Priyanka Thakur
यह कार्यक्रम तकनीक और कृषि को एक मंच पर लाकर किसानों को सशक्त बनाने और भारत में कृषि के लिए एक उज्ज्वल, अधिक टिकाऊ भविष्य के निर्माण का लक्ष्य रखता है।
इस अवसर पर एग्रीटेक नवाचार हब, एग्रीटेक स्टार्टअप एवं प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी तथा एसवीपीयूएटी परिसर में “मॉडल स्मार्ट फार्म” पर एक जीवंत तकनीकी प्रदर्शन का उद्घाटन किया गया, जिसका उद्देश्य किसानों तक सीधे नए विचार, अनुसंधान और सहायता पहुंचाना तथा विज्ञान एवं नवाचार की मदद से उनकी खेती को उन्नत बनाना है।
माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने इस कार्यक्रम में ऑनलाइन भाग लिया और कहा कि एग्रीटेक इनोवेशन हब भारत में कृषि के लिए एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि ऐसे हब गांवों में नवीन तकनीक और विचार लाते हैं, जिससे किसानों को फसल उगाने के नए तरीके सीखने और ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने इस पहल को “समाज के लिए विज्ञान” का एक श्रेष्ठ उदाहरण बताते हुए इसकी सराहना की। उन्होंने शिक्षा, अनुसंधान और जमीनी स्तर पर विशेष रूप से कृषि क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) तथा उभरती तकनीकों के समावेश के प्रति शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कृषि क्षेत्र में शिक्षा मंत्रालय द्वारा समर्थित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस – एएनएनएएम एआई द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
माननीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री जयंती चौधरी ने कहा कि यह हब ग्रामीण युवाओं और किसानों को तकनीक-आधारित कृषि के नए युग को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने आईआईटी रोपड़ और एसवीपीयूएटी के बीच साझेदारी की सराहना की और इसे खेती को आधुनिक बनाने, उत्पादन बढ़ाने और जलवायु लचीलापन विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
माननीय मंत्री श्री अनिल कुमार ने इस बात पर बल दिया कि भारतीय खेती का भविष्य तकनीक में निहित है। सेंसरों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग से किसानों को समय पर सटीक जानकारी प्राप्त होगी जिससे उत्पादन में वृद्धि होगी।
कार्यक्रम की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि रही — भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रोपड़ और सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर, जिसने संयुक्त अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास तथा क्षेत्रीय कार्यान्वयन के लिए एक ठोस आधार प्रदान किया।
आईआईटी रोपड़ के निदेशक प्रोफेसर राजीव आहूजा ने अपने संबोधन में एएनएनएएम एआई और आईहब-अवध को भारतीय कृषि के लिए गहन तकनीकी समाधान प्रदान करने वाले राष्ट्रीय मंचों के रूप में प्रस्तुत किया।
एसवीपीयूएटी के कुलपति प्रोफेसर के.के. सिंह ने किसान-केन्द्रित नवाचार तथा सामुदायिक सहभागिता के प्रति विश्वविद्यालय की गहन प्रतिबद्धता को दोहराया।
एएनएनएएम एआई के परियोजना निदेशक डॉ. पुष्पेन्द्र पी. सिंह ने हब की योजना प्रस्तुत करते हुए स्मार्ट फार्म उपकरण, साइबर-भौतिक प्रणाली (सीपीएस) प्रयोगशाला, प्रशिक्षण कार्यक्रम और स्टार्टअप सहायता के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में तकनीकी प्रदर्शनी, किसान-केन्द्रित पहलें और आगामी स्टार्टअप व कौशल विकास कार्यक्रमों की घोषणाएं भी की गईं — जो उत्तर प्रदेश में भविष्य के लिए तैयार कृषि पारिस्थितिकी तंत्र की दिशा में एक सशक्त पहल का संकेत देती हैं।