राज्यपाल श्री गुलाब चंद कटारिया ने “नशा विरोधी जागरूकता अभियान” का शुभारंभ किया।
पुक्का ने 250 से ज़्यादा कॉलेजों को जोड़ा, युवाओं को बनाया अभियान का केंद्र।
राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने दिलाई “नशा मुक्त परिसर” की शपथ
पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक श्री गुलाब चंद कटारिया ने आज चंडीगढ़ में पंजाब अनएडेड कॉलेजेस एसोसिएशन (पुक्का) द्वारा शुरू किए गए “नशा विरोधी जागरूकता अभियान” का औपचारिक शुभारंभ किया। राज्यपाल इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे और उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहने का संकल्प दिलाया।
अपने संबोधन में, राज्यपाल ने इस अभियान को समय की आवश्यकता और सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया और कहा, “नशे के प्रति शून्य सहिष्णुता केवल एक नारा नहीं है, इसे समाज की जीवनशैली बनना चाहिए।” उन्होंने कहा कि नशा एक सामाजिक और राष्ट्रीय संकट है, जो धीरे-धीरे शरीर, मन, रिश्तों और भविष्य को नष्ट कर देता है।
राज्यपाल कटारिया ने कहा कि इस अभियान में 250 से ज़्यादा कॉलेजों की भागीदारी दर्शाती है कि यह अब सिर्फ़ एक संगठनात्मक पहल नहीं रह गई है, बल्कि एक जनांदोलन का रूप ले चुकी है। उन्होंने इस सराहनीय प्रयास के लिए पुक्का अध्यक्ष डॉ. अंशु कटारिया और उनकी टीम का आभार व्यक्त किया और कहा कि “आपका यह प्रयास युवाओं को एक नई दिशा देने वाला है।”
उन्होंने विशेष रूप से यह विचार व्यक्त किया कि, “किसी बच्चे से नफ़रत करने से वह नशे की गिरफ़्त से दूर नहीं रहता। अगर कोई बच्चा नशे की गिरफ़्त में आ गया है, तो हमें यह सोचने की ज़रूरत है कि हम उसे बाहर निकालने के लिए क्या कर रहे हैं।”
राज्यपाल ने यह भी कहा कि “अगर हम अपने परिसर को नशामुक्त क्षेत्र बना दें, तो नशामुक्ति की दिशा में हम काफी हद तक सफल हो सकते हैं।” उन्होंने युवाओं को नशे की गिरफ़्त से मुक्त करने और उन्हें रोज़गार व उद्देश्य से जोड़ने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
राज्यपाल ने शिक्षण संस्थानों से आह्वान किया कि वे सिर्फ़ शिक्षा केंद्र के रूप में ही नहीं, बल्कि मूल्य-आधारित नेतृत्व और सामाजिक चेतना के केंद्र के रूप में भी कार्य करें। उन्होंने कॉलेजों से नियमित रूप से मानसिक स्वास्थ्य सत्र, परामर्श, खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियाँ और नशामुक्ति कार्यशालाएँ आयोजित करने का आग्रह किया ताकि छात्रों को सकारात्मक वातावरण मिल सके।
सांसद श्री सतनाम सिंह संधू ने देश में नशे की लत को अंतर्राष्ट्रीय नार्को-आतंकवाद करार देते हुए इसे युवाओं को कमज़ोर करने, समाज को अस्थिर करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को ख़तरे में डालने की एक सोची-समझी और संगठित साज़िश बताया। उन्होंने चेतावनी दी कि सीमावर्ती राज्य होने के नाते पंजाब एक मूक युद्ध का सामना कर रहा है जहाँ राष्ट्र-विरोधी ताकतें नशे को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं। उन्होंने आग्रह किया कि इस मुद्दे को न केवल एक सामाजिक समस्या के रूप में, बल्कि राष्ट्र की अखंडता के लिए एक गंभीर ख़तरे के रूप में देखा जाना चाहिए।
पुक्का अध्यक्ष श्री अंशु कटारिया ने कहा कि “हमारे सभी कॉलेज इस मिशन के लिए सामूहिक रूप से काम करेंगे और इस कार्यक्रम को हर स्तर पर सफल बनाएंगे। यह सिर्फ़ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक संकल्प है जो हमारे छात्रों को जीवन में दिशा देगा।”
कार्यक्रम के अंत में, राज्यपाल ने उपस्थित छात्रों, शिक्षकों और संस्थानों के प्रतिनिधियों को “नशे को ना, जीवन को हाँ” की सामूहिक शपथ दिलाई। युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “आप न केवल भारत का भविष्य हैं, बल्कि इसके वर्तमान की रीढ़ हैं। आप वह शक्ति हैं जो नशे की लत के अंधेरे में आशा की किरण बन सकते हैं।”
इस अवसर पर विश्वविद्यालयों के कुलपति, महाविद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षक और बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित थे।