सिटी बर्ड सैंक्चुरी में पक्षियों एवं तितलियों के अनुकूल प्रजातियों बॉटल ब्रश, अकासिया ग्लॉका, प्लूमेरिया, इक्सोरा, गुड़हल, चांदनी, डबल चांदनी, लेजिस्टोनिया, कनेर एवं रात की रानी के 400 से अधिक पौधे रोपे
चंडीगढ़ में पक्षियों की संख्या बढ़ाने के लिए वन विभाग लगातार फूलों और फलदार वृक्षों का रोपण कर रहा है, : अनूप सोनी
सिटी बर्ड सैंक्चुरी की शुरुआत 1980 के दशक के अंत में भारतीय पर्यावरण सोसाइटी द्वारा की गई थी : एनके झिंगन
चण्डीगढ़ : भारतीय पर्यावरण सोसाइटी (ईएसआई), चण्डीगढ़ द्वारा पर्यावरण, वन एवं वन्य प्राणी विभाग, चण्डीगढ़ प्रशासन के सहयोग से एक पेड़ माँ के नाम एवं वन महोत्सव अभियानों के अंतर्गत सिटी बर्ड सैंक्चुरी, सेक्टर 21 में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर पक्षियों एवं तितलियों के अनुकूल प्रजातियों बॉटल ब्रश, अकासिया ग्लॉका, प्लूमेरिया, इक्सोरा, गुड़हल, चांदनी, डबल चांदनी, लेजिस्टोनिया, कनेर एवं रात की रानी के 400 से अधिक पौधे सोसाइटी के सदस्यों, स्थानीय निवासियों एवं वन विभाग के अधिकारियों द्वारा रोपे गए। इस पहल का उद्देश्य जैव विविधता को बढ़ाना, पक्षियों के आवासों को सहारा देना एवं नगरीय पारिस्थितिक संतुलन को सुदृढ़ करना है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अनूप सोनी, वन संरक्षक, चंडीगढ़ प्रशासन के साथ-साथ अनेक विशिष्ट अतिथियों एवं पर्यावरणविदों की उपस्थिति रही, जिनमें डॉ. आर.सी. मिश्रा, आईपीएस (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष, ईएसआई, डॉ. अर्चना मिश्रा, कुलपति, डॉ. अम्बेडकर लॉ यूनिवर्सिटी, सोनीपत एवं उपाध्यक्ष, ईएसआई, हितेश पुरी, अध्यक्ष, क्रॉफेड, इंजीनियर एच.आर. सतीजा, उपाध्यक्ष, ईएसआई, सुश्री मोहिंदर कौर, सदस्य, ईएसआई एवं नामित पार्षद, नगर निगम चंडीगढ़, डॉ. रविंदर नाथ, सदस्य, ईएसआई एवं सदस्य, प्रशासक सलाहकार परिषद, चंडीगढ़ तथा एन.के. झिंगन, सचिव, भारतीय पर्यावरण सोसाइटी एवं सचिव (पर्यावरण), भारतीय एकता मंच, चंडीगढ़ आदि शामिल रहे
कार्यक्रम में सोसाइटी के समर्पित सदस्यों डॉ. अंजु महाजन, राखी अग्रवाल, सीता कक्कड़, गौरव शाही, वीणा सिंह, डीवी बांगिया, बीके गर्ग तथा सेक्टर 21 के अनेक निवासी सक्रिय रूप से शामिल हुए एवं पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
सभा को संबोधित करते हुए एन.के. झिंगन ने स्मरण कराया कि सिटी बर्ड सैंक्चुरी की शुरुआत 1980 के दशक के अंत में सोसाइटी द्वारा की गई थी, जिसे बाद में भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया। यह सैंक्चुरी विशेष रूप से उन स्थानीय पक्षियों – जैसे तोते – की सुरक्षा के लिए विकसित की गई थी, जिन्हें पिंजौर-पंचकूला-चंडीगढ़ क्षेत्र में तेज़ी से हो रहे शहरीकरण के कारण विस्थापन का सामना करना पड़ा।
अपने संबोधन में अनूप सोनी ने बताया कि चंडीगढ़ में पक्षियों की संख्या बढ़ाने के लिए वन विभाग लगातार फूलों और फलदार वृक्षों का रोपण कर रहा है, ताकि पक्षियों को प्राकृतिक आहार एवं आवास मिल सके।
कार्यक्रम का समापन सभी उपस्थित लोगों द्वारा चंडीगढ़ के हरित क्षेत्रों एवं जैव विविधता की रक्षा के लिए सामूहिक संकल्प के साथ किया गया।
प्रो. आरके सिंघल की स्मृति में पीईसी परिसर में वृक्षारोपण
इसी दिन पूर्वाह्न में, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज (पीईसी) परिसर में एक वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका आयोजन पीईसी/पीईसीओएसए एवं भारतीय पर्यावरण सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में, सेवानिवृत्त प्रो. आर.के. सिंघल (पूर्व वर्कशॉप अधीक्षक, पीईसी) की स्मृति में किया गया।
इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में स्व. प्रो. सिंघल की पत्नी श्रीमती अरुणा सिंघल एवं उनकी पुत्री सुश्री शिखा सिंघल ने भाग लिया और उनकी याद में पौधारोपण किया। सोसाइटी के सदस्य इंजीनियर अशोक बंसल एवं राम प्रकाश शर्मा ने भी इस श्रद्धांजलि वृक्षारोपण में भाग लेकर अपने सम्मान को प्रकट किया।