चंडीगढ़/साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर, 30 सितंबर:
पंजाब के भूमि एवं जल संरक्षण मंत्री, बरिंदर कुमार गोयल ने आज मोहाली में आयोजित एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला में कहा कि सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों का प्रचार-प्रसार फसल उत्पादकता, विशेषकर आलू की खेती में बढ़ोतरी और जल संरक्षण के लिए अत्यंत आवश्यक है।
कार्यशाला में मंत्री ने बताया कि ड्रिप और स्प्रिंकलर प्रणालियाँ किसानों को 50% तक पानी बचाने में मदद करती हैं और फसल की गुणवत्ता व उपज को बेहतर बनाती हैं। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब आलू बीज उत्पादन में देश में लगभग 60% योगदान देता है।
उन्होंने किसानों को यह भी जानकारी दी कि सरकार सामान्य वर्ग के लिए 80% सब्सिडी और महिलाओं, छोटे, सीमांत और अनुसूचित जाति के किसानों के लिए 90% सब्सिडी उपलब्ध करा रही है। आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन किया जा सकता है।
मंत्री ने यह भी बताया कि पंजाब सरकार नहर सिंचाई कवरेज को पहले 21% से बढ़ाकर 64% कर चुकी है और शेष क्षेत्र को भी जल्द नहर सिंचाई के अंतर्गत लाया जाएगा। नहर का पानी भूजल के स्थायी विकल्प के साथ-साथ मिट्टी के पोषक तत्वों को भी समृद्ध करता है।
इस अवसर पर उन्होंने ई-अप्रूवल पोर्टल का शुभारंभ किया ताकि सूक्ष्म सिंचाई निविदाओं की समय पर स्वीकृति सुनिश्चित की जा सके। इसके साथ ही, उन्होंने उन्नत एवं पुनर्निर्मित सभागार भवन का उद्घाटन भी किया।
कार्यशाला में किसान, विशेषज्ञ, उपकरण निर्माता और कृषि विभाग के अधिकारी शामिल हुए। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, सब्जी उत्कृष्टता केंद्र करतारपुर, पंजाब राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद और कृषि, बागवानी एवं जल संसाधन विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
भूमि एवं जल संरक्षण विभाग के मुख्य वनपाल, महिंदर सिंह सैनी ने अतिथियों का स्वागत किया और निदेशक शालिंदर कौर ने सूक्ष्म सिंचाई की महत्वता पर प्रकाश डाला।