Tuesday, July 1, 2025
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विधानसभा से कांग्रेस के वॉकआउट पर मुख्यमंत्री बोले, विपक्ष में सच्चाई सुनने की क्षमता नहीं:24ghantenews

विधानसभा से कांग्रेस के वॉकआउट पर मुख्यमंत्री बोले, विपक्ष में सच्चाई सुनने की क्षमता नहीं

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण ही आज कांग्रेस खत्म हो चुकी है और जनता ने इन पर पूरी तरह विश्वास खो दिया है। कांग्रेस के पास न नीति है, न नियत है और न नेतृत्व है।

 मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वीरवार को हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राज्यपाल अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण ही आज कांग्रेस खत्म हो चुकी है और जनता ने इन पर पूरी तरह विश्वास खो दिया है। कांग्रेस के पास न नीति है, न नियत है और न नेतृत्व है। उन्होंने हरियाणा के 2 करोड़ 80 लाख लोगों को होली की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों द्वारा सदन से वॉकआउट करने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विपक्ष में सच्चाई सुनने की क्षमता नहीं है। 2029 में तो कांग्रेस सदन में ही नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है, वे केवल झूठ बोल कर आरोप लगाने के काम करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने निकाय चुनावों में कहा था कि कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण कांग्रेस जीरो पर आउट होगी और परिणाम ये रहा कि एक भी प्रत्याशी जीत नहीं पाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने झूठ बोलकर एक नैरेटिव फैलाया कि अगर श्री नरेंद्र मोदी ‌तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन गए तो संविधान खत्म हो जाएगा। जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तो संविधान को सुरक्षित कर रहे हैं, खत्म तो कांग्रेस हो रही है।

 मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आज का दिन मेरे लिए गर्व और गौरव का दिन है, क्योंकि आज ही के दिन एक साल पहले इसी सदन में मुझे हरियाणा की सेवा करने का अवसर मिला था। इसी सदन में मेरी सरकार ने बहुमत हासिल किया था। उस समय विपक्ष ने कई तरह की बातें की थी कि अनुभवी नहीं है, आखिर में ले आए। लेकिन उस दिन इस सदन में जो विश्वास हमें मिला था, वो केवल सदन का बल्कि हरियाणा की जनता का विश्वास था। उन्होंने  कहा कि पिछले एक साल से जनता ने हम पर भरोसा बनाए रखा है। हमारी सरकार ने बिना भेदभाव के काम किए हैं और गत दिवस आए निकाय चुनावों के परिणामों ने यह साबित कर दिया है। पिछले एक साल में 3 बार लोकसभा, विधानसभा और निकाय चुनावों में हरियाणा की जनता ने हमे आर्शीवाद दिया है। निकायों चुनावों की जीत ने डबल इंजन की सरकार में ट्रिपल इंजन जोड़ दिया है।

 मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आलोचना करना जन्मसिद्ध अधिकार है। लेकिन आलोचना और आकलन किया जाना है तो अपना भी किया जाना चाहिए। विपक्ष ने अपने समय में क्या किया उसका भी आकलन किया जाना चाहिए। चुनावों के दौरान विपक्ष के नेता सरकार का हिसाब मांग रहे थे, लेकिन जनता ने कांग्रेस का हिसाब दे दिया। उन्होंने विपक्ष की स्थिति को शायराना अंदाज में बयां करते हुए कहा कि तुम्हारे पाँव के नीचे कोई जमीन नहीं है, कमाल तो ये है फिर भी तुम्हें यकीन नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों ने सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान लगातार कहा कि सरकार ने कुछ नहीं किया। जबकि सरकार बनते ही हमने बिना पर्ची-बिना खर्ची 26 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी देने का काम किया।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने तथा विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य के सभी राजकीय प्राथमिक तथा राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में नियमित शिक्षकों के अलावा, अतिथि और हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से तथा आंतरिक व्यवस्था के तहत अध्यापक कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि एम.आई.एस. पोर्टल के माध्यम से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर राजकीय महाविद्यालयों में 7,986 स्वीकृत पद हैं। इनमें से 5,422 पदों पर लेक्चरर कार्यरत हैं। विभिन्न विषयों में सहायक प्रोफेसर के ग्रुप-बी के 2,424 पदों को भरने की प्रक्रिया हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा जारी है।  उन्होंने कहा कि कहा कि विपक्ष द्वारा लगाया गया यह आरोप बिल्कुल निराधार है कि हरियाणा के 294 स्कूलों में एक भी विद्यार्थी नहीं है। केवल 28 ऐसे स्कूल है, जिनमें एक भी विद्यार्थी नहीं है। इन सभी 28 स्कूलों के अध्यापकों का समायोजन अन्य विद्यालयों में कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नूंह जिले के छात्रों की गुणवत्तापूर्वक शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए 30 अप्रैल, 2012 को अलग से मेवात काडर बनाया गया था। सारे खाली पदों को भरने की प्रक्रिया चल रही है। पी.आर.टी. के 1,456 पदों को भरने हेतु 9 अगस्त, 2024 को मांग पत्र हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को भेजा जा चुका है। इसके अलावा, पी.जी.टी. के विभिन्न विषयों के 360 रिक्त पदों को भरने के लिए जुलाई, 2024 में मांग-पत्र हरियाणा लोक सेवा आयोग को भेजा जा चुका है। इसमें से 59 पदों पर अनुशंसा प्राप्त हो चुकी है और थोड़े दिनों में ज्वाइनिंग हो जाएगी। शेष पदों को भी जल्द ही भर लिया जाएगा।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान हित सरकार की नीतियों के केन्द्र में है। सरकार किसानों की सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद कर रही है। वर्ष 2021-22 से लेकर अब तक सरकार द्वारा एमएसपी पर खरीद किये गये खाद्यान्नों की 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये की राशि किसानों के बैंक खातों में सीधे डाली जा चुकी है।   उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के नेता एमएसपी के नाम पर किसानों को झूठ बोलकर बरगलाने का काम कर रहा है। जबकि वर्ष 2014 में कांग्रेस के शासनकाल में 30 लाख 7 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी। जबकि, वर्ष 2024-25 में 53.99 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है। इससे स्पष्ट है कि हम लगभग दो गुणा अधिक धान की सरकारी खरीद कर रहे हैं। वर्ष 2014 में कॉमन धान का एम.एस.पी 1,310 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब ग्रेड-ए का 2,320 रुपये प्रति क्विंटल और कॉमन धान का 2,300 रुपये प्रति क्विंटल है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के हित में तकनीकी सुधार करके समय और भ्रष्टाचार को कम किया है। यदि कहीं ज्यादा बिल काट कर कम पैसे दिये जाने की शिकायत है, तो सरकार को बतायें, हम कड़ी कार्रवाई करेंगे।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल बिजाई सीजन में सरकार द्वारा यूरिया की पूरी व्यवस्था की जाती है। रबी सीजन 2024-25 के लिए राज्य में 14 लाख 26 हजार मीट्रिक टन यूरिया खाद उपलब्ध कराया गया है, जिसमें से अभी तक 12 लाख 23 हजार मीट्रिक टन की खपत हो चुकी है। पिछले रबी सीजन के दौरान यूरिया की बिक्री 11 लाख 6 हजार मीट्रिक टन थी। वर्तमान में, राज्य में 2 लाख 2 हजार मीट्रिक टन यूरिया अभी भी उपलब्ध है। आगामी सीजन में भी किसानों को यूरिया व डीएपी खाद की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि आज जब किसान, मजदूर ने कांग्रेस को नकार दिया है, तो कांग्रेस के नेताओं को किसानों के हित याद आ रहे हैं। देश में कांग्रेस की सत्ता साढ़े 5 दशकों तक रही है। अगर इस पार्टी ने किसान हित की सोची होती, मजदूर हित की सोची होती, तो आज इन्हें ये दिन देखने न पड़ते। उन्होंने कहा कि किसानों ने अपनी मेहनत से देश को खाद्यान्नों के मामले में न केवल आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि निर्यात की स्थिति तक पहुंचाया है। लेकिन कांग्रेस ने बदले में किसान को कर्ज के मकड़ जाल में फंसा दिया था। जबकि वर्तमान केंद्र व राज्य सरकार ने किसान के कर्ज भार को कम करने के लिए एकमुश्त निपटान योजनाएं शुरू की, इससे किसानों को बड़ी राहत मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में तो कांग्रेस की सरकार ने भूमि अधिग्रहण करके किसानों को भूमिहीन बना दिया। सी.एल.यू. के नाम पर कॉलोनाइजर को लाभ पहुंचाया और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। ज‌बकि वर्तमान राज्य सरकार ने किसानों की खुशहाली और कृषि को और अधिक लाभकारी बनाने के लिए पिछले साढ़े 10 वर्षों में कारगर ढंग से काम किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की प्राकृतिक प्रकोप से फसलें नष्ट होने पर भरपाई करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है। सरकार ने मुआवजा राशि 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की है। पिछले 10 सालों में सरकार ने किसानों को मुआवजे के रूप में 14,300 करोड़ रुपये दिये है, जबकि कांग्रेस सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में 1,156 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया था। इसमें से 271 करोड़ रुपये का भुगतान हमारी सरकार ने वर्ष 2015 में किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 19 किस्तों में राज्य के 20 लाख किसानों को कुल 6 हजार 203 करोड़ रुपये की राशि दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि पिछले साल मानसून देरी से आने के कारण किसान को खरीफ फसलों की बिजाई के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने पड़े। इससे फसल की लागत बढ़ी। इसमें राहत के लिए सरकार ने सभी खरीफ फसलों के लिए हर किसान को 2 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से 1345 करोड़ रुपये का बोनस दिया है। ऐसा हरियाणा के इतिहास में पहली बार हुआ है।उन्होंने कहा कि पराली के उचित निपटान के लिए किसानों को 10,393 मशीनों के लिए 122 करोड़ रुपये की अनुदान राशि दी गई है। वर्ष 2019 से अब तक किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन उपकरणों तथा धान के अवशेष प्रबंधन के लिए 1213 करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए गए। इसके अलावा, भावांतर भरपाई योजना के तहत पिछले 10 वर्षों में 23,568 किसानों को 75 करोड़ 73 लाख रुपये का प्रोत्साहन सीधे उनके बैंक खातों में दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को बेसहारा गौवंश से मुक्त करना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए तीन गौ अभ्यारण्य गांव नैन, जिला पानीपत, गांव ढंढुर, जिला हिसार और पंचकूला में बनाया गया है। इनमें शैड, पानी व चारे की व्यवस्था की गई है। इनके लिए 8 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। इनमें लगभग 6,500 बेसहारा गौवंश को आश्रय दिया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने घोषणा की थी कि बेसहारा गौवंश के पुनर्वास के लिए 200 गौशालाओं को शैड बनाने के लिए 10 लाख रुपये प्रति गौशाला अनुदान दिया जाएगा। ऐसी 50 गौशालाओं में शैड बनाए जा चुके हैं।  उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 तक हरियाणा में 215 पंजीकृत गौशालाओं में केवल 1 लाख 74 हजार गौवंश था। लेकिन,  इस समय राज्य में 683 पंजीकृत गौशालाएं हैं। इनमें 4 लाख 50 हजार बेसहारा गौवंश का पालन-पोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 में हरियाणा गौसेवा आयोग के लिए केवल 2 करोड़ रुपये का बजट था। इस साल कुल बजट 450 करोड़ रुपये कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पंजीकृत गौशालाओं को पिछले 10 वर्षों में चारे के लिए लगभग 336 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। गत जनवरी माह में गौशालाओं के लिए 216.25 करोड़ रुपये की चारा अनुदान राशि की स्वीकृति जारी की है। इसके अलावा, लगभग 350 शैड व चारा गोदाम के निर्माण के लिए 30 करोड़ रुपये की अनुदान राशि दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकों को बेहतर रिहायशी वातावरण देने के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा पहले चरण में पंचकूला के कोट बिल्ला शहरी परिसर में सेक्टर-14-16, 22 और पिंजौर-कालका में सेक्टर-23 को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि विपक्ष को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की याद आई है। यह वही प्राधिकरण है, जिसकी नींव खोखली करने का काम कांग्रेस सरकार में किया गया था। उस समय किसानों को जमीन अधिग्रहण का डर दिखाकर उन्हें अपनी जमीन कोड़ियों के भाव बेचने के लिए मजबूर किया। यह वह जमीन थी, जिस पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सेक्टर बनने थे। इससे प्राधिकरण का काम बंद हो गया और यह घाटे में आ गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को घाटे से उबारने का काम किया है। अब यह शहरी संपदाओं में 41 सेक्टरों में भूमि अधिग्रहण कर रहा है। यह भूमि अधिग्रहण ई-भूमि पोर्टल अथवा लैंड पूलिंग नीति के माध्यम से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में कॉलोनियां विकसित करने का कोई रोडमैप नहीं था, कोई भी व्यक्ति कहीं पर भी कॉलोनी काट देता था, जिससे अवैध कॉलोनियां लगातार विकसित होती चली गई। वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में अवैध कॉलोनियों पर पूर्ण नियंत्रण रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उन कॉलोनियों को भी नियमित किया है, जो पहले की सरकार में विकसित हुई थी। कांग्रेस के 10 साल के शासनकाल में 874 कॉलोनियों को नियमित किया गया था और हजारों कॉलोनियां फैलाकर चले गये। वर्तमान राज्य सरकार ने उन 2,147 कॉलोनियों को नियमित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार नियमित आधार पर अवैध कॉलोनियों के खिलाफ अपेक्षित कार्रवाई कर रही है। इसमें अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त करना और उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल है। जनवरी, 2015 से अब तक ऐसी 6,904 कॉलोनियों की पहचान की गई है। अभी तक इनमें से 26,650 एकड़ भूमि वाली 3,937 कॉलोनियों को ध्वस्त कर दिया गया है। इसके अलावा, 1,879 उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष द्वारा सदन में उठाए गए नगर निकायों में एस.सी. वार्डों की संख्या घटाई जाने के मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि नगर निगमों के चुनाव हेतु अनुसूचित जाति के लिए सीटों/ वार्डों का आरक्षण हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 11 (1) में वर्णित व्यवस्था अनुसार संबंधित नगर निगम में अनुसूचित जाति की जनसंख्या के अनुपात में किया जाता है। अनुसूचित जाति की जनसंख्या का अनुपात निकालने के लिए नवीनतम जनगणना के आधार पर सम्बन्धित नगर निगम की कुल जनसंख्या तथा उसमें अनुसूचित जाति की जनसंख्या के आंकड़े लिये जाते हैं। यह व्यवस्था भारत के संविधान के अनुच्छेद 243टी तथा अनुच्छेद 243पी(जी) के प्रावधानों के अनुरूप है। राज्य में सभी पालिकाओं के चुनाव में इसी अनुसार अनुसूचित जाति के लिए सीटों/वार्डों का आरक्षण किया गया। अनुसूचित जाति के वार्डों के आरक्षण में कोई कमी नहीं की है।

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