News Written by Priyanka Thakur
इंडिगो संकट के बीच हाल ही में हवाई किरायों में अचानक हुई भारी बढ़ोतरी को लेकर देशभर में चिंता बढ़ी थी। स्थिति गंभीर होने पर सरकार ने सीमित समय के लिए टिकट किरायों पर नियंत्रण लागू किया था। लेकिन अब नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने संसद में स्पष्ट कहा है कि पूरे साल हवाई किरायों को नियंत्रित करना व्यावहारिक नहीं है।
मंत्री ने बताया कि त्योहारी सीजन और यात्रा के पीक समय में किराये का बढ़ना बाजार की स्वाभाविक प्रक्रिया है। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि एक मुक्त और प्रतिस्पर्धी बाजार अंततः उपभोक्ताओं को ही लाभ पहुंचाता है। इसी कारण वर्षों पहले इस क्षेत्र पर नियंत्रण हटाए गए थे ताकि अधिक एयरलाइंस बाजार में प्रवेश करें और यात्रियों को बेहतर विकल्प मिलें।
हवाई किराये पर नियंत्रण लगाने की मांग वाले एक निजी विधेयक पर प्रतिक्रिया देते हुए नायडू ने कहा कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी है कि इसे अधिकतम स्वतंत्रता दी जाए। उन्होंने कहा कि यदि किरायों पर सख्त सीमा लगाई जाएगी, तो उद्योग की वृद्धि रुक जाएगी और नई कंपनियों के लिए बाजार में प्रवेश करना मुश्किल हो जाएगा।
हालांकि, मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार के पास विशेष परिस्थितियों में दखल देने का अधिकार है। विमान अधिनियम के तहत केंद्र जरूरत पड़ने पर किराये पर कैप लगा सकता है ताकि यात्रियों से गैर-वाजिब कीमत न वसूली जाए।
सरकार का मानना है कि संतुलित बाजार नीति ही सही दिशा में विकास और उपभोक्ता हित दोनों को सुरक्षित रख सकती है।


