नई दिल्ली, 9 सितंबर:
देश में आज उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहा है। संसद भवन में सुबह शुरू हुआ मतदान शाम 5 बजे तक जारी रहेगा। इसके बाद शाम 6 बजे से मतगणना शुरू होगी। इस महत्वपूर्ण चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं।
सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने सी.पी. राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है। वे फिलहाल महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता भी रह चुके हैं। एनडीए की ओर से उनके पक्ष में माहौल मजबूत माना जा रहा है और गठबंधन की कोशिश है कि जीत का अंतर अधिक से अधिक हो।
दूसरी ओर, विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। विपक्ष का कहना है कि यह चुनाव महज एक संवैधानिक पद भरने का मामला नहीं, बल्कि “देश की आत्मा बचाने की लड़ाई” है।
विपक्ष का भावुक अपील
सपा सांसद राजीव राय ने एनडीए सांसदों से भावुक अपील करते हुए कहा –
“यह उनका आखिरी मौका है। वे चाहें तो किसी ऐसे व्यक्ति का समर्थन करें जो संविधान की रक्षा करता है, या फिर ऐसे व्यक्ति का जो केवल विचारधारा और नफरत की राजनीति का समर्थन करता है। मैं अपील करता हूं कि सांसद संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए विपक्षी उम्मीदवार को वोट दें।”
पीएम मोदी ने डाला वोट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मतदान के लिए संसद भवन पहुंचे और वोट डाला। उनके साथ कई कैबिनेट मंत्री और एनडीए सांसदों ने भी मतदान किया। संसद परिसर में सुबह से ही सांसदों का आना-जाना जारी है।
एनडीए का पलड़ा भारी
राजनीतिक समीकरणों की बात करें तो एनडीए के पास संख्याबल विपक्ष से कहीं अधिक है। सूत्रों के मुताबिक, एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है। हालांकि विपक्ष की रणनीति यह है कि भले ही जीत हाथ में न आए, लेकिन अपनी एकजुटता का संदेश जनता तक पहुंचाया जा सके।
चुनाव की प्रक्रिया
उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा – के सांसदों द्वारा किया जाता है। इस बार कुल 780 सांसदों के पास मतदान का अधिकार है। वोटिंग गुप्त मतपत्र से हो रही है। मतगणना पूरी होने के बाद शाम को ही परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
विपक्ष की चुनौती
विपक्षी INDIA ब्लॉक के नेता लगातार यह चुनाव “संविधान बनाम विचारधारा” की लड़ाई बता रहे हैं। वे इस चुनाव को लोकतंत्र की रक्षा का मौका कह रहे हैं। दूसरी ओर, एनडीए खेमे में विश्वास जताया जा रहा है कि उनकी जीत ऐतिहासिक अंतर से होगी।
नतीजों का इंतजार
अब निगाहें शाम को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं। विपक्ष इस चुनाव को नैतिक लड़ाई मान रहा है, जबकि एनडीए इसे अपनी राजनीतिक ताकत और एकता का प्रदर्शन बता रहा है। परिणाम चाहे जो हो, यह उपराष्ट्रपति चुनाव संसद की राजनीति में आने वाले दिनों के लिए अहम संदेश देगा।