लोकतंत्र और मतदाता अधिकारों पर कांग्रेस का स्पष्ट रुख, चुनाव आयोग तथ्यों पर दे पारदर्शी जवाब: कुमारी सैलजा
चुनाव आयोग डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करे, ताकि जनता और राजनीतिक दल स्वयं उसका ऑडिट कर सकें
चंडीगढ़, 10 अगस्त।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि भारत का लोकतंत्र पारदर्शिता, निष्पक्षता और जनता के विश्वास पर टिका है। इसी मूल भावना के तहत नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने वोट चोरी के गंभीर मुद्दे को देश के सामने रखा है। यह कोई कल्पना या भावनात्मक बयान नहीं, बल्कि छह महीने की गहन जांच और स्वयं चुनाव आयोग द्वारा जारी आधिकारिक दस्तावेजों के आधार पर सामने आया तथ्य है। कांग्रेस चुनाव आयोग से अपेक्षा करती हैं कि वह लोकतंत्र के प्रहरी के रूप में अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाए और बिना किसी राजनीतिक दबाव के पारदर्शी जांच व जवाबदेही सुनिश्चित करे।
मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि वोट चोरी ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के मूल लोकतांत्रिक सिद्धांत पर गंभीर आघात है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए पारदर्शी व अद्यतन मतदाता सूची अनिवार्य है। हमारी स्पष्ट मांग है चुनाव आयोग डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करे, ताकि जनता और राजनीतिक दल स्वयं उसका ऑडिट कर सकें। यह लड़ाई हर नागरिक के अधिकार और विश्वास की रक्षा की है। सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस स्पष्ट करना चाहती है कि प्रत्येक तथ्य ठोस दस्तावेज़ी प्रमाणों और शोध के साथ रखा गया है। यह मामला केवल किसी राजनीतिक दल का नहीं, बल्कि हर भारतीय मतदाता के अधिकार और लोकतंत्र की साख का है। सवाल यह है कि क्या हमारे मतदाता का वोट सुरक्षित और गिनती में सही तरीके से शामिल हो रहा है?
कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का मानना है कि चुनाव आयोग का दायित्व है कि वह इन तथ्यों पर सीधा, तथ्याधारित और पारदर्शी जवाब दे, जनता को स्पष्ट जानकारी मिले कि आयोग ने इस विषय पर क्या कदम उठाए हैं, बहाने, कानूनी तकनीकी शर्तें, हलफनामे या माफीनामे जैसी मांगें केवल असली मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश हैं। कांग्रेस चुनाव आयोग से अपेक्षा करती हैं कि वह लोकतंत्र के प्रहरी के रूप में अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाए और बिना किसी राजनीतिक दबाव के पारदर्शी जांच व जवाबदेही सुनिश्चित करे। लोकतंत्र का सवाल है जनता को जवाब चाहिए, न कि बहाने।