शिरोमणी अकाली दल के जमीन अधिग्रहण के खिलाफ धरने में भारी बारिश के बावजूद हजारों किसान और जमीन के मालिक शामिल हुए
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि हम कुछ भी कुर्बान करने को तैयार हैं ,लेकिन एक इंच भी जमीन की हड़पने नही देंगें
अगला धरना 4 अगस्त को बठिंडा में होगा
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की जमीन हड़पने की योजना के खिलाफ शिरोमणी अकाली दल के राज्यव्यापी आंदोलन में भाग लेने के लिए हजारों किसान और जमीन के मालिक आज भारी बारिश और यातायात जाम होने के बावजूद आंदोलन में भाग लिया।
आज के धरने में एस.ए.एस नगर (मोहाली),रोपड़ और फतेहगढ़ साहिब जिले शामिल हैं। अगला धरना 4 अगस्त को बठिंडा में होगा।
अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल द्वारा जमीन हड़पने की योजना के विरोध में किए गए आहवाहन पर गमाडा कार्यालय के सामने पूरे इलाके से पीड़ित लोग की भीड़ उमड़ पड़ी। विरोध रैली को इतना समर्थन मिला कि शहर में सामान्य जनजीवन ठप्प पड़ गया और स्थानीय लोग भी किसानों और सरकारी जमीन हड़पने के अन्य पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए रैली में शामिल हुए।
रैली को संबोधित करते हुए सरदार बादल ने कहा कि पंजाब में आप सरकार के दिल्ली आकाओं द्वारा की गई जमीन की लूट की मिसाल इतिहास में कही भी नही मिलती है और इसके पीछे विकास का कोई औचित्य नही है। उन्होने कहा कि मोहाली में एयरोट्रोपोलिस प्रोजेक्ट के लिए एक्वायर 2000 एकड़ जमीन का अभी उपयोग नही किया गया है ,जबकि सरकार इसके विस्तार के लिए 3535 एकड़ जमीन हड़पने की तैयारी में है।
अकाली अध्यक्ष ने दोहराया कि उनकी पार्टी सरकार को किसानों की एक इंच जमीन का टुकड़ा भी हड़पने नही देगी। उन्होने कहा,‘‘ इसके लिए मैं कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हूं , लेकिन हम किसानों की पहले से सहमति लिए बिना सरकार को कोई जमीन लेने की अनुमति नही देगें।’’
सरदार बादल ने यह भी कहा कि सरकार ने लालच में उन इलाकों में एक्वायर नही की गई जमीन के जमीन उपयोग परिवर्तन (सीएलयू) का मौलिक अधिकार को छीन लिया है। उन्होने कहा,‘‘ किसानों को अपनी जमीन पर इतने बड़े पैमाने पर अधिकारों से वंचित करने की कोई मिसाल नही है।’’ उन्होने आगे कहा कि तहसीलदारों ने इन इलाकों में सीएलयू पर प्रतिबंध लगाने के आधिकारिक आदेश पहले ही जारी कर दिए थे।
सरदार बादल ने कहा कि केजरीवाल के तानाशाही जमीन हड़पने के दृष्टिकोण के विपरीत स्वर्गीय सरदार परकाश सिंह बादल की अगुवाई वाली अकाली सरकार ने किसानों की सलाह और सहमति से तैयार की गई नीति को लागू किया था, जिसके तहत संबंधित जमीन का प्रचलित बाजार मूल्य निर्धारित करने के लिए स्थानीय सरपंचों की एक कमेटी बनाई गई थी।
सरदार बादल ने कहा,‘‘ पार्टी ने सुनिश्चित यिका कि किसानों को जमीन की मौजूदा कीमत का 400 फीसदी मिले और इसके बाद भी जमीन अधिग्रहण किसानों यां जमीन मालिकों की सहमति से ही किया गया था।’’ उन्होने आगे कहा कि किसानों और समाज के अन्य पीड़ित वर्ग आज भी हर सरकारी नीति में सरदार बादल के दयालु रवैये को याद करते हैं।
सरदार बादल ने कहा कि राज्य के सभी प्रभावित इलाकों में जमीन मालिकों द्वारा केजरीवाल द्वारा जमीन हड़पने की नीति के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए गए हैं।
अकाली दल अध्यक्ष के साथ डाॅ. दलजीत सिंह चीमा, एन.के शर्मा, हीरा सिंह गाबड़िया, परमिंदर सिंह सोहाना, गुरप्रीत सिंह राजुखन्ना, सरबजीत सिंह झिंझर, सोहन सिंह थंडल, दरबारा सिंह गुरु, अर्शदीप कलेर, रणबीर सिंह एसओआई, गुलजारी मूणक, कुलदीप कौर कंग, चरनजीत सिंह कालेवाल, बलजीत सिंह भुटटा, रविंदर खेड़ा, जसबीर कौर सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया।