भ्रामक दावों का पर्दाफाश : रिहैबिलिटेशन स्कीम पर कांग्रेस फैला रही थी झूठ — प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा
भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ प्रदेश कार्यालय में आज एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें रिहैबिलिटेशन स्कीम के तहत दिए गए मकानों को लेकर पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम और झूठे आरोपों पर विस्तृत रूप से सच सामने रखा गया।
प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा ने स्पष्ट कहा कि कांग्रेस ने रिहैबिलिटेशन स्कीम से जुड़े एक पत्र को तोड़–मरोड़ कर जनता में अनावश्यक डर फैलाने की कोशिश की है। कांग्रेस नेताओं ने यह प्रचारित किया कि चंडीगढ़ प्रशासन रिहैबिलिटेशन स्कीम वाले मकान छीन लेगा या उन्हें तोड़ देगा, जबकि संबंधित पत्र में ऐसा एक भी शब्द नहीं लिखा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह बयान न केवल झूठा है, बल्कि गरीब और जरूरतमंद परिवारों के साथ खुला धोखा है, जिसका भाजपा कड़ा विरोध करती है।
प्रदेश अध्यक्ष मल्होत्रा ने बताया कि वर्ष 2023 में तत्कालीन प्रशासक द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया था, जिसका उद्देश्य चंडीगढ़ की स्मॉल फ्लैट्स कॉलोनियों, रिहैबिलिटेशन एरिया और टैनामेंट साइट्स में रहने वाले लोगों की समस्याओं का अध्ययन कर प्रशासन को सुझाव देना था। इस कमेटी ने 30 जुलाई 2025 को अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी थी।
उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट की एक कॉपी को लेकर बीते दिनों कांग्रेस कार्यकर्ता जनता में भ्रम फैलाते हुए घूम रहे हैं और यह दुष्प्रचार कर रहे हैं कि प्रशासन मकान हथियाने जा रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि कमेटी ने कहीं भी ऐसा सुझाव नहीं दिया कि मकान छीने जाएं या किसी को बेदखल किया जाए। कमेटी के सुझाव पूरी तरह व्यावहारिक और जन–हित में हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मल्होत्रा ने विस्तार से स्पष्ट किया कि कमेटी ने प्रशासन को सुझाव दिया कि चंडीगढ़ में हजारों मकान ऐसे हैं, जहां अब ओरिजिनल अलाटी न रहकर कोई और व्यक्ति रह रहा है—या तो खरीदार के रूप में या अपने माता-पिता के वारिस के रूप में। चूंकि इन मकानों की संख्या बहुत अधिक है, इसलिए इन सभी को खाली कराना न केवल असंभव है बल्कि इससे बहुत लंबी और जटिल कानूनी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जिससे अदालतों पर भी अनावश्यक बोझ पड़ेगा।
इसी वास्तविकता को समझते हुए कमेटी ने सुझाव दिया कि—
* 16 अगस्त 2023, जब इस विषय पर सर्वे शुरू हुआ था, उस तारीख तक जो व्यक्ति इन मकानों में रह रहा है, उसे टेनेंसी राइट्स ट्रांसफर कर दिए जाएं।
* प्रशासन वही किराया/किस्तें उनसे भी ले, जैसा ओरिजिनल अलाटी से लिया जाता था।
* जिन मकानों में ओरिजिनल अलाटी का निधन हो चुका है और उनके वारिस किस्त जमा करना चाहते हैं, उन्हें भी फिलहाल यही सुविधा दी जाए।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इन सुझावों में जनता के खिलाफ एक भी लाइन नहीं है, बल्कि इन्हें लोगों को राहत देने और व्यावहारिक समाधान निकालने के उद्देश्य से बनाया गया है।
मल्होत्रा ने कांग्रेस पर सीधा हमला करते हुए कहा कि गरीब परिवारों की चिंता करने की बजाय कांग्रेस केवल राजनीति करना चाहती है। जनता के बीच डर पैदा करना, झूठ फैलाना और तथ्यों को तोड़–मरोड़कर प्रस्तुत करना—कांग्रेस की पुरानी आदत है। उन्होंने कहा कि भाजपा जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझती है और किसी भी कीमत पर गरीबों की छत को खतरे में नहीं आने देगी।
अंत में उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के इस भ्रामक अभियान की कड़ी निंदा करती है और यह स्पष्ट करती है कि रिहैबिलिटेशन स्कीम के मकानों से किसी को बेदखल करने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। भाजपा जनता के साथ खड़ी थी, है और हमेशा खड़ी रहेगी।
भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ प्रदेश कार्यालय में आज एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जिसमें रिहैबिलिटेशन स्कीम के तहत दिए गए मकानों को लेकर पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम और झूठे आरोपों पर विस्तृत रूप से सच सामने रखा गया।
प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र पाल मल्होत्रा ने स्पष्ट कहा कि कांग्रेस ने रिहैबिलिटेशन स्कीम से जुड़े एक पत्र को तोड़–मरोड़ कर जनता में अनावश्यक डर फैलाने की कोशिश की है। कांग्रेस नेताओं ने यह प्रचारित किया कि चंडीगढ़ प्रशासन रिहैबिलिटेशन स्कीम वाले मकान छीन लेगा या उन्हें तोड़ देगा, जबकि संबंधित पत्र में ऐसा एक भी शब्द नहीं लिखा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह बयान न केवल झूठा है, बल्कि गरीब और जरूरतमंद परिवारों के साथ खुला धोखा है, जिसका भाजपा कड़ा विरोध करती है।
प्रदेश अध्यक्ष मल्होत्रा ने बताया कि वर्ष 2023 में तत्कालीन प्रशासक द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया था, जिसका उद्देश्य चंडीगढ़ की स्मॉल फ्लैट्स कॉलोनियों, रिहैबिलिटेशन एरिया और टैनामेंट साइट्स में रहने वाले लोगों की समस्याओं का अध्ययन कर प्रशासन को सुझाव देना था। इस कमेटी ने 30 जुलाई 2025 को अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी थी।
उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट की एक कॉपी को लेकर बीते दिनों कांग्रेस कार्यकर्ता जनता में भ्रम फैलाते हुए घूम रहे हैं और यह दुष्प्रचार कर रहे हैं कि प्रशासन मकान हथियाने जा रहा है। जबकि सच्चाई यह है कि कमेटी ने कहीं भी ऐसा सुझाव नहीं दिया कि मकान छीने जाएं या किसी को बेदखल किया जाए। कमेटी के सुझाव पूरी तरह व्यावहारिक और जन–हित में हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मल्होत्रा ने विस्तार से स्पष्ट किया कि कमेटी ने प्रशासन को सुझाव दिया कि चंडीगढ़ में हजारों मकान ऐसे हैं, जहां अब ओरिजिनल अलाटी न रहकर कोई और व्यक्ति रह रहा है—या तो खरीदार के रूप में या अपने माता-पिता के वारिस के रूप में। चूंकि इन मकानों की संख्या बहुत अधिक है, इसलिए इन सभी को खाली कराना न केवल असंभव है बल्कि इससे बहुत लंबी और जटिल कानूनी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जिससे अदालतों पर भी अनावश्यक बोझ पड़ेगा।
इसी वास्तविकता को समझते हुए कमेटी ने सुझाव दिया कि—
* 16 अगस्त 2023, जब इस विषय पर सर्वे शुरू हुआ था, उस तारीख तक जो व्यक्ति इन मकानों में रह रहा है, उसे टेनेंसी राइट्स ट्रांसफर कर दिए जाएं।
* प्रशासन वही किराया/किस्तें उनसे भी ले, जैसा ओरिजिनल अलाटी से लिया जाता था।
* जिन मकानों में ओरिजिनल अलाटी का निधन हो चुका है और उनके वारिस किस्त जमा करना चाहते हैं, उन्हें भी फिलहाल यही सुविधा दी जाए।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इन सुझावों में जनता के खिलाफ एक भी लाइन नहीं है, बल्कि इन्हें लोगों को राहत देने और व्यावहारिक समाधान निकालने के उद्देश्य से बनाया गया है।
मल्होत्रा ने कांग्रेस पर सीधा हमला करते हुए कहा कि गरीब परिवारों की चिंता करने की बजाय कांग्रेस केवल राजनीति करना चाहती है। जनता के बीच डर पैदा करना, झूठ फैलाना और तथ्यों को तोड़–मरोड़कर प्रस्तुत करना—कांग्रेस की पुरानी आदत है। उन्होंने कहा कि भाजपा जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझती है और किसी भी कीमत पर गरीबों की छत को खतरे में नहीं आने देगी।
अंत में उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस के इस भ्रामक अभियान की कड़ी निंदा करती है और यह स्पष्ट करती है कि रिहैबिलिटेशन स्कीम के मकानों से किसी को बेदखल करने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। भाजपा जनता के साथ खड़ी थी, है और हमेशा खड़ी रहेगी।


