रिलायंस फ़ाउंडेशन और “ दादू– द चिल्ड्रन्स म्यूज़ियम ऑफ क़तर ” ने बच्चों के लिए ‘लाइट अटेलियर‘ को नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर में प्रस्तुत किया।
“‘लाइट अटेलियर‘” ने प्रकाश और छाया (light and shadows) के विज्ञान पर केंद्रित इंटरएक्टिव लर्निंग को बढ़ावा दिया और इसका शुभारंभ रिलायंस फाउंडेशन ईएसए डे के साथ हुआ, जिसमें सीमित संसाधन वाले समुदायों से आए 100 बच्चों ने हिस्सा लिया।
मुंबई, 18 जुलाई 2024: रिलायंस फाउंडेशन और नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर (NMACC), दादू– द चिल्ड्रन्स म्यूज़ियम ऑफ क़तर के सहयोग से, 19 जुलाई से 10 अगस्त, 2025 तक मुंबई में म्यूज़ियम इन रेसिडेंस: लाइट अटेलियर का शुभारंभ करने के लिए उत्साहित हैं। यह इंटरऐक्टिव प्रदर्शनी बच्चों को रोशनी, छाया और रंगों की दुनिया से जुड़ने और उसे अनुभव करने के लिए अवसर प्रदान करती है— वह भी एक मनोरंजक और शिक्षाप्रद तरीके से।
18 जुलाई को ‘लाइट अटेलियर’ प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर, रिलायंस फाउंडेशन की ‘एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स फॉर ऑल (ESA)’ पहल के अंतर्गत, सीमित संसाधन वाले समुदायों से आए 100 बच्चों को एक ज्ञानवर्धक और आनंदमयी अनुभव के लिए आमंत्रित किया गया। रिलायंस की ‘वी केयर’ नीति के अंतर्गत, ईएसए का लक्ष्य है कि प्रत्येक वर्ग के बच्चों को शिक्षा और खेल के समान अवसर मिलें, ताकि वे बड़े सपने देख सकें और अपनी क्षमताओं को पहचानकर उन्हें पूरा कर सकें।
इस अवसर पर ईशा अंबानी ने कहा की “NMACC में हम शिक्षा को प्रोत्साहित करने और विशेष रूप से बच्चों और युवाओं के लिए कला की पहुँच को व्यापक बनाने के लिए समर्पित हैं। “हम दादू, चिल्ड्रन्स म्यूज़ियम ऑफ़ क़तर के साथ मिलकर पहली बार भारत में ‘लाइट अटेलियर’ कार्यक्रम लेकर आ रहे हैं, और यह हमारे वार्षिक ‘बचपन’ महोत्सव का एक खास हिस्सा है। हमारा प्रयास है कि हम बच्चों को ऐसे सार्थक अनुभवों से जोड़ें जो उनकी रचनात्मकता और कल्पनाशीलता को प्रोत्साहित करें। ‘लाइट अटेलियर’ जैसे कार्यक्रम बच्चों की कल्पनाशीलता को बढ़ाते हैं और उन्हें रोशनी, रंग और कला के ज़रिए अपनी बात कहने की प्रेरणा देते हैं।
कला, विज्ञान और डिज़ाइन के तत्वों के अद्भुत मेल के माध्यम से यह प्रदर्शनी रचनात्मकता, खोज और उस स्वाभाविक जिज्ञासा का उत्सव मनाती है, जो हर बच्चे की कल्पना को उजागर करती है। लाइट अटेलियर, दादू – द चिल्ड्रन म्यूज़ियम ऑफ क़तर की एक प्रमुख पहल ‘म्यूज़ियम इन रेज़िडेंस’ के अंतर्गत प्रस्तुत की गई है, जिसका उद्देश्य है पारंपरिक स्थानों को बच्चों के लिए सीखने और समज़ने के लिए एक जीवंत मंच में परिवर्तित करना। यह पहल खेल और अनुभव के माध्यम से बच्चों को रचनात्मक शिक्षण के लिए बढ़ावा देती है। ‘लाइट अटेलियर’ प्रदर्शनी को यायोई कुसामा के ‘इन्फिनिटी रूम’ के फ्लौर पर विशेष रूप से तैयार किए गए एक समर्पित स्थान पर प्रस्तुत किया गया है। यह प्रदर्शनी बच्चों को सात विभिन्न इंटरैक्टिव स्टेशनों के माध्यम से रोशनी, परछाइयों, रंगों और परावर्तनों के साथ प्रयोग करने, कल्पना को उड़ान देने और रचनात्मकता के साथ सीखने के लिए प्रोत्साहित करती है। बिल्कुल ही साधारण चीज़ों का उपयोग करते हुए, यह प्रदर्शनी बच्चों को अपनी कल्पना की दुनिया में ले जाती है । बच्चों के लिए सबसे मज़ेदार बात यह है कि इस कार्यक्रम में शिक्षक या किसी बड़े के मार्गदर्शन की ज़्यादा ज़रूरत नहीं होती, बल्कि इसमें बच्चों को खुलकर खेलने, जोखिम उठाने, सक्रिय रूप से सीखने और कोशिश करने की आज़ादी होती है, जो बचपन के विकास के लिए ज़रूरी हैं।
यह कार्यक्रम NMACC के वार्षिक ‘बचपन’ उत्सव के साथ भारत में सब से पहेली बार आयोजित किया गया है। यह उत्सव बचपन की खुशियों का जश्न मनाता है, जिसमें नृत्य, संगीत, थिएटर, कहानी सुनाना, विज़ुअल आर्ट, खेल, इंटरैक्टिव वर्कशॉप्स, लाइव साइंस और बहुत कुछ शामिल है। इस साल का एडिशन अब तक का सबसे रंगीन और रचनात्मक है — जिसमें पेरेंट-चाइल्ड सेशन्स से लेकर कथक, कर्नाटिक संगीत, रेडियो जॉकी बनने की शुरुआत, और गोंड और लिप्पन आर्ट जैसे रूपों की झलक देखने को मिल रही है। लाइट अटेलियर, लोकप्रिय बचपन फेस्टिवल को और खास बनाएगा। यह NMACC की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता और भारत में बेहतरीन कला और संस्कृति लाने के प्रयास का हिस्सा है, साथ ही रिलायंस फाउंडेशन के उस मिशन का भी विस्तार है जो बचपन के विकास और आजीवन सीखने की मजबूत नींव रखने के लिए काम करता है।
इस प्रदर्शनी का लक्ष्य ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचना है। इसके लिए टिकट के ज़रिए एंट्री और स्कूल आउटरीच प्रोग्राम्स रखे गए हैं, जिनके तहत लोकल स्कूलों को उनके बच्चों को यह प्रदर्शनी दिखाने के लिए पैकेज दिए जाएँगे।
नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर का परिचय
नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर (NMACC) भारत के मुंबई शहर के केंद्र में स्थित एक अनोखा बहु-विषयक सांस्कृतिक मंच है, जो भारतीय और वैश्विक कला को समर्पित है।
नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर (NMACC) में तीन प्रमुख परफॉर्मिंग आर्ट्स स्पेस हैं— भव्य 2000 सीटों वाला ग्रैंड थिएटर, तकनीकी रूप से सुसज्जित 250 सीटों वाला स्टूडियो थिएटर और 125 सीटों की क्षमता वाला शानदार क्यूब। यहाँ एक खास चार मंज़िला आर्ट हाउस भी है, जहां भारत और दुनिया के बेहतरीन कलाकारों की कलाकृतियों की प्रदर्शनियाँ और इंस्टॉलेशन समय-समय पर लगाई जाती हैं। कल्चरल सेंटर की गैलरियों और गलियारों में भारत और दुनिया के नामी कलाकारों की कई शानदार कलाकृतियाँ प्रदर्शित हैं, जिनमें जापान की प्रसिद्ध कलाकार यायोई कुसामा की ‘इन्फिनिटी मिर्रोरेड़ रूम’ — एक अनोखी इमर्सिव इंस्टॉलेशन — और ‘कमल कुंज’ शामिल है, जो भारत की सबसे बड़ी पिचवाई पेंटिंग्स में से एक है।
रिलायंस फ़ाउंडेशन की पहल ‘स्वदेश’ एक खास प्रदर्शनी है, जो भारतीय संस्कृति और कारीगरी को नज़दीक से दिखाती है। इसमें देश के हुनरमंद कारीगरों की कला और शिल्प को खूबसूरती से पेश किया गया है।
मार्च 2023 में उद्घाटन के बाद से नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर में अब तक 1500 से अधिक प्रस्तुतियाँ हो चुकी हैं, जिनमें 7000 से भी ज़्यादा कलाकारों ने भाग लिया है। इस दौरान दो लाख से अधिक दर्शक सेंटर में आ चुके हैं। पिछले दो वर्षों से, नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर ने भारत के प्रमुख नाट्य-प्रदर्शनों जैसे ‘द ग्रेट इंडियन म्यूज़िकल: सिविलाइज़ेशन टू नेशन’, ‘मुग़ल-ए-आज़म’, ‘राजाधिराज: लव. लाइफ. लीला’ और साथ ही, ‘द साउंड ऑफ म्यूज़िक’, ‘मम्म मिया!’ और ‘द फैंटम ऑफ द ओपेरा’ जैसे दुनिया भर के मशहूर म्यूज़िकल्स भी यहाँ प्रस्तुत किए गए हैं।
नीता मुकेश अंबानी कल्चरल सेंटर (NMACC) को अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन ‘मैडम फिगारो’ में दुनिया के सात प्रमुख सांस्कृतिक केंद्रों में से एक के रूप में शामिल किया गया है।
रिलायंस फाउंडेशन का परिचय
रिलायंस फाउंडेशन, जो रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड की सामाजिक कल्याण संस्था है, जिसका उद्देश्य है भारत के सामने खड़ी विकास से जुड़ी चुनौतियों का हल ढूंढने में अहम भूमिका निभाकर समाज में स्थायी प्रभाव छोड़ना है। श्रीमती नीता एम. अंबानी के नेतृत्व में, रिलायंस फाउंडेशन देशभर में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। फाउंडेशन की कोशिश है कि ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेलों के ज़रिए विकास, आपदा प्रबंधन, महिला सशक्तिकरण, शहरी विकास, कला, संस्कृति और विरासत जैसे क्षेत्रों में ठोस बदलाव लाया जाए। आज तक, इस पहल ने पूरे भारत में 91,500 से ज़्यादा गाँवो और शहरी इलाकों में 8.6 करोड़ से अधिक लोगों की ज़िंदगी को छुआ है।
क़तर म्यूज़ियम्स का परिचय
क़तर म्यूज़ियम (QM) क़तर की प्रमुख कला और सांस्कृतिक संस्था है, जो लोगों को प्रामाणिक और प्रेरणादायक अनुभव देने के लिए लगातार काम कर रही है। यह संस्था अपने बढ़ते म्यूज़ियम नेटवर्क, विरासत स्थलों, फेस्टिवल्स, पब्लिक आर्ट इंस्टॉलेशन्स और कार्यक्रमों के ज़रिए संस्कृति को लोगों के करीब लाती है। QM-क़तर की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के साथ-साथ उसे आगे बढ़ा रही है, और क़तर, मध्य पूर्व, उत्तर अफ्रीका और दक्षिण एशिया (MENASA) क्षेत्र की कला और संस्कृति को दुनिया भर में साझा कर रही है — ताकि नागरिकों, निवासियों और पर्यटकों का अनुभव और भी समृद्ध हो सके।
क़तर म्यूज़ियम (QM), महामहिम अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के संरक्षण में और चेयरपर्सन महामहिम शेख अल मयासा बिन्त हमद बिन खलीफा अल थानी के नेतृत्व में, आज क़तर को न केवल मध्य पूर्व में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी संस्कृति और शिक्षा का एक जीवंत केंद्र बना चुका है। यह म्यूज़ियम क़तर को एक नवाचारी, विविधतापूर्ण और प्रगतिशील राष्ट्र के रूप में विकसित करने के लक्ष्य में अहम भूमिका निभा रहा है। यह लोगों को एक साथ लाकर नए विचारों को जन्म देता है, संस्कृति पर संवाद को प्रोत्साहित करता है और क़तर की जनता की आवाज़ को वैश्विक मंच पर मजबूत बनाता है। QM की स्थापना 2005 में हुई थी, और इसके बाद से इसने कई महत्वपूर्ण म्यूज़ियम और फेस्टिवल्स की नींव रखी है, जिनमें म्यूज़ियम ऑफ इस्लामिक आर्ट (MIA) और MIA पार्क, मथाफ – अरब म्यूज़ियम ऑफ मॉडर्न आर्ट, नेशनल म्यूज़ियम ऑफ क़तर (NMOQ), 3-2-1 क़तर ओलंपिक और स्पोर्ट्स म्यूज़ियम, QM गैलरी अल रिवाक, QM गैलरी कतारा, तस्वीर क़तर फोटो फेस्टिवल और डिज़ाइन दोहा शामिल हैं। आगामी परियोजनाओं में दादू चिल्ड्रन म्यूज़ियम ऑफ क़तर, आर्ट मिल म्यूज़ियम, क़तर ऑटो म्यूज़ियम और लुसैल म्यूज़ियम शामिल हैं।
दादू – द चिल्ड्रन्स म्यूज़ियम ऑफ क़तर का परिचय
दादू, चिल्ड्रेन्स म्यूज़ियम ऑफ क़तर, बच्चों के सीखने और विकास के लिए एक ऐसा खास स्थान बनेगा, जहाँ सभी बच्चे एकसाथ मिलकर मुक्तरूप से खेल सकें, चीज़ों को खोज सकें और प्रयोग के ज़रिए नई बातें सीख सकें। दोहा के केंद्र में स्थित यह म्यूज़ियम परिवारों के लिए एक प्रेरणादायक, संवादात्मक और सुलभ इनडोर व आउटडोर अनुभवों की एक समृद्ध श्रृंखला प्रस्तुत करेगा। ‘दादू’ बच्चों के समग्र विकास को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उनकी जिज्ञासा को जागृत करेगा, रचनात्मकता को बढ़ावा देगा, सहयोग एवं संवाद की भावना को सशक्त बनाएगा और सामाजिक उत्तरदायित्व की समझ विकसित करने में सहायक होगा। क़तर म्यूज़ियम्स द्वारा विकसित किया जा रहा यह नया संस्थान बच्चों को प्रेरित करने और उनकी सोच को विस्तार देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। यह क़तर की ‘नेशनल विज़न 2030’— मानव, सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय विकास— के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालाँकि यह म्यूज़ियम अभी आम जनता के लिए नहीं खुला है, फिर भी यह क़तर में समुदाय से सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है— परिवारों के लिए साझेदार संस्थानों के साथ कार्यक्रमों से लेकर दोहा के विभिन्न स्कूलों में ‘म्यूज़ियम-इन-रेज़िडेंस’ जैसी पहलों के माध्यम से। 2019 से एसा अल मनई, इस म्यूज़ियम के डिरेक्टर के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।