पंजाब में गन्ने का भाव 416 रुपये प्रति क्विंटल, दीनानगर में नई शुगर मिल और ‘फतेह’ चीनी लॉन्च
दीनानगर, 26 नवंबर:Priyanka Thakur
पंजाब ने गन्ना किसानों को बड़ी सौगात देते हुए गन्ने का भाव बढ़ाकर 416 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। यह देश में किसी भी राज्य द्वारा दिया जाने वाला सबसे अधिक गन्ना मूल्य है। राज्य सरकार का कहना है कि यह फैसला किसानों की आय बढ़ाने और उनके हितों की रक्षा के लिए उठाया गया अहम कदम है।
किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ
विशेषकर सीमावर्ती जिलों में, जहां गन्ना मुख्य फसल है, इस निर्णय से किसानों को आर्थिक मजबूती मिलेगी। सरकार का मानना है कि गन्ना फसल राज्य में फसल विविधीकरण को गति दे सकती है।
दीनानगर में नई सहकारी शुगर मिल समर्पित
नए शुगर कॉम्प्लेक्स की विशेषताएँ:
-
पिड़ाई क्षमता 5,000 TCD
-
80 लाख क्विंटल वार्षिक गन्ना उत्पादन क्षमता क्षेत्र में
-
कुशल प्रसंस्करण और परिवहन लागत में कमी
-
हजारों लोगों के लिए प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार
इसके आधुनिकीकरण से 4‒5 गुना अधिक गन्ने की पिड़ाई अब संभव होगी।
28.5 मेगावाट को-जनरेशन प्लांट भी शुरू
नई मिल में स्थापित प्लांट से:
-
20 मेगावाट अतिरिक्त बिजली निर्यात की क्षमता
-
लगभग 20 करोड़ रुपये सालाना राजस्व का अनुमान
-
स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा
सल्फर-रहित ‘फतेह’ चीनी बाजार में
सरकारी स्तर पर लॉन्च किए गए इस ब्रांड के तहत उपलब्ध:
-
रिफाइंड शुगर
-
कास्टर शुगर
-
आइसिंग शुगर
-
1 किलो पैक से लेकर 5 ग्राम पाउच तक
उद्देश्य — लोगों को शुद्ध और प्रीमियम गुणवत्ता की चीनी उपलब्ध कराना।
शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में सुधार पर भी जोर
सरकार ने ये भी घोषणा की:
• दीनानगर क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज की प्रक्रिया तेज
• तरनतारन में बालिकाओं के लिए नया सरकारी कॉलेज
• जंडियाला गुरु में रेलवे ओवरब्रिज निर्माण प्रगति पर
केंद्र सरकार से सहायता जारी करने की मांग
राज्य सरकार ने कहा कि:
-
हाल की बाढ़ के लिए घोषित 1,600 करोड़ रुपये की राहत राशि जल्द मिले
-
पंजाब के अधिकारों और संस्थानों की सुरक्षा पर किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा
साथ ही दावा किया गया कि:
— घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली
— 90% घरों को शून्य बिल
— स्वास्थ्य योजना के तहत 10 लाख रुपये तक का बीमा कवरेज जल्द लागू
किसानों के लिए बड़ी उम्मीद
नई मिल और मूल्य वृद्धि से गन्ना आपूर्ति करने वाले किसानों की संख्या
2,850 से बढ़कर 7,025 होने की उम्मीद है।
इससे निजी मिलों पर निर्भरता घटेगी और परिवहन लागत में कमी आएगी।


