बेअदबी कानून को लेकर एक्शन में ‘आप’ सरकार
आज पंजाब विधानसभा में होगी सेलेक्ट कमेटी की पहली बैठक
पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को लेकर पिछले कुछ वर्षों में कई घटनाएं सामने आई हैं, जिन्होंने समाज को झकझोर कर रख दिया है। जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, पंजाब सरकार अब इस मुद्दे पर सख्त और ठोस कानून बनाने की दिशा में गंभीर कदम उठा रही है।
इसी कड़ी में आज पंजाब विधानसभा में सेलेक्ट कमेटी की पहली बैठक आयोजित की जा रही है। यह बैठक सुबह 11:00 बजे शुरू होगी और इसकी अध्यक्षता करेंगे विधायक डॉ. इंद्रबीर सिंह निज्जर, जिन्हें इस सेलेक्ट कमेटी का प्रधान नियुक्त किया गया है।
क्या है सेलेक्ट कमेटी?
सेलेक्ट कमेटी एक विशेष समिति होती है जिसे किसी महत्वपूर्ण विधेयक या प्रस्ताव पर गहराई से विचार और अध्ययन करने के लिए गठित किया जाता है। बेअदबी कानून से जुड़ी बारीकियों को समझना, सभी पक्षों से राय लेना और एक ठोस रिपोर्ट तैयार करना इस कमेटी का मुख्य उद्देश्य है।
इस कमेटी में कुल 15 सदस्य होंगे, जिनमें विभिन्न दलों के विधायक शामिल किए गए हैं ताकि राजनीतिक संतुलन और निष्पक्षता बनी रहे।
क्या है बैठक का उद्देश्य?
आज होने वाली यह पहली बैठक बेअदबी कानून से संबंधित प्रस्तावित संशोधनों और विधायी ढांचे पर प्राथमिक चर्चा के लिए बुलाई गई है। इसमें यह तय किया जाएगा कि कानून को और प्रभावी कैसे बनाया जा सकता है, किन-किन बातों को जोड़ने की जरूरत है, और किन पहलुओं पर और अध्ययन की आवश्यकता है।
सरकार की योजना है कि 6 महीने के भीतर यह सेलेक्ट कमेटी अपनी रिपोर्ट विधानसभा के समक्ष पेश करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही नया या संशोधित कानून पारित किया जाएगा, जो भविष्य में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को लेकर कड़ा संदेश और सख्त सजा सुनिश्चित करेगा।
‘आप’ सरकार की मंशा साफ
‘आप’ सरकार पहले दिन से ही यह दावा करती रही है कि वह धार्मिक भावनाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। बेअदबी के मामलों में राजनीतिक लाभ की बजाय कानूनी सुधार को प्राथमिकता देना, इस सरकार की ईमानदार सोच को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले ही इस मुद्दे पर सख्त रुख अपना चुके हैं और अब सेलेक्ट कमेटी की बैठक इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।


