चंडीगढ़, 20 दिसंबर — मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब मंत्रिमंडल ने ‘मेरा घर मेरे नाम’ योजना को और प्रभावी बनाने की दिशा में बड़ा निर्णय लेते हुए पंजाब आबादी देह (रिकॉर्ड ऑफ राइट्स) अधिनियम, 2021 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इस संशोधन का उद्देश्य आपत्तियां और अपील दाखिल करने की समय-सीमा को कम कर प्रक्रिया को तेज करना है, जिससे आम लोगों को समयबद्ध राहत मिल सके।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। संशोधन के तहत अधिनियम की धारा 11 में बदलाव कर आपत्तियां दर्ज करने और उनके निपटारे की अवधि को क्रमशः 90 और 60 दिनों से घटाकर 30 दिन किया जाएगा। इसी प्रकार धारा 12(4) में संशोधन कर अपीलों के निपटारे की अवधि 60 दिनों से घटाकर 30 दिन करने का निर्णय लिया गया है। इससे जमीन से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और गति दोनों बढ़ेंगी।
कैबिनेट ने औद्योगिक एवं व्यापार विकास नीति (आईडीबीपी) 2022 में भी ऐतिहासिक संशोधन को मंजूरी दी। इस संशोधन के तहत उद्योगों के लिए बैंक गारंटी की बाध्यता को आसान किया गया है, जिससे कार्यशील पूंजी पर दबाव कम होगा और औद्योगिक निवेश, अनुसंधान तथा रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा गुरु नानक देव थर्मल प्लांट, बठिंडा की भूमि के पुनः आवंटन, नगर निकायों की ‘चंक साइट्स’ से जुड़े नियमों में संशोधन और निवेश को प्रोत्साहन देने जैसे अहम फैसले भी लिए गए।
कैबिनेट ने मनरेगा पर केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधनों पर चर्चा के लिए 30 दिसंबर 2025 को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की भी मंजूरी दी। मंत्रिमंडल का मत है कि प्रस्तावित बदलाव योजना की मूल भावना को कमजोर करते हैं।
समाचार लेखक: Naveen Kumar


