Sunday, December 21, 2025
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वन एवं वन्यजीव संरक्षण विभाग: वर्ष 2025 का लेखा-जोखा

वन एवं वन्यजीव संरक्षण विभाग: वर्ष 2025 का लेखा-जोखा

‘द पंजाब प्रोटेक्शन ऑफ ट्रीज़ एक्ट, 2025’ को मंज़ूरी; अधिनियम का उद्देश्य वन क्षेत्र में वृद्धि के साथ पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना

वन एवं प्रकृति जागरूकता पार्क भी किए जा रहे हैं विकसित

चंडीगढ़, 21 दिसंबर:

प्रदेश भर में वन क्षेत्र के अंतर्गत रकबे में वृद्धि के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और हरित पर्यावरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक के नेतृत्व में वन एवं वन्यजीव संरक्षण विभाग ने वर्ष 2025 के दौरान कई महत्वपूर्ण पहलें शुरू की हैं।

इन महत्वपूर्ण पहलों में 8 वन एवं प्रकृति जागरूकता पार्कों का विकास शामिल है। इनमें से ग्रीनिंग पंजाब मिशन के तहत चार पार्क पठानकोट में, 2 पटियाला में तथा 1-1 अमृतसर और होशियारपुर में विकसित किए जा रहे हैं।

कैबिनेट मंत्री श्री लाल चंद कटारूचक के नेतृत्व में वन एवं वन्यजीव संरक्षण विभाग इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है। उल्लेखनीय है कि पठानकोट में गांव घरोटा में 0.50 हेक्टेयर, गांव कटारूचक में 0.75 हेक्टेयर, हैबत पिंडी में 0.60 हेक्टेयर क्षेत्र में पंचायत भूमि पर तथा आई.टी.आई. बमियाल में पर्यावरण पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इसी प्रकार पटियाला में बैरन माइनर सहित दो स्थानों पर पर्यावरण पार्क विकसित किए जा रहे हैं। अमृतसर में गांव जगदेव कलां में पर्यावरण पार्क बनाया जा रहा है, जबकि होशियारपुर के बसी पुरानी में एक वन चेतना प्रगति पर है।

हैबत पिंडी में पार्क के संबंध में इंटरलॉकिंग टाइलों वाले नेचर ट्रेल का कार्य पूर्ण हो चुका है, जबकि झूलों और ओपन एयर शेल्टर (गज़ेबो) की स्थापना इस समय चल रही है। घरोटा में भी इंटरलॉकिंग टाइलों वाले नेचर ट्रेल का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा झूलों और ओपन एयर शेल्टर (गज़ेबो) की स्थापना जारी है। गांव कटारूचक में इंटरलॉकिंग टाइलों वाले नेचर ट्रेल और झूलों की स्थापना का कार्य भी तेज़ी से चल रहा है।

राज्य सरकार का यह सदैव प्रयास रहा है कि अधिक से अधिक हरियाली सुनिश्चित की जाए और साथ ही आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण संरक्षण के उपाय किए जाएं। इसी क्रम में वन एवं वन्यजीव संरक्षण विभाग, पंजाब ने ‘पंजाब प्रोटेक्शन ऑफ ट्रीज़ एक्ट, 2025’ का मसौदा तैयार किया है, जिसका उद्देश्य हरित आवरण बनाए रखना, पर्यावरणीय संतुलन सुनिश्चित करना तथा पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के साथ-साथ मिट्टी संरक्षण करना है।

यह अधिनियम पंजाब के सभी शहरी क्षेत्रों में लागू होगा। अधिनियम के अनुसार नगर परिषद, नगर निगम, अधिसूचित क्षेत्र समिति, टाउन एरिया समिति या किसी भी शहरी विकास प्राधिकरण/इकाई की सीमाओं में यह लागू होगा। इसमें एक ट्री ऑफिसर का भी प्रावधान है, जिसका अर्थ है पंजाब में शहरी स्थानीय निकायों में एक कार्यकारी अधिकारी या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित कोई अन्य अधिकारी।

इस अधिनियम को वित्त विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।

इसके अतिरिक्त वर्ष 2025-26 के दौरान ‘श्री गुरु तेग बहादुर जी हरियावल संकल्प’ के तहत प्रत्येक जिले में वन महोत्सव मनाने के साथ-साथ हर जिले में 3.50 लाख पौधे लगाने का अभियान भी शुरू किया गया है।

इसके साथ ही ‘श्री गुरु तेग बहादुर पवित्र वन योजना’ के अंतर्गत 52 पवित्र वनों के विकास का अभियान भी आरंभ किया गया है। इसके अतिरिक्त शैक्षणिक संस्थानों में 289 तथा औद्योगिक क्षेत्रों में 83 नानक बगिचियों के विकास का संकल्प भी लिया गया है।

इसके अलावा छत्तबीड़ चिड़ियाघर में 1.33 करोड़ रुपये की लागत से बाड़ लगाने का काम पूरा करने के साथ-साथ इसके सौंदर्यीकरण और विभिन्न सुविधाओं के अपग्रेडेशन का काम भी पूरा किया गया है।

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