चंडीगढ़, 8 सितंबर:
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में पंजाब मंत्रिमंडल ने ऐतिहासिक फैसले लेते हुए बाढ़ पीड़ित किसानों के लिए ‘जिसका खेत, उसकी रेत’ नीति को मंजूरी दी। इस नीति के तहत किसानों को अपने खेतों में बाढ़ से जमा हुई रेत व मिट्टी को निकालने और चाहें तो बेचने की अनुमति होगी। यह राहत 31 दिसंबर तक मान्य रहेगी और इसके लिए किसी परमिट की आवश्यकता नहीं होगी।
मंत्रिमंडल ने फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए प्रति एकड़ 20,000 रुपये का मुआवजा देने का भी निर्णय लिया, जो अब तक का देश में सबसे अधिक मुआवजा है। मुख्यमंत्री ने इस बैठक में फोर्टिस अस्पताल, मोहाली से वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।
बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए जिनमें शामिल हैं:
-
पंजाब टाउन इम्प्रूवमेंट एक्ट, 1922 में संशोधन की मंजूरी।
-
पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ मुकदमा चलाने की सहमति।
-
खरीफ खरीद सीजन 2025-26 के लिए कस्टम मिलिंग नीति को मंजूरी।
-
पंजाब स्टेट माइनर मिनरल पॉलिसी-2023 में संशोधन।
-
पंजाब स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (SMET) का गठन।
-
SSA के तहत गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने का फैसला।
-
पंजाब एजुकेशन सर्विस रूल्स-2018 में संशोधन से 1500 शिक्षकों को पदोन्नति के अवसर।
-
कम्युनिटी सर्विस गाइडलाइंस-2025 को हरी झंडी।
-
ग्रामीण मेडिकल अधिकारियों को वेतन संरक्षण का लाभ।
-
सरकारी डॉक्टरों को सम्मानित करने के लिए नीति की मंजूरी।
-
पंजाब पुलिस में 1600 नई एनजीओ पदों (इंस्पेक्टर, एसआई और एएसआई) का सृजन।
इन निर्णयों से किसानों, शिक्षा क्षेत्र, स्वास्थ्य सेवाओं और पुलिस व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।