Thursday, November 27, 2025
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विधान सभा का विशेष सत्र: हरजोत सिंह बैंस द्वारा श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी की अनुपम शहादत को श्रद्धांजलि देने हेतु प्रस्ताव पेश  

विधान सभा का विशेष सत्र: हरजोत सिंह बैंस द्वारा श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी की अनुपम शहादत को श्रद्धांजलि देने हेतु प्रस्ताव पेश

विधान सभा द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित

नौवें पातशाह का शहीदी दिवस राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाए: हरजोत सिंह बैंस

श्री आनंदपुर साहिब/चंडीगढ़, 24 नवंबर

श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित आज श्री आनंदपुर साहिब में पंजाब विधान सभा का विशेष सत्र आयोजित किया गया। इस दौरान पंजाब के शिक्षा एवं सूचना एवं लोक संपर्क मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस ने धर्म की रक्षा और सभी के अधिकारों के लिए नौवें पातशाह द्वारा दी गई अनुपम शहादत और सर्वाेच्च बलिदान को नमन करने हेतु एक आधिकारिक प्रस्ताव पेश किया।

पंजाब विधान सभा में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। सदन को संबोधित करते हुए स. बैंस ने तीन गुरसिखों भाई मती दास जी, भाई सती दास जी और भाई दयाला जी को भी याद किया। उन्होंने गुरु साहिब की शहादत की राष्ट्रीय महत्ता को भी रेखांकित किया।

स. हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि नौवें पातशाह की अनुपम शहादत ने देश में धर्मनिरपेक्षता का बीज बोया। उन्होंने कहा कि यदि श्री गुरु तेग़ बहादुर साहिब जी ने धर्म और आस्था की स्वतंत्रता के लिए बलिदान न दिया होता, तो आज हमारे देश का नक्शा और धार्मिक रंगत बिल्कुल अलग होती। गुरु साहिब ने उस समय शासकों के अत्याचारों का डटकर मुकाबला किया। जब हिंदू समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता खतरे में थी, तब श्री गुरु तेग़ बहादुर जी उनकी ढाल बन गए। उन्होंने कहा कि अन्य धर्मों के सम्मान और रक्षा के लिए ऐसी अनुपम शहादत की मिसाल विश्व इतिहास में कहीं और नहीं मिलती।

श्री आनंदपुर साहिब से विधायक स. बैंस ने खालसे की जन्मभूमि के प्रति अपनी गहरी एवं ऐतिहासिक भावना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आनंदपुर साहिब की यह पवित्र भूमि, जिसे श्री गुरु तेग़ बहादुर जी ने स्वयं बसाया और अपनी पूज्य माता के नाम पर ‘चक्क नानकी’ नाम दिया, यही वह धरती है जहां से गुरु साहिब दिल्ली के लिए अपनी अंतिम यात्रा पर रवाना हुए थे। यही वह स्थान है जहां कश्मीरी पंडित न्याय की गुहार लेकर गुरु साहिब की शरण में आए थे।

उन्होंने इस धरती पर दिखाई गई अद्वितीय भावना को उजागर करते हुए कहा कि यहीं पर भाई जैता जी (बाबा जीवन सिंह जी) श्री गुरु तेग़ बहादुर जी का ‘शीश’ पूरे सम्मान के साथ लेकर आए थे और यहीं पर दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने भाई जैता जी को गले लगाकर उन्हें ‘रंगरेटे गुरु के बेटे’ कहकर सम्मानित किया था।

गुरु साहिब के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित स्मृति समारोहों के लिए पंजाब सरकार द्वारा बनाये गये कार्यक्रमों का विवरण देते हुए स. बैंस ने कहा कि इन समारोहों को पूरे मान-सम्मान के साथ संपन्न कराने के लिए मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान ने एक समर्पित समिति गठित की थी। इसके तहत पंजाब सरकार ने अनेक कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जिनमें पंजाब विधान सभा का विशेष सत्र, चार नगर कीर्तन, सरब धर्म सम्मेलन, लाइट एंड साउंड शो, ड्रोन शो तथा गुरु साहिब के जीवन और शिक्षाओं को समर्पित शैक्षिक कार्यक्रम शामिल हैं।

उन्होंने आधारभूत संरचना की व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी दी, जिनमें तीन टेंट सिटीज़, सुगम पार्किंग, श्री आनंदपुर साहिब आने वाली संगत के लिए समर्पित मोबाइल एप्लिकेशन और वेबसाइट तथा पर्यावरण-अनुकूल ई-रिक्शा व शटल सेवाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि गुरु साहिब की महान विरासत का सम्मान करने के लिए पूरे पवित्र नगरी श्री आनंदपुर साहिब में पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं।

स. हरजोत सिंह बैंस ने सभी से इस ऐतिहासिक समारोह में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि हम फंडों की चिंता किए बगैर पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। श्री गुरु तेग़ बहादुर जी की अनुपम शहादत को सच्ची श्रद्धांजलि उनके सत्य, न्याय और धार्मिक स्वतंत्रता के शाश्वत संदेश का अधिक से अधिक प्रचार करना है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक समागम नहीं, बल्कि पंजाब और देश के मूल्यों को दर्शाती एक विशेष पहल है।

स. हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि श्री गुरु तेग़ बहादुर जी की अनुपम शहादत प्रेरणा का शाश्वत स्रोत है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकाश-स्तंभ बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि उनकी शहादत वीरता, दया और सच्चाई के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के मूल्यों का प्रतीक है। इन्हीं मूल्यों को हम अपनी शिक्षा प्रणाली और समाज में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि पंजाब के सभी धार्मिक समुदायों के लोग श्री गुरु तेग़ बहादुर जी की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का बहुत सम्मान करते हैं। उन्होंने हर व्यक्ति को गुरु साहिब के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ये समारोह गुरु साहिब द्वारा दर्शायी गई धर्मनिरपेक्षता, विश्वव्यापी भाईचारे और मानवीय मूल्यों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। उन्होंने सभी संगत को गुरु साहिब की शिक्षाओं को अपनाने और समाज में शांति, सहिष्णुता तथा सद्भावना को बढ़ावा देते हुए सभी की भलाई के लिए प्रयासरत रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि नौवें पातशाह का शहीदी दिवस राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाना चाहिए।

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