चंडीगढ़, 7 अक्तूबर —Priyanka Thakur
हरियाणा और जापान की अग्रणी कंपनी मित्सुई किन्ज़ोकू कंपोनेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बीच ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में शोध और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए गए।
यह समझौता मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में जापान दौरे पर गए हरियाणा के प्रतिनिधिमंडल और जापानी कंपनी के बीच ओसाका में संपन्न हुआ। इस दौरान हरियाणा प्रतिनिधिमंडल ने मिनेबेआ मित्सुमी, मित्सुई किन्ज़ोकू और निटो सेइको जैसी शीर्ष जापानी कंपनियों के नेतृत्व से भी महत्वपूर्ण बैठकें कीं।
यह साझेदारी हरियाणा में ग्रीन एनर्जी नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास और निवेश को गति देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। एमओयू के तहत ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन, स्टोरेज और अनुप्रयोग से संबंधित अनुसंधान और विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इससे राज्य में न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
बैठक के दौरान जापानी कंपनियों ने हरियाणा में प्रिसिशन मैन्युफैक्चरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में निवेश की इच्छा भी जताई। यह निवेश राज्य के औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को और अधिक सशक्त करेगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा सरकार निवेश के अनुकूल वातावरण, बेहतर बुनियादी ढांचे और पारदर्शी नीतियों के माध्यम से विदेशी निवेश को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि अधिक निवेश आने से राज्य में औद्योगिक विकास, आर्थिक गतिविधियों और रोजगार के अवसरों को नई दिशा मिलेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि इन पहलों से हरियाणा और जापान के बीच आर्थिक साझेदारी, तकनीकी सहयोग और औद्योगिक प्रगति को नई गति मिलेगी।
प्रतिनिधिमंडल में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित कुमार अग्रवाल, एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक डॉ. यश गर्ग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
यह समझौता हरियाणा के स्वच्छ और हरित भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है, जो आने वाले वर्षों में राज्य को ग्रीन टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबल डेवलपमेंट का अग्रणी केंद्र बनाएगा।