बुलाई गई बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा पहली बार इतने बड़े  स्तर पर सीईटी परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में सभी उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक परीक्षा से संबंधित सभी आवश्यक तैयारियों को समय पर पूर्ण करें ताकि परीक्षार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि सभी जिलों में प्रश्न पत्र भंडारण स्थल से परीक्षा केंद्र तक उसकी पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी सुनिश्चित की जाए, जिससे परीक्षा की पारदर्शिता एवं सुरक्षा बनी रहे। मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि परीक्षा केंद्रों के आसपास कोई भी असामाजिक तत्व सक्रिय न रहे। इसके अतिरिक्त, सोशल मीडिया पर भी सतर्क निगरानी रखी जाए ताकि यदि कोई व्यक्ति परीक्षा से संबंधित किसी प्रकार की अफवाह फैलाने का प्रयास करे तो उसे समय रहते रोका जा सके और भ्रामक सूचनाएं प्रसारित न हों।

तीज पर्व के मद्देनजर आमजन की सुविधा हेतु पर्याप्त बसों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए – मुख्यमंत्री

उन्होंने कहा कि सीईटी परीक्षा के दौरान जहां बसों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जानी है, वहीं आगामी तीज पर्व को ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग यह भी सुनिश्चित करे कि आमजन की आवाजाही के लिए भी पर्याप्त बसों की व्यवस्था रहे, जिससे प्रदेशवासियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। मुख्यमंत्री ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे 26 और 27 जुलाई को आयोजित सीईटी परीक्षा के दोनों दिनों में अपनी सुविधा को ध्यान में रखते हुए अनावश्यक यात्रा से बचें ताकि परीक्षार्थियों को निर्बाध यातायात व्यवस्था मिल सके।

महिला परीक्षार्थियों के अभिभावक को मिले नि:शुल्क यात्रा की सुविधा

उन्होंने कहा कि जिन जिलों से बसों को 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर परीक्षा केंद्रों तक पहुंचना है, वहां जिला प्रशासन विशेष प्रबंध सुनिश्चित करे। परिवहन विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि आकस्मिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बसों को रिज़र्व रखा जाए। साथ ही, डायल-112 सेवा को भी दो दिन के लिए इस व्यवस्था में जोड़ा जाए ताकि किसी आपात स्थिति में त्वरित सहायता उपलब्ध हो सके और सभी परीक्षार्थी निर्धारित समय से कम से कम आधा घंटा पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंच सकें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि महिला परीक्षार्थियों के साथ आने वाले अभिभावकों को भी परीक्षा दिवस पर बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए।

सीईटी परीक्षा के सफल संचालन हेतु सभी तैयारियां पूर्ण – मुख्य सचिव

बैठक के दौरान मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने बताया कि 26 और 27 जुलाई को आयोजित होने वाली सीईटी परीक्षा के सफल एवं सुचारु संचालन हेतु राज्य सरकार द्वारा सभी आवश्यक प्रबंध पूरे कर लिए गए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि परीक्षा के दोनों दिनों में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को अवकाश न दिया जाए और सभी संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी अपने मोबाइल फोन चालू स्थिति में रखें ताकि आवश्यकतानुसार त्वरित संपर्क किया जा सके।

महिला परीक्षार्थियों की सुरक्षा हेतु की जाए समुचित व्यवस्था – डॉ. सुमिता मिश्रा

बैठक में गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि परीक्षा के सफल आयोजन के लिए धारा 163 लागू कर सभी परीक्षा केंद्रों पर निर्धारित दायरें में विभिन्न गतिविधियों पर रोक लगाई जाये। पर्याप्त संख्या में ड्यूटी मजिस्ट्रेट की नियुक्ति सुनिश्चित की जाए और सभी सेवा प्रदाताओं (सर्विस प्रोवाइडर्स) का पुलिस सत्यापन अनिवार्य रूप से पूरा किया जाए। डॉ. मिश्रा ने यह भी कहा कि पुलिस विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि परीक्षा के दोनों दिन परीक्षा केंद्रों के आसपास स्थित कोचिंग सेंटर और फोटोस्टेट की दुकानों को बंद रखा जाए। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बिना वैध पहचान पत्र के कोई भी व्यक्ति परीक्षा केंद्र में प्रवेश न कर सके।  इसके अतिरिक्त, महिला परीक्षार्थियों की सुरक्षा और आवश्यक सुविधाओं की समुचित व्यवस्था भी की जाए।

ड्यूटी स्टाफ को मोबाइल या डिजिटल डिवाइस केंद्र में ले जाने की अनुमति न हो – पुलिस महानिदेशक

पुलिस महानिदेशक श्री शत्रुजीत कपूर ने कहा कि परीक्षा में पेपर लीक या प्रतिरूपण जैसी किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए सभी पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करें कि प्राइवेट स्कूलों का स्टाफ परीक्षा दिवस पर स्कूल में प्रवेश न करे। परीक्षा केंद्रों में ड्यूटी पर तैनात किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को मोबाइल फोन या कोई अन्य डिजिटल डिवाइस अंदर ले जाने की अनुमति न दी जाए। परीक्षा केंद्रों के आसपास 500 मीटर के दायरे में सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ एकत्रित न होने दी जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस बल पूरी मुस्तैदी से कार्य करते हुए परीक्षा के शांतिपूर्ण और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करे।

बैठक में जानकारी दी गई कि इस बार सीईटी परीक्षा में लगभग 13 लाख 48 हजार अभ्यर्थी भाग ले रहे हैं। परीक्षा के सफल आयोजन हेतु प्रदेशभर में कुल 834 परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता, उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग,  स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल, परिवहन विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्री टी एल सत्यप्रकाश, सीआईडी प्रमुख श्री सौरभ सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में सभी जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए।

हरियाणा सरकार ने आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को दी बड़ी राहत

 

वर्ष 2021-22 में आंदोलन के दौरान वर्कर्स और हेल्पर्स पर दर्ज मुकदमों को रद्द करने का फैसला

चंडीगढ़, 22 जुलाई – हरियाणा सरकार ने राज्य में आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को बड़ी राहत देते हुए आंदोलन के दौरान आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स बने मुकदमों को रद्द करने का फैसला लिया है।

सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि  वर्ष 2021-22 में आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स ने आंदोलन किया था, जिस दौरान गुरुग्राम, दादरी और करनाल आदि में उन पर पुलिस केस बने थे। इस बारे आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा समय-समय पर पुलिस मुकदमों को रद्द करने के लिए प्रतिवेदन दिए, जिस पर सरकार ने सहानुभूतिपूर्वक विचार कर ऐसे सभी मुकदमों को रद्द करने का निर्णय लिया है।

 

हरियाणा में लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे की पहल

 

‘मीडिएशन फॉर द नेशन‘ अभियान के तहत होगा मामलों का निपटारा

 

मुख्य सचिव ने विभागों को दिए पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश

चंडीगढ़, 22 जुलाई-हरियाणा सरकार ने राज्य के सभी प्रशासनिक सचिवों को ‘मीडिएशन फॉर द नेशन’ नामक राष्ट्रव्यापी अभियान में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। जुलाई से सितंबर 2025 तक चलने वाला यह 90 दिवसीय अभियान राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएलएसए) और सर्वोच्च न्यायालय की मीडिएशन एंड कन्सीलेशन प्रोजेक्ट कमेटी (एमसीपीसी) द्वारा संयुक्त रूप से शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य देशभर के तालुका न्यायालयों, जिला न्यायालयों और उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों का मध्यस्थता के माध्यम से शीघ्र निपटारा करना है।

मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी द्वारा इस बारे में सभी प्रशासनिक सचिवों को एक जारी एक पत्र में कहा गया है कि इस पहल के तहत हाल ही में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की मध्यस्थता और सुलह समिति द्वारा एक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी। इसमें हरियाणा और पंजाब के मुख्य सचिव, यूटी चंडीगढ़ के गृह सचिव, दोनों राज्यों के महाधिवक्ता और यूटी चंडीगढ़ के स्थायी अधिवक्ता शामिल हुए। बैठक में उपयुक्त मामलों की पहचान करने और उन्हें मध्यस्थता के लिए भेजने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मध्यस्थता और सुलह केंद्र के निदेशक द्वारा विभागों को भूमि अधिग्रहण और सेवा से जुड़े लंबित मामलों की सूची उपलब्ध कराई जाएगी। जिन विभागों के मामले उच्च न्यायालय में लंबित हैं, वे इस सूची की समीक्षा कर ऐसे मामलों की पहचान करेंगे, जिनका समाधान मध्यस्थता के माध्यम से संभव है। इसके अतिरिक्त, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) और हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) से संबंधित एचयूआईडी श्रेणी के मामलों को भी मध्यस्थता के लिए चिह्नित किया जाएगा।

सभी संबंधित विभागों को राज्य सरकार की लिटीगेशन पॉलिसी का अध्ययन करने और महाधिवक्ता से परामर्श कर ऐसे मामलों की पहचान करने को कहा गया है, जिनका समाधान अदालत से बाहर मध्यस्थता के माध्यम से किया जा सकता हो। विभागों को ऐसे मामलों की अंतिम सूची 25 जुलाई 2025 तक पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मध्यस्थता और सुलह केंद्र के निदेशक को सौंपनी होगी। इस सूची की प्रति मुख्य सचिव कार्यालय और न्याय प्रशासन विभाग को भी भेजनी अनिवार्य है।

 

हरियाणा के कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल की अध्यक्षता में लैंड रिकॉर्ड समीक्षा बैठक आयोजित

आंकड़ों के डिजिटलीकरण, डाटा सेंटर और प्रशिक्षण पर जोर

चंडीगढ़, 22 जुलाई–हरियाणा के कैबिनेट मंत्री श्री विपुल गोयल ने हरियाणा में भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन की स्थिति और इसके डिजिटलीकरण की प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में हरियाणा रेवेन्यू कमीशन ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें भूमि रिकॉर्ड प्रणाली को नागरिक-उन्मुख और व्यापार सुगमता (Ease of Doing Business) के अनुरूप बनाने पर बल दिया गया। बैठक में डिजिटलीकरण को 100% करने, डाटा इंटिग्रेशन सेंटर की स्थापना, और रेवेन्यू विभाग के कर्मचारियों के प्रशिक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा हुई, जिससे हरियाणा में भूमि प्रबंधन को और अधिक पारदर्शी, कुशल और जन-केंद्रित बनाने की दिशा में चल रहे क्रिया कलापों को मजबूती मिलेगी।

हरियाणा रेवेन्यू कमीशन की रिपोर्ट: नागरिक-उन्मुख और व्यापार सुगमता पर फोकस

बैठक में हरियाणा रेवेन्यू कमीशन ने अपनी व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें भूमि रिकॉर्ड प्रणाली को और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। कमीशन ने सुझाव दिया कि लैंड रिकॉर्ड प्रणाली को इस तरह से डिजाइन किया जाए कि आम नागरिकों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा संबंधित दस्तावेज सुगमता से मुहैया हो सके। साथ ही, यह प्रणाली व्यापार सुगमता के सिद्धांतों को ध्यान में रखकर तैयार की जाए ताकि हरियाणा में निवेश और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले। कमीशन ने डिजिटल तकनीकों के उपयोग से प्रक्रियाओं को सरल बनाने, समयबद्ध सेवाएं प्रदान करने, और पारदर्शिता बढ़ाने की सिफारिश की। यह कदम न केवल आम नागरिकों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि हरियाणा को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा।

90 प्रतिशत भूमि रिकॉर्ड डिजिटल, 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य

कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने बैठक में बताया कि हरियाणा में अब तक 90 फीसदी भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण पूरा हो चुका है, जो डिजिटल इंडिया पहल के तहत एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। उन्होंने रेवेन्यू विभाग को निर्देश दिए कि शेष 10 फीसदी रिकॉर्ड को भी जल्द से जल्द डिजिटल किया जाए ताकि 100 फीसदी डिजिटलीकरण का लक्ष्य शीघ्र प्राप्त हो। डिजिटल रिकॉर्ड से भूमि से संबंधित विवादों में कमी आएगी, और नागरिक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी संपत्ति के दस्तावेज आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। गोयल ने इस प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए।

डाटा इंटिग्रेशन सेंटर और सुरक्षित डाटाबेस की स्थापना

मंत्री विपुल गोयल ने भूमि रिकॉर्ड के लिए एक डाटा इंटिग्रेशन सेंटर की स्थापना पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि एक समर्पित डाटा सेंटर बनाया जाए, जो डिजिटल भूमि रिकॉर्ड को सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से संग्रहित करे। यह सेंटर विभिन्न विभागों के बीच डेटा एकीकरण को सुगम बनाएगा और एक सुरक्षित डाटाबेस के रूप में कार्य करेगा। डाटा सेंटर की स्थापना से न केवल डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि रेवेन्यू विभाग की कार्यक्षमता में भी सुधार होगा। गोयल ने इस बात पर बल दिया कि डाटा सेंटर को अत्याधुनिक तकनीकों और साइबर सुरक्षा प्रोटोकॉल से लैस किया जाए ताकि डेटा की गोपनीयता और अखंडता बनी रहे। इससे नागरिकों को तेजी से सेवाएं मिलेंगी और प्रशासनिक प्रक्रियाएं और कुशल होंगी।

रेवेन्यू विभाग के कर्मचारियों का प्रशिक्षण

बैठक में रेवेन्यू विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। विपुल गोयल ने कहा कि डिजिटल प्रणाली के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कर्मचारियों को आधुनिक तकनीकों और प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण देना आवश्यक है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में डिजिटल रिकॉर्ड प्रबंधन, सॉफ्टवेयर उपयोग, डेटा एन्ट्री, और साइबर सुरक्षा जैसे विषय शामिल होंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि कर्मचारी डिजिटल प्रणाली के साथ तालमेल स्थापित कर सकें और नागरिकों को त्वरित और सटीक सेवाएं प्रदान कर सकें। कैबिनेट मंत्री ने विशेष रूप से पटवारियों और उनके बाद के पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए लक्षित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। पटवारी, जो भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन की प्रथम कड़ी हैं, उनके कौशल को और निखारने के लिए यह कदम उठाया जाएगा। प्रशिक्षण में डिजिटल टूल्स का उपयोग, भूमि सर्वेक्षण, रिकॉर्ड अपडेशन, और नागरिक शिकायतों के समाधान जैसे पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा। इससे न केवल कार्य की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि नागरिकों को जमीन से संबंधित सेवाएं तेजी से और पारदर्शी तरीके से उपलब्ध होंगी।

कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने जोर देकर कहा कि इन पहलों का मुख्य उद्देश्य हरियाणा में भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन को पूरी तरह से डिजिटल, पारदर्शी और जन-केंद्रित बनाना है। डिजिटलीकरण और डाटा सेंटर की स्थापना से भूमि विवादों में कमी आएगी, और नागरिकों को अपनी संपत्ति से संबंधित जानकारी तक आसान पहुंच मिलेगी। साथ ही, प्रशिक्षण कार्यक्रम रेवेन्यू विभाग की कार्यक्षमता को बढ़ाएंगे, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाएं और कुशल होंगी। यह कदम हरियाणा को व्यापार सुगमता और डिजिटल शासन के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में भी सहायक होंगे।बैठक में वित्तायुक्त राजस्व श्रीमती सुमिता मिश्रा और रिटायर्ड आईएएस श्री वी एस कुंडू समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे।

खरीफ सीजन –2025 के लिए हरियाणा में नहीं है खाद की किल्लतः कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा

-राज्य में यूरिया और डीएपी का पर्याप्त स्टॉक

– कालाबाजारी पर कड़ी नजर, अब तक 1,974 निरीक्षण

— हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने राज्य में खाद की कमी को लेकर उठ रही चिंताओं को खारिज करते हुए कहा है कि खरीफ सीज़न-2025  के दौरान यूरिया और डीएपी जैसे जरूरी उर्वरकों की कोई किल्लत नहीं है।

उन्होंने मीडिया में “खाद की किल्लत” से संबंधित प्रकाशित एक खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए उसे भ्रामक बताया और स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के सहयोग से किसानों को समय पर और पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध करवाई है। कृषि मंत्री ने कहा  रिपोर्ट में जो आकड़े दिए गए वो रबी सीजन से संबंधित है, जबकि जो डी. ए. पी. का आवंटन है वो खरीफ सीजन के लिए है।

यूरिया की स्थिति

उन्होंने बताया कि आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खरीफ सीजन 2025 के लिए हरियाणा को कुल 10.07 लाख मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता है।एक अप्रैल से 19 जुलाई तक की अनुमानित मांग 5.91 लाख मीट्रिक टन थी, जबकि इस अवधि में केंद्र सरकार ने 8.54 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध कराया है, जिसमें से 7.5 लाख मीट्रिक टन किसानों को बेचा जा चुका है। वर्तमान में 1.04 लाख मीट्रिक टन यूरिया राज्य में स्टॉक में है और 16,307 मीट्रिक टन रास्ते में है, जिससे कुल उपलब्धता लगभग 1.20 लाख मीट्रिक टन हो जाती है।

डीएपी की स्थिति

कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य को खरीफ सीजन के दौरान 2.83 लाख मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है, जिसमें से एक अप्रैल से 19 जुलाई तक 1.37 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता थी। अभी तक 1.46 लाख मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की जा चुकी है, जिसमें से 1.10 लाख मीट्रिक टन बिक चुका है। वर्तमान में 36,000 मीट्रिक टन स्टॉक में है. जबकि 5,467 मीट्रिक टन रास्ते में है, जिससे कुल उपलब्ध डीएपी 41,000 मीट्रिक टन हो जाता है।

कालाबाजारी और जमाखोरी पर सख्ती

श्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि राज्य सरकार ने खाद की कालाबाजारी, जमाखोरी, मिलावट और अवैध टैगिंग को रोकने के लिए निगरानी और प्रवर्तन की कार्रवाई तेज कर दी है। अब तक पूरे राज्य में 1,974 निरीक्षण किए गए हैं। इन कार्रवाइयों के तहत 8 एफआईआर दर्ज की गई हैं, 26 डीलरों के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं, एक लाइसेंस रद्द किया गया है और 96 शोकॉज नोटिस जारी किए गए हैं।

किसानों से संयमित खरीद की अपील

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद समय पर और उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने खाद वितरण प्रणाली को पारदर्शी और अनुशासित बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं।

उन्होंने किसानों से भी अपील की कि वे खाद केवल मौजूदा खरीफ सीजन की आवश्यकता के अनुसार ही खरीदें। रबी सीजन के लिए अभी से खाद का संग्रह न करें, क्योंकि इससे दूसरों के लिए अनावश्यक कमी उत्पन्न हो सकती है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने दोहराया कि किसी भी जिले में खाद की कमी नहीं है और मांग के अनुसार आपूर्ति की जा रही है। मौजूदा स्टॉक और नियमित निगरानी व्यवस्था के साथ राज्य खरीफ सीजन की शेष अवधि के लिए पूरी तरह तैयार है।

क्रमांक -2025

जंगबीर सिंह

हरियाणा में साप्ताहिक लिंगानुपात सुधरकर हुआ 917

 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री आरती सिंह राव सख्त

 

अधिकारियों को लिंगानुपात की स्थिति पर साप्ताहिक समीक्षा बैठक करने के दिए हैं निर्देश

 

690 रिवर्स ट्रैकिंग और 18 एफआईआर के साथ, एसटीएफ ने हरियाणा में ‘बेटी बचाओ’ अभियान को किया तेज़

हरियाणा की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री आरती सिंह राव के निर्देश पर हरियाणा में लिंगानुपात की स्थिति पर समीक्षा करने के लिए गठित राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) की हर सप्ताह बैठक की जाती है। इसी कड़ी में आज यहां महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं (डीजीएचएस) श्री मनीष बंसल की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई।

बैठक में अवैध गर्भपात पर अंकुश लगाने और ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत राज्य के लिंगानुपात में और सुधार लाने के लिए ठोस कदम उठाने पर चर्चा की गई।

बैठक में जानकारी दी गई कि सरकारी प्रयास काफी कारगर सिद्ध हो रहे हैं और पिछले सप्ताह (14 से 21 जुलाई, 2025) में हरियाणा का लिंगानुपात सुधरकर 917 हो गया, जो पिछले वर्ष इसी सप्ताह 860 था। यदि 1 जनवरी से 21 जुलाई तक की गणना की जाए तो राज्य का लिंगानुपात इस वर्ष 904 पर 2 अंक की वृद्धि के साथ दर्ज किया गया, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 902 था।

डॉ. बंसल ने अधिकारियों को ने अवैध गर्भपात के खिलाफ सख्त निगरानी रखने के आदेश दिए और कहा कि दोषी पाए गए डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द करने सहित अन्य दंडात्मक कार्रवाई भी की जाए।

 उन्होंने कहा कि राज्य सभी मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) और 12 सप्ताह से अधिक के गर्भपात के मामलों की रिवर्स ट्रैकिंग लागू कर रहा है, खासकर जहां महिलाओं को पहले से ही एक या अधिक बेटियां हैं। अब तक प्रदेश भर में 690 रिवर्स ट्रैकिंग पूरी हो चुकी हैं, जिनमें सबसे ज्यादा संख्या अंबाला में दर्ज की गई है। इसके चलते संदिग्ध मामलों में कुल 18 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 13 और एफआईआर वर्तमान में प्रक्रिया में हैं। कई निजी अस्पतालों और क्लीनिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, जिन पर कदाचार का संदेह है, साथ ही संबंधित गर्भवती महिलाओं से जुड़े चिकित्सा अधिकारियों, आशा, एएनएम और सहेलियों को भी कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

डीजीएचएस (पी) श्री कुलदीप सिंह ने सभी सीएमओ और वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की और उन्हें गर्भपात के मामलों की सूचना मिलने के 24 घंटे के भीतर रिवर्स ट्रैकिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी सीएमओ से पिछले तीन महीनों के एमटीपी मामलों के आंकड़े भी मांगे और गर्भपात के मामलों पर प्रभावी नज़र रखने के लिए ओपीडी केंद्रों पर स्त्री रोग विशेषज्ञों के साथ समन्वय पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन कार्रवाई के दौरान किसी भी कानून-व्यवस्था संबंधी समस्या की स्थिति में पुलिस की सहायता ली जानी चाहिए।

टास्क फोर्स ने कुछ जिलों में पाई गई लापरवाही पर कड़ी आपत्ति जताई और रिवर्स ट्रैकिंग न करने वाले अधिकारियों को चार्जशीट करने का फैसला किया। इसने सभी सीएमओ और पीएनडीटी अधिकारियों को व्यापक रूप से फील्ड छापे मारने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कार्यान्वयन में कोई ढिलाई न हो। अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया कि वे अपने जिलों में किए गए किसी भी प्री-इम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग (पीआईजीटी) की रिपोर्ट अनुरोध प्राप्त होने के पाँच दिनों के भीतर दें, ताकि लिंग-आधारित दुरुपयोग की निगरानी और रोकथाम की जा सके।

बैठक में प्रगति की समीक्षा और अंतर-विभागीय प्रयासों के समन्वय के लिए विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

– आगामी खरीफ खरीद सीजन 2025 – 26 के लिए तैयारियाँ   पूरी – राज्य मंत्री राजेश नागर

 

– मंडियां खुली, फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय

चंडीगढ़, 22 जुलाई – राज्य सरकार द्वारा आगामी खरीफ खरीद सीजन 2025 – 26 से सम्बंधित तैयारियां आरम्भ कर दी गई हैं। हरियाणा के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री श्री राजेश नागर ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा खरीफ खरीद सीजन 2025 – 26 फसलों जैसे कि धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन, तिल तथा नाइजर सीड्स / काला तिल आदि का न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया गया है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा उक्त फसलों की खरीद हेतु राज्य में धान के लिए 246, ज्वार के लिए 22, बाजरा के लिए 92, मक्का के लिए 19 अरहर के लिए 22, मूंग क लिए 38, उड़द के लिए 10, मूंगफली के लिए 7, सोयाबीन के लिए 7, तिल के लिए 27 एवं नाइजर सीड्स / काला तिल के लिए 2 मंडियां या खरीद केंद्र खोले जा चुके हैं।

राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है जोकि इस प्रकार से है – धान (कॉमन) : 2369, धान (ग्रेड ए) – 2389, ज्वार – (Hybrid) – 3699, ज्वार (Maldandi) – 3749, बाजरा – 2775, मक्का – 2400, अरहर – 8000, मूंग – 8768, उड़द – 7800, मूंगफली – 7263, सोयाबीन – 5328, तिल – 9846 एवं नाइजर सीड्स / कला तिल – 9537 प्रति क्विंटल है।

हरियाणा के अध्यात्म पर्यटन को रफ्तार देंगे सिख संग्रहालय व गुरु रविदास संग्रहालय

 

: हरियाणा सरकार ने दोनों प्रोजेक्टों के लिए निगरानी समिति का किया गठन

 

: कुरुक्षेत्र के उमरी में पुरातत्व विभाग व एचएसवीपी द्वारा बनाए जाएंगे दोनों संग्रहालय

Priyanka Thakur

हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र के उमरी में 5 एकड़ में स्थापित होने वाले गुरु रविदास भवन एवं संग्रहालय व 3 एकड़ में स्थापित होने वाले सिख संग्रहालय के लिए उच्च स्तरीय निगरानी समिति के गठन को मंजूरी प्रदान की है, ताकि दोनों प्रोजेक्ट वैश्विक पर्यटकों के अनुरूप तैयार किए जा सकें।

विरासत व पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने बताया कि कुरुक्षेत्र के उमरी में पुरातत्व व संग्रहालय विभाग व हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में गुरु रविदास भवन एवं संग्रहालय व सिख संग्रहालय के लिए समिति का गठन कर दिया गया है। दोनों संग्रहालयों को भव्य तरीके से स्थापित करने व वैश्विक पहचान का केंद्र बनाने के उद्देश्य से गठित समिति की अध्यक्षता विरासत व पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव द्वारा की जाएगी, जबकि समिति में पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक, उपायुक्त कुरुक्षेत्र, मुख्यमंत्री हरियाणा के विशेष कार्य अधिकारी प्रभलीन, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग की उपनिदेशक बनानी भट्टाचार्या, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण अंबाला के कार्यकारी अभियंता, विषय विशेषज्ञ, महानिदेशक, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के प्रतिनिधि को शामिल किया गया है।

विरासत व पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा कुरुक्षेत्र में गुरु रविदास जी की समावेशी और समतावादी शिक्षाओं पर आधारित देश का पहला इमर्सिव पर्यटन और आध्यात्मिक स्थल बनाया जाएगा। यह स्थल सामाजिक सद्भाव, चिंतन, शिक्षा और परिवर्तन का प्रतीक होगा, जहां दुनिया भर से तीर्थ यात्रियों, पर्यटकों का आगमन होगा। उन्होंने बताया कि इस संग्रहालय में गुरु रविदास की भव्य प्रतिमा स्थापित होगी, जिसके चारों ओर प्रवचन, प्रदर्शनी व सामुदायिक कार्यक्रमों के लिए एक ओपन-एयर थिएटर बनाया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों, संगोष्ठियों, व्याख्यानों और सामुदायिक समारोहों के लिए एक आधुनिक ऑडिटोरियम का निर्माण भी प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि बेगमपुरा के आदर्शवादी दृष्टिकोण को पुनर्जीवित करते हुए एक दुख-मुक्त शहर की प्रस्तावना तैयार की गई है, जहां आमजन सामाजिक समानता, न्याय और एकता की भावना को महसूस करेंगे। आगंतुकों के लिए प्रेम, विनम्रता और शांति की सार्वभौमिक शिक्षाओं पर ध्यान और चिंतन करने हेतु एक शांत, आध्यात्मिक रूप से उत्थानकारी स्थान ध्यान केंद्र, गुरु रविदास पुस्तकालय एवं अनुसंधान केंद्र, गुरबानी खोल हाल, संग्रहालय एवं डिजिटल गैलरी का निर्माण किया जाएगा।

कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि इसी प्रकार सिख संग्रहालय का विकास, जो सिख गुरुओं के दृष्टिकोण, शिक्षाओं और योगदान को प्रतिबिंबित करेगा। यह संग्रहालय सिख विरासत का जश्न मनाने, शिक्षा, अनुसंधान और पर्यटन को बढ़ावा देने वाला एक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक स्थल होगा। संग्रहालय में सिख इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं, गुरु काल और उनके हरियाणा के साथ जुड़ाव पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसमें गुरु नानक देव से लेकर गुरु गोबिंद सिंह और उसके बाद के समय की प्रामाणिक और सत्यापित ऐतिहासिक जानकारी का सावधानीपूर्वक दस्तावेजीकरण और प्रस्तुतिकरण किया जाएगा, जिससे शैक्षणिक सटीकता और सांस्कृतिक संवेदनशीलता सुनिश्चित हो।

उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक कथाओं को प्रभावी ढंग से पर्यटकों व श्रद्धालुओं को महसूस कराने के लिए पारंपरिक और समकालीन माध्यमों जैसे भित्ति चित्र, डायोरमा, डिजिटल कला, होलोग्राफी, लेजर शो और इंटरैक्टिव इंस्टॉलेशन को बढावा दिया जाएगा।

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