Tuesday, August 5, 2025
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राष्ट्रहित में सवाल पूछना हर सांसद का कर्तव्य है: कुमारी सैलजा

राष्ट्रहित में सवाल पूछना हर सांसद का कर्तव्य है: कुमारी सैलजा

 

जनता की आवाज संसद में उठाना जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है, कोई अपराध नहीं

 

Priyanka Thakur

 

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने वही प्रश्न उठाए हैं जो इस देश की जागरूक जनता के मन में हैं। हर देशवासी सोचता है कि संसद उसकी समस्याओं को दूर करेगा, सांसद उन समस्याओं पर मंथन कर हल निकालेंगे। जनता की आवाज को संसद में उठाना जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है, न कि अपराध।

 

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि यदि चीन बार-बार भारत की अखंडता, एकता और संप्रभुता को चुनौती देता है, तो लोकतंत्र में यह हमारा राष्ट्र धर्म बनता है कि हम सरकार से सदन के भीतर और बाहर सवाल पूछें। सांसद ने कहा कि जैसा कि डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था- अगर सड़के खामोश हो जाएं तो संसद आवारा हो जाएगी। यह कथन आज पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है। जनता की आवाज को संसद में उठाना जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी है, न कि अपराध।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जी का यह साहसिक कदम बताता है कि कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र, राष्ट्र की सुरक्षा और जनसंप्रभुता के मूल मूल्यों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सांसद ने कहा कि लोकतंत्र में सवाल ही जनचेतना के प्रतीक होते हैं। सांसद ने कहा कि सरकार से जवाबदेही मांगना कोई राष्ट्रविरोध नहीं बल्कि राष्ट्र के प्रति गहन प्रतिबद्धता का प्रतीक है। सैलजा ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह विपक्ष की आवाज को दबाने के बजाय उसे सुने और देशहित में पारदर्शिता तथा जवाबदेही सुनिश्चित करे।

 

 

 

हरियाणा के सरकारी स्कूलों की दुर्दशा शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण

 

सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा के विभिन्न जिलों से आ रही रिपोर्टों में सामने आया है कि राज्य के कई सरकारी स्कूलों की हालत अत्यंत जर्जर, असुरक्षित और शिक्षा के अनुकूल नहीं है। यह स्थिति प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की अनदेखी और सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाती है। यह अत्यंत दुखद है कि जिन स्कूलों में हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री भगवत दयाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल जैसे सम्मानित नेता पढ़े, वहां आज पानी भर रहा है, दीवारें टपक रही हैं और कक्षाएं जर्जर भवनों में चल रही हैं। यह राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर सीधा प्रश्नचिह्न है। पंचायत मंत्री और अन्य जनप्रतिनिधियों के गांवों के स्कूलों की भी यही हालत होना यह दिखाता है कि सरकार सिर्फ घोषणाएं करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। प्रदेश के स्कूलों में टपकती छतें, टूटे दरवाजे-खिड़कियां, जलभराव, दीवारों से रिसता पानी और जानवरों के खेलने वाले मैदान में घास उग आना यह सब मिलकर शिक्षा के मूल अधिकार का उल्लंघन है। सरकार सरकार तुरंत सभी सरकारी स्कूलों की संरचनात्मक समीक्षा कराए। कांग्रेस शिक्षा के मुद्दे पर हरियाणा की जनता के साथ खड़ी है और हर बच्चे को गरिमा के साथ पढ़ने का अधिकार दिलाने के लिए हर मंच पर आवाज़ उठाएगी।

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