तरनतारन उपचुनाव से पहले ‘आप’ को मिला बड़ा सियासी बल, झबाल पुख्ता और झबाल अड्डे के सैकड़ों परिवार पार्टी में शामिल
हरमीत संधू की जीत पक्की, मान सरकार के कामों से प्रभावित होकर लोग ‘आप’ से जुड़ रहे: बरिंदर गोयल
तरनतारन, 1 नवंबर
तरनतारन विधानसभा हलके के उपचुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) को उस समय बड़ा सियासी बल मिला, जब झबाल पुख्ता और झबाल अड्डे के सैकड़ों परिवारों ने ‘आप’ में शामिल होने की घोषणा की। कैबिनेट मंत्री बरिंदर गोयल ने इन सभी परिवारों को पार्टी में औपचारिक तौर पर शामिल करवाया। यह शमूलियत कार्यक्रम सरपंच मोनू चीमा, हलका पायल से विधायक मनविंदर सिंह ग्यासपुरा और चेयरमैन रणजोध सिंह हडाणा के नेतृत्व में हुआ।
इस मौके पर जनसमूह को संबोधित करते हुए मंत्री बरिंदर गोयल ने कहा कि आज बड़ी संख्या में माताएं और बहनें ‘आप’ परिवार का हिस्सा बनी हैं, जिससे पार्टी को जमीनी स्तर पर बड़ी मजबूती मिली है। उन्होंने इस बड़ी शमूलियत के लिए स्थानीय नेताओं मोनू चीमा, विधायक ग्यासपुरा और चेयरमैन हडाणा की कड़ी मेहनत की सराहना की। गोयल ने दावा किया कि इन परिवारों के समर्थन से ‘आप’ उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू की जीत पूरी तरह पक्की हो गई है।
मंत्री गोयल ने नए शामिल हुए परिवारों को भरोसा दिलाया कि पार्टी में उनका हमेशा पूरा मान-सम्मान होगा। उन्होंने कहा कि आज पूरा तरनतारन हलका मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के हक में एकजुट है। इसका कारण अरविंद केजरीवाल की सोच और मान सरकार द्वारा पिछले पौने चार सालों में किए गए ऐतिहासिक काम हैं। उन्होंने कहा कि जो काम ‘आप’ सरकार ने थोड़े समय में किए हैं, वे पिछली सरकारें 70 साल के राज में भी नहीं कर सकीं।
विरोधी पार्टियों पर निशाना साधते हुए गोयल ने कहा कि आज दूसरी पार्टियों के पास लोगों को बताने के लिए कुछ भी नहीं है। वे सिर्फ अलग-अलग तरह के सहारे ढूंढ रहे हैं, कोई फौजियों के नाम पर वोट मांग रहा है तो कोई धर्म के नाम पर। उन्होंने कहा कि लोग सब जानते हैं कि बेअदबियां किन सरकारों के समय हुई थीं। उन्होंने कहा कि पंजाब के असली वारिस वे लोग नहीं, बल्कि हमारी माताएं और बहनें हैं, जिन्होंने अपनी वोट की ताकत से फैसला करना है।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के ‘रंगला पंजाब’ के सपने को साकार करने के लिए हरमीत सिंह संधू को बड़े अंतर से जिताएं ताकि वे हलके के विकास कार्यों को और तेजी से आगे बढ़ा सकें।


