मानहानि केस: सुखबीर बादल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी
मानहानि केस में सुखबीर बादल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट, कोर्ट में पेश न होने पर सख्त रुख
चंडीगढ़: पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की कानूनी मुश्किलें बढ़ गई हैं। चंडीगढ़ जिला अदालत ने वर्ष 2017 से जुड़े एक मानहानि मामले में उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए हैं। यह कार्रवाई अदालत में लगातार पेश न होने के कारण की गई है।
बुधवार को एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट राहुल गर्ग की अदालत ने सुखबीर बादल की अनुपस्थिति को गंभीर मानते हुए पहले दी गई जमानत को रद्द कर दिया और गैर-जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए। अदालत ने स्पष्ट किया कि न्यायिक प्रक्रिया का पालन न करना स्वीकार्य नहीं है। इस मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी 2026 को तय की गई है।
यह मानहानि मामला धार्मिक संगठन अखंड कीर्तनी जत्थे के प्रवक्ता राजिंदर पाल सिंह द्वारा दायर किया गया था। शिकायत के अनुसार, 4 जनवरी 2017 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की राजिंदर पाल सिंह से मुलाकात के बाद सुखबीर बादल ने मीडिया में संगठन को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था। आरोप है कि उन्होंने संगठन को आतंकवादी संगठन का राजनीतिक चेहरा बताया, जिससे उसकी सामाजिक और धार्मिक छवि को गंभीर नुकसान पहुंचा।
शिकायतकर्ता का कहना है कि यह बयान पूरी तरह निराधार और मानहानिकारक था। उल्लेखनीय है कि इस मामले में सुखबीर बादल की याचिका पहले ही पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा खारिज की जा चुकी है। अदालत के ताजा आदेश के बाद यह मामला एक बार फिर राजनीतिक और कानूनी हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।


