Thursday, October 23, 2025
Homeचंडीगढ़जामुन का फल ही नहीं, बल्कि इसकी जड़, पत्तियां, छाल और लकड़ी...

जामुन का फल ही नहीं, बल्कि इसकी जड़, पत्तियां, छाल और लकड़ी भी अत्यंत उपयोगी हैं : एनके झिंगन

जामुन का फल ही नहीं, बल्कि इसकी जड़, पत्तियां, छाल और लकड़ी भी अत्यंत उपयोगी हैं : एनके झिंगन

सेंट स्टीफंस स्कूल, सेक्टर 45-बी ने जामुन दिवस का आयोजन

चण्डीगढ़ : सेंट स्टीफंस स्कूल, सेक्टर 45-बी ने पर्यावरण सोसाइटी ऑफ इंडिया, चंडीगढ़ के सहयोग से जामुन दिवस का आयोजन किया। यह कार्यक्रम देशी फलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनके पारिस्थितिक एवं स्वास्थ्य लाभों को समझाने हेतु एक सराहनीय और ज्ञानवर्धक प्रयास था। जामुन अपने उच्च पोषण मूल्य के लिए जाना जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और खनिजों से भरपूर होता है, जो पाचन को सुधारता है और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में सहायक होता है।

कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल के प्राचार्य बैरी फ्रांसिस के स्वागत भाषण से हुई, जिसके पश्चात एनके झिंगन, सचिव, पर्यावरण सोसाइटी ऑफ इंडिया ने मुख्य भाषण दिया। उन्होंने सोसाइटी की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और बताया कि जामुन दिवस की शुरुआत 1997 में की गई थी। यह सोसाइटी देश की एकमात्र संस्था है जो इस अनोखे दिवस को नियमित रूप से मनाती आ रही है। उन्होंने बताया कि जामुन का फल ही नहीं, बल्कि इसकी जड़, पत्तियां, छाल और लकड़ी भी अत्यंत उपयोगी हैं, जिसका प्रयोग परंपरागत रूप से नाव और जहाज बनाने में भी किया जाता रहा है।

श्रीकांत आचार्य, सहायक प्रोफेसर, धन्वंतरि आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल, ने जामुन के औषधीय गुणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह मधुमेह जैसी जीवनशैली संबंधी बीमारियों को नियंत्रित करने में सहायक है और प्रतिरोधक क्षमता, हृदय स्वास्थ्य, वजन नियंत्रण एवं समग्र स्वास्थ्य में लाभकारी है। हेमराज सतीजा, उपाध्यक्ष, पर्यावरण सोसाइटी, ने बताया कि जामुन की लकड़ी जल शुद्धि में सहायक होती है। इसके अलावा यह त्वचा की देखभाल, मौखिक स्वच्छता और सूजन व एलर्जी विरोधी गुणों में भी उपयोगी है।

प्रसिद्ध गीतकार, गायक एवं संगीतकार केसी राही ने जामुन फल के लाभों पर आधारित एक विशेष गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सुश्री प्रीति कपानी, संयुक्त सचिव, पर्यावरण सोसाइटी, ने स्कूल द्वारा जामुन फल के प्रचार-प्रसार हेतु किए गए प्रयासों की सराहना की और अनुरोध किया कि इस तरह की पहल अन्य विद्यालयों में भी अपनाई जानी चाहिए। कार्यक्रम का समापन जामुन फल वितरण के साथ हुआ, जिससे विद्यार्थियों में न केवल जानकारी बढ़ी बल्कि उनमें इसके प्रति रुचि और प्रेरणा भी उत्पन्न हुई।

ओम प्रकाश मनौली, स्कूल के हर्बल प्लांट्स एजुकेटर ने हर्बल जैव विविधता और जामुन के वृक्षारोपण पर विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि जामुन, आम, जामुआ, पीपल और बरगद जैसे फलों के वृक्ष पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत लाभकारी हैं, किंतु शहरी विद्यालय परिसरों में इनका रोपण सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए क्योंकि छात्र फल तोड़ने के प्रयास में पत्थर फेंक सकते हैं, जिससे दुर्घटनाएं हो सकती हैं। उन्होंने छात्र सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण शिक्षा को भी समान रूप से महत्व देने की आवश्यकता पर बल दिया।

अंत में, मनौली ने पर्यावरण सोसाइटी ऑफ इंडिया के सभी सदस्यों और स्कूल स्टाफ को सफल आयोजन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
उल्लेखनीय अतिथियों में अशोक बंसल, सीता कक्कड़, परमजीत कौर, सरदार परमिंदर सिंह कपानी, वीना सिंह, अमन सिंह और श्रीमती रितु शामिल रहे, जो पर्यावरण सोसाइटी ऑफ इंडिया के सदस्य हैं। इसके अतिरिक्त विपिन भानोट (कालका) और श्रीमती अभिषा झिंगन ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।

[ 94170 04937 ]

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments