News Written by Priyanka Thakur
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब की गौरवशाली सैन्य परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मोहाली स्थित महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी इंस्टीट्यूट (एमआरएस एएफपीआई) के पांच पूर्व विद्यार्थियों को भारतीय सशस्त्र सेनाओं में अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। यह उपलब्धि न केवल संस्थान बल्कि पूरे पंजाब के लिए गर्व का विषय है।
देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री अकैडमी में आयोजित 157वें रेगुलर कोर्स की पासिंग आउट परेड के दौरान एमआरएस एएफपीआई के चार कैडेट भारतीय सेना में शामिल हुए। इनमें अमृतसर के गुरकीरत सिंह, गुरदासपुर के बरजिंदर सिंह और सुखदेव सिंह गिल, तथा पठानकोट के विनायक शर्मा शामिल हैं। इन सभी कैडेटों ने कठिन प्रशिक्षण और अनुशासन के बल पर यह मुकाम हासिल किया है।
वहीं लुधियाना के कुश पांड्या ने हैदराबाद स्थित डुंडीगल एयर फोर्स अकैडमी से प्रशिक्षण पूरा कर भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन प्राप्त किया। कुश एक सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवार से हैं, जिससे उनकी यह उपलब्धि और भी प्रेरणादायक बन जाती है।
पंजाब के रोजगार सृजन, कौशल विकास एवं प्रशिक्षण मंत्री अमन अरोड़ा ने सभी पूर्व कैडेटों को बधाई देते हुए कहा कि ये युवा अधिकारी प्रदेश और देश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने युवाओं से सशस्त्र सेनाओं सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने का आह्वान किया।
एमआरएस एएफपीआई के निदेशक मेजर जनरल अजय एच. चौहान (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इन नियुक्तियों के साथ अब तक संस्थान के 186 कैडेट भारतीय सशस्त्र सेनाओं में शामिल हो चुके हैं। यह संस्थान की गुणवत्ता और समर्पण का प्रमाण है।


