पंजाब में नशे के खिलाफ चल रहे अभियान के बीच अमृतसर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक सरकारी स्कूल की महिला अध्यापिका नशे के कारोबार में संलिप्त पाई गई है। बच्चों को शिक्षा देने वाली इस शिक्षिका ने अपना फर्ज़ छोड़ नशे के काले धंधे को चुना और अब पुलिस की गिरफ्त में है।
अमृतसर शहरी पुलिस ने नशा तस्करी के खिलाफ की गई बड़ी कार्रवाई में कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस ने इन सभी से 9 किलो हेरोइन (चिट्टा) बरामद किया है। गिरफ्तार आरोपियों में सरकारी स्कूल की अध्यापिका कुलविंदर कौर भी शामिल है।
पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि छेहरटा थाना पुलिस ने सबसे पहले आरोपी हनी को 20 ग्राम हेरोइन के साथ पकड़ा था। पूछताछ में सामने आए सुरागों के आधार पर पुलिस ने आगे छापेमारी कर गुरप्रीत निवासी गांव थांदे को पकड़ा और उससे 3 किलो हेरोइन बरामद की। इसी कड़ी में हरिंदर हिंद निवासी जंडियाला गुरु को गिरफ्तार कर उसके पास से 5 किलो हेरोइन मिली।
पुलिस जांच में पता चला कि यह नेटवर्क गुरप्रीत सिंह नामक आरोपी ऑपरेट कर रहा था, जो पाकिस्तान से ड्रोन के ज़रिए नशे की खेप मंगवाता था। आगे की पूछताछ में उसने अपनी दो महिला साथियों जसबीर कौर और कुलविंदर कौर के नाम का खुलासा किया। पुलिस ने जब दोनों को दबोचा तो उनके पास से 1 किलो हेरोइन बरामद की गई।
जांच के दौरान एक और बड़ा खुलासा हुआ। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी विदेश में बैठे कुख्यात अपराधी हरप्रीत सिंह उर्फ हैपी जट्ट के संपर्क में थे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ज़रिए वे पाकिस्तान से हेरोइन मंगवाकर पंजाब में सप्लाई कर रहे थे। गौरतलब है कि हैपी जट्ट के खिलाफ पहले से ही करीब 25 मामले दर्ज हैं।
इस मामले ने न केवल पुलिस बल्कि शिक्षा विभाग को भी हिलाकर रख दिया है। सरकारी स्कूल की महिला अध्यापिका का नशे के कारोबार में पकड़ा जाना बेहद गंभीर चिंता का विषय है। शिक्षा विभाग को अब इस बात पर विचार करना होगा कि उसके सिस्टम में इस तरह की चूक कैसे हो सकती है।
पुलिस का कहना है कि नशे के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी और ऐसे किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, स्थानीय लोगों ने भी इस घटना पर गहरा आक्रोश जताया है। उनका कहना है कि जब बच्चों को पढ़ाने वाली अध्यापिका ही नशे के धंधे में शामिल हो जाए तो यह समाज और आने वाली पीढ़ियों के लिए बड़ा खतरा है।
अमृतसर पुलिस की इस कार्रवाई को नशे के खिलाफ चल रही जंग में बड़ी सफलता माना जा रहा है। हालांकि, यह घटना इस बात का भी प्रमाण है कि पंजाब में नशे का जाल अब शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र तक पहुंच चुका है, जिसे खत्म करना सरकार और समाज दोनों की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।