Tuesday, July 1, 2025
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संविधान को तोड़ना कांग्रेस के डीएनए में शामिल – मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

संविधान को तोड़ना कांग्रेस के डीएनए में शामिल – मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

 

 

 

अपनी राजनीतिक इच्छा शक्ति पूरी करने के लिए आम जनता पर किए गए अत्याचार, आपातकाल के दौरान संविधान और लोकतंत्र का एक बार स्मरण नहीं किया गया

 

 

 

संविधान की रक्षा की बात करने वालों की पीढ़ियों ने भी कभी संविधान का सम्मान नहीं किया- नायब सिंह सैनी

 

 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के बाद से पिछले 11 वर्षों में देश संविधान के अनुरूप चला और असल मायने में आजाद भारत को लोगों ने देखा – मुख्यमंत्री

 

 

 

चंडीगढ़, 25 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान को तोड़ना कांग्रेस के डीएनए में शामिल है और वे संविधान को बचाने की दुहाई देते हैं, जबकि वे आज भी उनकी सरकार बनने के बाद धारा – 370 को वापिस करने जैसे बयान देकर भी संविधान को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के बाद से पिछले 11 वर्षों में ये देश संविधान के अनुरूप चला है और असल मायने में आजाद भारत को लोगों ने देखा है।

 

 

 

मुख्यमंत्री आज करनाल में भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय- देश में आपातकाल लगाए जाने के 50 साल पूर्ण होने पर संविधान हत्या दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

 

 

 

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि जब हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी का दंश झेल रहा था, उस समय हमारे देश के नायकों ने अपना बलिदान दिया ताकि आने वाली पीढ़ियां खुली हवा में साँस ले सकें, लेकिन उस समय किसी को यह नहीं पता था कि देश एक ऐसा दौर भी देखेगा, जब पवित्र संविधान की हत्या की जाएगी।

 

 

 

अपनी राजनीतिक इच्छा शक्ति पूरी करने के लिए आम जनता पर किए गए अत्याचार

 

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 जून का दिन हम सबको याद कराता है कि उस समय कैसे रात के 12 बजे सरकार द्वारा इमरजेंसी का आदेश पारित होता है और आम लोगों को यातनाएं देते हुए पकड़ लिया जाता है। उन पर किए गए अत्याचारों से आज भी हमारे रोंगटे खड़े हो जाते हैं। यह आदेश उस सरकार की अपनी इच्छाशक्ति को पूरा करने के लिए जारी किया गया था। यह एक सोची-समझी साजिश के तहत किया गया था। देश के पवित्र संविधान को अपने स्वार्थ के लिए कुचल दिया गया। इमरजेंसी के दौरान संविधान और लोकतंत्र का एक बार भी स्मरण नहीं किया गया। किस प्रकार नेताओं और अपनी आवाज को बुलंद करने वाले लेखकों पर अत्याचार किए गए, उनको जेलों में बंद कर दिया गया, ताकि वे सरकार के खिलाफ कुछ न लिख सकें।

 

 

 

उन्होंने कहा कि जब भारत अंग्रेजों से आजाद हुआ तो देश में छोटी-छोटी 562 रियासतें थी और इन 562 रियासतों को एकजुट करने का काम सरदार वल्लभभाई पटेल को दिया गया और उन्होंने सभी रियासतों को एकजुट करने का काम किया। वहीं, सिर्फ एक रियासत की जिम्मेवारी पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंपी गई थी, जिसका परिणाम सब जानते हैं।

 

 

 

संविधान की रक्षा की बात करने वालों की पीढ़ियों ने भी कभी संविधान का सम्मान नहीं किया

 

 

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने कभी संविधान का सम्मान नहीं किया और उनके नेता लोकतंत्र के मंदिर संसद में खड़े होकर बिल को फाड़ कर संविधान का अपमान करते है। संविधान की रक्षा की बात करने वालों की पीढ़ियों ने भी कभी संविधान का सम्मान नहीं किया। कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण ही लोगों को प्रताड़नाओं का दंश झेलना पड़ा और इन गलत नीतियों के कारण ही आज लोगों ने कांग्रेस को साफ कर दिया है।

 

 

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