शिअद नेता बिक्रम मजीठिया के साले गजपत सिंह ग्रेवाल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, मोहाली कोर्ट का बड़ा फैसला
मोहाली की विशेष अदालत ने शिअद नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के साले गजपत सिंह ग्रेवाल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। यह कार्रवाई विजिलेंस ब्यूरो द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामले में ग्रेवाल की संदिग्ध भूमिका सामने आने के बाद की गई।
विजिलेंस ने अदालत को बताया कि जांच के दौरान ग्रेवाल की भूमिका मजीठिया की कथित अवैध संपत्तियों को जुटाने और छिपाने में महत्वपूर्ण पाई गई है। बार-बार नोटिस भेजे जाने बावजूद ग्रेवाल जांच में शामिल नहीं हुए और लगातार टालमटोल की रणनीति अपनाते रहे।
विजिलेंस अधिकारी इंस्पेक्टर इंदरपाल सिंह ने विशेष जज नीतिका वर्मा की अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग की थी। अदालत ने रिकॉर्ड और प्रस्तुत तथ्यों का अध्ययन करने के बाद वारंट जारी करने का आदेश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आरोपी के खिलाफ न तो कोई जमानत आवेदन लंबित है और न ही किसी अदालत ने गिरफ्तारी पर रोक लगाई है।
वारंट 29 नवंबर 2025 को रिटर्नेबल रहेंगे।
पूरा मामला क्या है?
बिक्रम मजीठिया के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया हुआ है। आरोप है कि मजीठिया ने अपनी घोषित आय से लगभग 1200% अधिक, यानी लगभग 700 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की है।
विजिलेंस का दावा है कि यह संपत्ति 2013 के कथित ड्रग नेटवर्क से जुड़े लगभग 540 करोड़ रुपये की ड्रग मनी को सफेद करके जुटाई गई है। यह मामला 2018 की एसटीएफ रिपोर्ट और 2021 के एनडीपीएस केस की वित्तीय जांच से जुड़ा है।
हालांकि NDPS केस 2022 में सबूतों के अभाव में रद्द कर दिया गया था, लेकिन आर्थिक अनियमितताओं की जांच अभी भी जारी है।


