Thursday, November 13, 2025
Homeहरियाणाकुदरत की मार झेल रहे किसानों के साथ सरकार को खड़ा होना...

कुदरत की मार झेल रहे किसानों के साथ सरकार को खड़ा होना चाहिए: कुमारी सैलजा

कुदरत की मार झेल रहे किसानों के साथ सरकार को खड़ा होना चाहिए: कुमारी सैलजा

कहा- मुआवजा देने के नाम पर किसानों को सरकार दे रही है तारीख पर तारीख
चंडीगढ़, 01 नवंबर।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि रोहतक, भिवानी, हिसार और फतेहाबाद जिलों में जलभराव के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, परंतु राज्य सरकार अब तक न तो गिरदावरी पूरी कर पाई है और न ही किसानों को उचित मुआवजा देने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाए हैं। मुआवजा के नाम पर सरकार किसानों को तारीख पर तारीख दे रही है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि हाल ही में प्रकाशित समाचार के अनुसार चार जिलों में 50 हजार एकड़ से अधिक भूमि में अभी भी 2 से 3 फीट तक पानी भरा हुआ है। खेतों में खड़ी फसलें सड़ चुकी हैं और रबी की बुआई पर संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि फतेहाबाद जिले के बड़ोपल, धांगड़, धानकला, डिंग, जंडवाला जाटान, भूना और आसपास के गांवों में भी खेत पूरी तरह जलमग्न हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। सांसद ने सरकार से तत्काल विशेष गिरदावरी कराकर सभी प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने, जल निकासी के लिए पंप सेट और मशीनें मुहैया कराने तथा रबी सीजन की बुआई के लिए राहत पैकेज जारी करने की मांग की।
कुमारी सैलजा ने कहा है कि किसानों को मुआवजे के लिए इधर-उधर भटकने की बजाय सरकार को स्वयं गांव-गांव जाकर नुकसान का आकलन करना चाहिए। कुदरत की मार झेल रहे किसानों को इस कठिन समय में सरकार का सहारा चाहिए, लेकिन मौजूदा हालात में प्रशासनिक उदासीनता किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। सांसद ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से भी अपील की कि वे प्रभावित गांवों में जाकर किसानों की सहायता करें और उनकी समस्याओं को जिला प्रशासन तक पहुंचाएं। सांसद ने कहा कि सरकार ने पहले वायदा किया था कि किसानों को दिवाली से पहले मुआवजा दे दिया जाए पर किसानों की दीवाली भी काली रही, अब सरकार कह रही है कि नवंबर माह के अंत तक किसानों को मुआवजा दे दिया जाएगा। सरकार मुआवजा के नाम पर किसानों को तारीख पर तारीख देने में लगी हुई है। सरकार को किसानों की मदद करने के बजाए उनके साथ मजाक नहीं करना चाहिए।
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments