केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का हरियाणा दौरा, नए आपराधिक कानूनों की समीक्षा
चंडीगढ़, 16 सितम्बर।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 3 अक्टूबर को हरियाणा के दौरे पर आएंगे। इस दौरान उनका मुख्य उद्देश्य हाल ही में लागू किए गए तीन नए आपराधिक कानूनों की समीक्षा करना है। गृह मंत्री कुरुक्षेत्र में आयोजित नए कानूनों पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन भी करेंगे।
सरकार का मानना है कि इन कानूनों से अपराध पर नकेल कसने में मदद मिलेगी और न्याय प्रणाली अधिक पारदर्शी व तेज होगी।
नए आपराधिक कानूनों की प्रमुख विशेषताएँ
-
जीरो एफआईआर
अब कोई भी नागरिक देश के किसी भी पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करा सकेगा। यह एफआईआर 15 दिनों के भीतर संबंधित थाने में स्थानांतरित करना अनिवार्य होगा। -
विदेश में बैठे अपराधियों पर कार्रवाई
अगर कोई आरोपी विदेश में है तो भी उस पर भारत में केस चलाया जा सकेगा। दोषी पाए जाने पर कोर्ट सजा सुनाने का अधिकार रखेगी। -
वीडियो रिकॉर्डिंग और पारदर्शिता
तलाशी और जब्ती की वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी। बिना रिकॉर्डिंग के कोई भी आरोप-पत्र मान्य नहीं होगा। -
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई
अब पूरी कोर्ट कार्यवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो सकेगी। गवाहों को कोर्ट में पेश होने की आवश्यकता नहीं होगी। -
यौन अपराध मामलों में सख्ती
पीड़ित के बयान की वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी, ताकि केस की प्रक्रिया पारदर्शी रहे। -
संक्षिप्त सुनवाई (Fast Track)
3 साल तक की सजा वाले मामलों की फास्ट-ट्रैक सुनवाई होगी। इससे सेशन कोर्ट के 40% से ज्यादा मामलों का जल्द समाधान संभव होगा। -
सामुदायिक सेवा का प्रावधान
छोटे अपराधों में कैद के बजाय सामुदायिक सेवा की सजा दी जाएगी। -
मॉब लिंचिंग पर सख्त सजा
5 या उससे अधिक लोगों द्वारा की गई लिंचिंग के मामलों में मृत्युदंड या आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है। -
जमानत का प्रावधान
पहली बार अपराध करने वाले को सजा का 1/3 हिस्सा काटने के बाद जमानत मिल सकेगी। -
फॉरेंसिक जांच अनिवार्य
7 वर्ष या उससे अधिक सजा वाले मामलों में फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद लेना अनिवार्य होगा। -
डिजिटल सुधार
अब कोर्ट समन व्हाट्सएप के जरिए भी भेजा जा सकेगा। इससे सरकारी खर्च कम होगा और प्रक्रिया तेज होगी।
नए कानूनों के नाम
-
भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 – यह भारतीय दंड संहिता (IPC) का स्थान लेगी।
-
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) – नागरिकों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा करेगी।
-
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) – इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को वैध मान्यता देगा।
गृह मंत्रालय का दावा है कि इन कानूनों से न्याय व्यवस्था में पारदर्शिता और तेजी आएगी। साथ ही अपराधियों पर सख्ती से कार्रवाई संभव होगी। अमित शाह के हरियाणा दौरे को इस दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।