Monday, September 1, 2025
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हरियाणा में नौकरशाही ने आयुष्मान भारत और चिरायु योजनाओं को ठप्प कर दिया है:-कुमारी शैलजा

हरियाणा में नौकरशाही ने आयुष्मान भारत और चिरायु योजनाओं को ठप्प कर दिया है:-कुमारी शैलजा

प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को सीधे हस्तक्षेप करना चाहिए
योजनाओं को बचाने के लिए:- कुमारी शैलजा

स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर जनता की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही भाजपा सरकार:- कुमारी शैलजा

Priyanka Thakur

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा से सांसद,
कुमारी शैलजा ने आयुष्मान भारत/चिरायु योजना के क्रियान्वयन को लेकर हरियाणा सरकार की निष्क्रियता और नौकरशाही की मनमानी पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य देश के वंचित वर्ग को निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना था। लेकिन सरकारी लापरवाही के कारण नौकरशाही ने इस योजना को पंगु बना दिया है और जनता इसके लाभ से वंचित है। अगर इस योजना को बचाना है तो प्रधानमंत्री या केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को सीधे हस्तक्षेप करना चाहिए, क्योंकि सरकार और निजी अस्पताल संचालकों के बीच भुगतान को लेकर स्थिति गंभीर होती जा रही है।

मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी शैलजा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने चिरायु नाम से इस योजना को अपनाया था, लेकिन वर्तमान में जो हो रहा है, वह जनता के स्वास्थ्य अधिकारों पर सीधा हमला है। इस योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को आयुष्मान कार्ड जारी किए जाते हैं, जिससे उन्हें सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है। सरकार अस्पतालों को सीधे भुगतान करती है। हालाँकि, हर मंच पर इस योजना की प्रशंसा करने के बावजूद, सरकार इसके कार्यान्वयन पर ध्यान नहीं दे रही है। नौकरशाही मनमानी कर रही है और इस योजना को पंगु बना रही है। लाभ से वंचित मरीज और उनके तीमारदार सरकार को कोस रहे हैं क्योंकि वह निजी अस्पताल संचालकों को भुगतान नहीं कर रही है। जब भुगतान किया भी जाता है, तो भारी कटौती की जाती है। परिणामस्वरूप, निजी अस्पताल अब इस योजना के तहत इलाज करने से कतरा रहे हैं। निजी अस्पतालों को भुगतान में 3-6 महीने की देरी हो रही है, जबकि समझौता ज्ञापन (एमओयू) के अनुसार, भुगतान 15 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए, जिसमें देरी पर ब्याज का प्रावधान हो।

कुमारी शैलजा ने कहा कि सरकार ने ब्याज देने से इनकार कर दिया है और भुगतान तभी किया जाता है जब अस्पताल योजना से हटने की धमकी देते हैं। अनुचित कटौती, अनावश्यक आपत्तियां और वर्षों पुराने लंबित दावों को झूठा दावा बताकर खारिज किया जा रहा है। हाल ही में निजी क्षेत्र से पांच लोकप्रिय पैकेज हटा दिए गए, जबकि सरकारी अस्पतालों में इन सेवाओं की पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1300 करोड़ रुपये और 2024-25 में 1800 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी, 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के नागरिकों को शामिल करने के बावजूद, 2025-26 के बजट को घटाकर केवल 700 करोड़ रुपये कर दिया गया है। सांसद ने कहा कि हरियाणा की नौकरशाही इस योजना को विफल करने पर तुली हुई है। निजी अस्पतालों की भागीदारी इस योजना की रीढ़ है और उन्हें परेशान करके इस योजना को निष्क्रिय बनाया जा रहा है।

कुमारी शैलजा ने मांग की कि सरकार आयुष्मान भारत/चिरायु योजना का 2025-26 का बजट तुरंत बढ़ाकर कम से कम 2000 करोड़ रुपये करे, भुगतान में देरी और कटौतियों की उच्चस्तरीय जाँच कराए, निजी अस्पतालों के साथ पारदर्शी संवाद स्थापित करे, हटाए गए पैकेजों को बहाल करे, देरी पर ब्याज भुगतान की एमओयू गारंटी लागू करे और प्रधानमंत्री व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री इस योजना को बचाने के लिए सीधे हस्तक्षेप करें। उन्होंने सरकार से जनता को धोखा देना बंद करने का आग्रह किया। सांसद ने सवाल किया कि क्या यह योजना अब सिर्फ़ चुनावी नारा बनकर रह गई है? कुमारी शैलजा ने पूछा कि अगर सरकार बजट नहीं बढ़ा सकती तो 70+ आयु वर्ग को इसमें शामिल करने की घोषणा क्यों की। उन्होंने इसे जनता के साथ विश्वासघात बताया।

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