बैठक में याचिका वापस न लेने तथा दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ने का विचार सामने आया।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा भाई बलवंत सिंह राजोआना के संबंध में दायर याचिका पर वरिष्ठ वकीलों और पूर्व न्यायाधीशों की राय लेने के लिए आज चंडीगढ़ स्थित अपने उप-कार्यालय में एक विशेष बैठक आयोजित की गई। एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में याचिका को लेकर लंबी चर्चा हुई। चर्चा के दौरान यह विचार सामने आया कि सरकार को झुकना नहीं चाहिए और याचिका वापस नहीं लेनी चाहिए, बल्कि दृढ़ता के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर राष्ट्रीय मामला है, जिसके लिए राष्ट्रीय राय बनाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी इस संबंध में लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रही है, लेकिन इस मामले में सरकारों की हठधर्मिता के कारण मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सरकार को इस मामले पर निर्णय लेने के लिए कहने के बावजूद सरकार का रवैया बेहद खेदजनक है। उन्होंने कहा कि सरकारों का यह कर्तव्य है कि वे अपनी कार्यशैली में सभी के साथ समान व्यवहार करें, लेकिन सिख समुदाय की भावनाओं से जुड़े महत्वपूर्ण मामले पर जो रवैया अपनाया जा रहा है, उससे सरकार की मंशा पर सवाल उठता है।
एडवोकेट धामी ने बताया कि कल जब भाई राजोआना से मुलाकात की गई तो उन्होंने शिरोमणि कमेटी से अपनी याचिका वापस लेने को कहा। इस पर चर्चा करने के लिए सिख संगठनों, सिख बुद्धिजीवियों और महासंघों के साथ बैठकें आयोजित की गई हैं। आज की बैठक इसी के तहत आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि हालांकि याचिका को लेकर भाई राजोआना का गुस्सा जायज है और वह अपनी मान्यताओं पर अडिग हैं, लेकिन इस मामले में जल्दबाजी में फैसला लेना उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में पंथ के प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाई जाएगी जिसमें अगले कदमों की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
सभा में एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी, जस्टिस मनिंदर मोहन सिंह बेदी, पूर्व न्यायाधीश, वरिष्ठ वकील एडवोकेट पूरन सिंह हुंदल, एडवोकेट जीएस बल, एडवोकेट अमर सिंह चहल, एडवोकेट राजविंदर सिंह बैंस, सिख विद्वान डॉ. केहर सिंह, एस. काहन सिंह पन्नू, पूर्व आईएएस, एसजीपीसी सदस्य एडवोकेट भगवंत सिंह सियालका, वरिष्ठ वकील एडवोकेट बरजिंदर सिंह सोढ़ी, एडवोकेट परमजीत सिंह बराड़, एडवोकेट बलतेज सिंह, पूर्व डीए, एडवोकेट बलवंत सिंह गुलियानी, डॉ. बलवंत सिंह शामिल थे। पुनीत कौर सेखों, एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर, एडवोकेट रविंदर सिंह सांपला, एडवोकेट बलविंदर सिंह सूदन, एडवोकेट हरभजन सिंह थांदी, एडवोकेट राजेश्वर सिंह सुलेर, एसजीपीसी सचिव इंजी. सुखमिंदर सिंह, उप सचिव। लखबीर सिंह, इंचार्ज सरदार आजाददीप सिंह, मैनेजर राजिंदर सिंह टोहरा आदि उपस्थित थे।
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