पंजाब सरकार की बाल विवाह के खिलाफ सतत लड़ाई के ठोस परिणाम सामने आ रहे हैं।
गांव-गांव जागरूकता अभियान से बाल विवाह रोकने में मदद मिली, राज्य भर में कार्रवाई दल सक्रिय
मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य को बाल विवाह की बुराई से मुक्त करने के लिए लगातार काम कर रही है। यह जानकारी सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने साझा करते हुए बताया कि सरकार के सक्रिय हस्तक्षेप और जागरूकता अभियानों से इस दिशा में महत्वपूर्ण परिणाम सामने आए हैं।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक विभाग द्वारा समय पर कार्रवाई करके कुल 42 बाल विवाहों को सफलतापूर्वक रोका गया, जबकि जनवरी 2025 से मार्च 2025 के बीच 16 और मामलों को रोका गया। पिछले 15 महीनों में पंजाब में कुल 58 बाल विवाह टाले गए हैं।
मंत्री ने कहा कि यह उत्साहजनक उपलब्धि बच्चों के अधिकारों और भविष्य की रक्षा के प्रति पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने दोहराया कि बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक बुराई है और राज्य से इस कुप्रथा को पूरी तरह से खत्म करने के लिए कड़े निवारक कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में एक क्रियाशील चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 है, जो 24×7 काम करती है, जिसके माध्यम से कोई भी नागरिक बाल विवाह या बच्चों से संबंधित किसी भी दुर्व्यवहार या शोषण से संबंधित घटनाओं की गोपनीय रूप से रिपोर्ट कर सकता है। सक्रिय सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाती है। साथ ही, अपने गांव के वरिष्ठ माध्यमिक सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल और बाल विकास परियोजना अधिकारी, जिन्हें बाल विवाह रोकथाम अधिकारी के रूप में नामित किया गया है, को भी इन मामलों के बारे में तुरंत सूचित किया जा सकता है, ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके।
डॉ. बलजीत कौर ने यह भी कहा कि बाल विवाह करवाने या करवाने वाले माता-पिता या व्यक्तियों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त सजा का प्रावधान है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बचपन बच्चों के भविष्य को आकार देने की उम्र होती है और इस उम्र में शादी करना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि बाल विवाह को रोकने के लिए सरकार शादियों के सीजन में जागरूकता अभियान चला रही है। जल्द ही जिला स्तर पर और गांवों में ये जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे ताकि बाल विवाह के मामलों को सख्ती से रोका जा सके।
डॉ. बलजीत कौर ने अध्यापकों, आशा कार्यकर्ताओं, सरपंचों, गैर सरकारी संगठनों और जागरूक नागरिकों से बाल विवाह को समाप्त करने में सरकार का सहयोग करने की अपील की, जिससे प्रत्येक बच्चे के लिए एक प्रगतिशील और सुरक्षित पंजाब का निर्माण होगा।
पंजाब बाल विवाह मुक्त राज्य बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, 58 मामलों को सफलतापूर्वक रोका गया है: डॉ. बलजीत कौर
बाल विवाह के खिलाफ पंजाब सरकार की सतत लड़ाई के ठोस परिणाम सामने आ रहे हैं
गांव-गांव जागरूकता अभियान से बाल विवाह रोकने में मिली मदद, पूरे राज्य में एक्शन टीमें सक्रिय
मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार राज्य को बाल विवाह की बुराई से मुक्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि सरकार के सक्रिय हस्तक्षेप और जागरूकता अभियानों के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक विभाग द्वारा समय पर कार्रवाई करके 42 बाल विवाहों को सफलतापूर्वक रोका गया, जबकि जनवरी 2025 से मार्च 2025 के बीच 16 अन्य मामलों को भी रोका गया। इस प्रकार पिछले 15 महीनों में पंजाब में कुल 58 बाल विवाह टाले गए हैं।
मंत्री ने कहा कि यह उत्साहजनक उपलब्धि बच्चों के अधिकारों और उनके सुरक्षित भविष्य के प्रति पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने दोहराया कि बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक बुराई है और इसे पूरी तरह से खत्म करने के लिए सख्त निवारक उपाय किए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 चौबीसों घंटे सक्रिय है, जिसके माध्यम से कोई भी नागरिक बाल विवाह या बच्चों से संबंधित किसी भी तरह के शोषण या दुर्व्यवहार की गोपनीय रूप से सूचना दे सकता है। सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाती है, ताकि लोग बिना किसी डर के सूचना दें। इसके अलावा, अपने गांव के वरिष्ठ माध्यमिक सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल और बाल विकास परियोजना अधिकारी, जिन्हें बाल विवाह रोकथाम अधिकारी नियुक्त किया गया है, को भी ऐसी घटनाओं के बारे में तुरंत सूचित किया जा सकता है, ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके।
डॉ. बलजीत कौर ने आगे कहा कि कोई भी माता-पिता या व्यक्ति जो बाल विवाह करवाने या उसे बढ़ावा देने की कोशिश करता है, उसके खिलाफ कानून के अनुसार कड़ी सजा का प्रावधान है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बचपन बच्चों के भविष्य को संवारने का समय होता है और इस उम्र में शादी करना उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है, जिसे किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि सरकार की ओर से विवाह के सीजन में बाल विवाह रोकने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। जल्द ही जिला व गांव स्तर पर ये जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे ताकि बाल विवाह के मामलों पर सख्ती से अंकुश लगाया जा सके।
अंत में डॉ. बलजीत कौर ने अध्यापकों, आंगनवाड़ी वर्करों, आशा वर्करों, सरपंचों, गैर-सरकारी संगठनों और जागरूक नागरिकों से अपील की कि वे इस सामाजिक बुराई को समाप्त करने में सरकार का सहयोग करें, ताकि हर बच्चे के लिए एक प्रगतिशील और सुरक्षित पंजाब का निर्माण किया जा सके।