थेहड़ पर पुरातत्व विभाग करेगा पोर्टा केबिन की स्थापना, लघु प्रदर्शनी का होगा प्रावधान
सांसद सैलजा के लोकसभा में उठाए मामले का केंद्रीय मंत्री ने दिया जवाब
चंडीगढ़, 15 अक्तूबर।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा की ओर से 03 अप्रैल को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान सिरसा में स्थित थेहड़ (टीला) का क्षेत्रफल और उस भूमि पर हो रहे विवादों को लेकर मामला उठाते हुए इस पर सरकार से स्पष्ट कदम उठाने का अनुरोध किया था। इसके जवाब में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 09 अक्तूबर को भेजे पत्र द्वारा बताया गया है कि थेहड़ के गेट नंबर 01 के पास पोर्टा केबिन की स्थापना करते हुए लघु प्रदर्शनी का प्रावधान होगा।
गौरतलब हो कि सांसद कुमारी सैलजा ने तीन अप्रैल को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान सिरसा थेहड़ को लेकर विषय को उठाया था। खाली करवाए गए थेहड़ पर अब पुरातत्व विभाग क्या करना चाहता है, थेहड़ से विस्थापित किए गए परिवारों को अभी तक स्थायी आवास नहीं करवाए गए है। इसका जवाब देते हुए केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 09 अक्तूबर को कुमारी सैलजा को भेजे पत्र में कहा है कि थेहड़ (टीला) को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने 03 अक्टूबर 1932 को अधिसूचित किया था। राजस्व रिकार्ड के अनुसार वर्तमान में यह स्थल कुल 85.45 एकड़ में संरक्षित क्षेत्र फैला हुआ है जो सरकार के स्वामित्व में है। कुमारी सैलजा ने कहा था कि 85.45 एकड़ के स्थान पर 35 एकड़ चिन्हित किया जाए, जिस पर पर्यटन मंत्री का कहना है कि वर्तमान में यह मामला पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के साथ साथ अन्य न्यायालयों में विचाराधीन है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने पत्र के माध्यम से जवाब दिया है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा स्थल के संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण के लिए कई योजनाएं प्रस्तावित है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि गेट संख्या एक के पास पोर्टा केबिन स्थापित किया जाएगा जिसमें सुरक्षाकर्मियों हेतु सुविधा एवं लघु चित्र प्रदर्शनी का प्रावधान है। समतल भू भाग का सौंदर्यीकरण एवं बागवानी विकास करना है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण थेहड़ टीला का संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण तथा रखरखाव के लिए कटिबद्ध है।
उधर सांसद कुमारी सैलजा ने मांग की है वास्तविक भूमि 35 एकड़ है, न कि 85 एकड़ जैसा रिकॉर्ड में दर्शाया गया है, अत: इसे सही किया जाए। जिन लोगों को थेहड़ टीला क्षेत्र से हटाया गया था, वे पिछले 09 वर्षों से अत्यंत कठिन परिस्थितियों में जीवन बिता रहे हैं। सरकार ने जो पुनर्वास / मकान देने का वादा किया था, उसे पूरा किया जाए। इस स्थल को संरक्षण और सौंदर्यीकरण की सूची में शामिल किया है।
फोटो कुमारी सैलजा