नई दिल्ली/सोची:
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए अपनी सरकार को स्पष्ट आदेश दिए हैं। फिलहाल भारत बड़े पैमाने पर रूस से कच्चा तेल खरीदता है, जिसके चलते दोनों देशों के बीच व्यापार में असंतुलन देखा जा रहा है। अमेरिका भारत पर रूस से तेल न खरीदने का दबाव बना रहा है, लेकिन पुतिन चाहते हैं कि व्यापार असंतुलन को संतुलित किया जाए ताकि भारत पर अमेरिकी दबाव का कोई खास असर न हो।
पुतिन ने दिसंबर की शुरुआत में अपनी भारत यात्रा को लेकर उत्सुकता भी जताई है।
भारत-रूस संबंधों पर पुतिन का बयान
गुरुवार शाम दक्षिण रूस के सोची स्थित काला सागर रिसॉर्ट में आयोजित वल्दाई चर्चा मंच में बोलते हुए पुतिन ने कहा कि भारत और रूस के बीच कभी भी कोई समस्या या तनाव नहीं रहा। उन्होंने याद दिलाया कि सोवियत संघ के दौर से ही भारत-रूस रिश्ते मजबूत रहे हैं और आज भी दोनों देश एक-दूसरे के प्रति संवेदनशीलता से कदम उठाते हैं।
पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना मित्र बताते हुए कहा कि वे उनके साथ सहज महसूस करते हैं। उन्होंने मोदी को “संतुलित, बुद्धिमान और राष्ट्र हितैषी नेता” करार दिया।
“भारत कभी किसी के सामने नहीं झुकेगा”
ऊर्जा संसाधनों को लेकर अमेरिका के दबाव पर पुतिन ने कहा कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना छोड़ देता है तो उसे 9-10 अरब डॉलर तक का नुकसान हो सकता है। लेकिन भारत और भारतीय लोग कभी किसी के सामने अपनी बेइज्जती नहीं होने देंगे।
पुतिन ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भी ऐसा कोई निर्णय नहीं करेंगे जिससे भारत का सम्मान प्रभावित हो।