बलबीर सिद्धू ने मोहाली बीडीपीओ धनवंत सिंह रंधावा के निलंबन की जांच की मांग की
कहा, बीडीपीओ कार्यालय वित्तीय घोटालों व भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है
‘विधायक कुलवंत सिंह की शह पर विपक्षी सरपंचों और पंचों को परेशान किया जा रहा है’
एसएएस नगर: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मांग की है कि मोहाली में तैनात ब्लॉक विकास एवं पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) धनवंत सिंह रंधावा को तुरंत निलंबित किया जाए और इस निर्वाचन क्षेत्र के गांवों में उनके द्वारा किए गए करोड़ों रुपये के घोटालों की जांच की जाए।
आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिद्धू ने कहा कि बीडीपीओ धनवंत सिंह रंधावा ने गांव बाकरपुर के तालाब की सफाई, सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार के लिए मेटिकुलस एंटरप्राइज को 13 करोड़ रुपए दिए, जबकि वहां कोई काम नहीं हुआ। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि इसी तरह गांव कुर्रा में कूड़ा निस्तारण के लिए शेड बनाने के लिए पंचायत खाते से 1,72,406 रुपए निकाल लिए गए, जबकि आज तक शेड का कोई अता-पता नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि ये दो मामले तो महज उदाहरण हैं, अगर गहनता से जांच की जाए तो इस तरह के घोटाले के और भी मामले सामने आएंगे।
पूर्व मंत्री ने कहा कि बीडीपीओ धनवंत सिंह रंधावा के खिलाफ गांव कुर्रा के पूर्व सरपंच दविंदर सिंह से रिश्वत लेने के आरोप में 5 मार्च 2025 को मोहाली के विजिलेंस थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस नंबर 4 दर्ज किया गया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि बीडीपीओ ने बदले की भावना से पूर्व सरपंच दविंदर सिंह के खिलाफ 3 जून को मोहाली के आईटी थाने में अवैध खनन का झूठा केस दर्ज करवाया, जिसमें मोहाली अदालत ने दविंदर सिंह को अग्रिम जमानत दे दी। उन्होंने आगे कहा कि अगली सुनवाई से पहले थाना प्रमुख ने केस में धारा 409 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 13 भी जोड़ दी, माननीय अदालत ने थाना प्रमुख की इस मनमानी कार्रवाई का गंभीर नोटिस लिया और पूर्व सरपंच दविंदर सिंह को 24-6-2025 को जमानत दे दी।
सिद्धू ने कहा कि बीडीपीओ धनवंत सिंह रंधावा एक भ्रष्ट और आपराधिक मानसिकता वाला अधिकारी है, जिसके खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि उसके खिलाफ 15 सितंबर 2023 को खन्ना के सदर थाने में जाली दस्तावेजों की जालसाजी के आरोप में धारा 420, 465, 467, 468, 471, 120-बी और 166-ए के तहत केस नंबर 168 दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि यह केस अभी भी चल रहा है।
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि मोहाली के जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी (डीडीपीओ) बलजिंदर सिंह ग्रेवाल ने 19-5-2025 को बीडीपीओ धनवंत सिंह रंधावा के खिलाफ शिकायत की थी और विभाग के सचिव को लिखा था कि सरकार के निर्देशों का पालन न करने के लिए उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि बीडीपीओ के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के बजाय, विभाग ने डीडीपीओ को बदल दिया है।
सिद्धू ने बीडीपीओ धनवंत सिंह रंधावा पर मोहाली के विधायक कुलवंत सिंह की कठपुतली होने तथा विपक्षी दलों के सरपंचों व पंचों को झूठे मामलों में फंसाकर परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीडीपीओ कार्यालय में विपक्षी सरपंचों की पंचायतों का रिकॉर्ड हासिल करना तथा किए गए कार्यों के ‘उपयोगिता प्रमाण पत्र’ जारी करने के लिए रिश्वत लेना आम बात है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि हलका विधायक कुलवंत सिंह की सिफारिश पर नियुक्त इस भ्रष्ट बीडीपीओ को विधायक का पूरा समर्थन प्राप्त है और यही कारण है कि मोहाली के विजिलेंस थाने में उसके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग की यह भी हैरानी वाली बात है कि मोहाली के डीडीपीओ द्वारा की गई शिकायत पर बीडीपीओ के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय डीडीपीओ का तबादला कर दिया गया।
इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता और खरड़ मार्केट कमेटी के पूर्व चेयरमैन हरकेश चंद शर्मा मछली कलां, दविंदर सिंह, गांव कुर्रा के पूर्व सरपंच हाकम सिंह कुर्रा, गुलजार सिंह कुर्रा, ज्ञान सिंह कुर्रा,
दविंदर सिंह बाकरपुर मौजूद रहे।
बलबीर सिद्धू ने मोहाली बीडीपीओ धनवंत सिंह रंधावा को तत्काल निलंबित करने और उनके खिलाफ जांच की मांग की
विधायक कुलवंत सिंह द्वारा कथित संरक्षण
बीडीपीओ पर धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी और राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से मोहाली के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) धनवंत सिंह रंधावा को तुरंत निलंबित करने और वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की निष्पक्ष जांच शुरू करने का आग्रह किया है।
आज मीडिया से बातचीत करते हुए सिद्धू ने खुलासा किया कि रंधावा ने बाकरपुर गांव के तालाब की सफाई, सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार के लिए मेटिकुलस एंटरप्राइजेज को 13 करोड़ रुपए का भुगतान मंजूर किया, जबकि ऐसा कोई काम कभी हुआ ही नहीं। इसी तरह गांव कुर्रा में ठोस कचरा निपटान के लिए शेड बनाने के लिए पंचायत खाते से 1.72 लाख रुपए की राशि निकाली गई, लेकिन आज भी वहां कोई शेड नहीं है।
श्री सिद्धू ने आगे कहा कि ये तो सिर्फ़ एक झलक है, और गहन जांच से ऐसे कई और घोटाले उजागर होंगे। उन्होंने कहा कि रंधावा पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी आरोप हैं, जिसमें 5 मार्च, 2025 को मोहाली विजिलेंस पुलिस स्टेशन में एफआईआर नंबर 4 दर्ज किया गया था, जिसमें कथित तौर पर कुर्रा के पूर्व सरपंच दविंदर सिंह से रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया था। हालाँकि, अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इसके बजाय, श्री सिद्धू के अनुसार, 3 जून को मोहाली के आईटी पुलिस स्टेशन में दविंदर सिंह के खिलाफ अवैध खनन का झूठा मामला दर्ज किया गया, जो जाहिर तौर पर रंधावा के कहने पर दर्ज किया गया था, लेकिन स्थानीय अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत दे दी। अगली सुनवाई से पहले, एसएचओ ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 409 और 7 और 13 को जोड़ा, लेकिन इस कदम को भी माननीय न्यायालय ने 24 जून, 2025 को रद्द कर दिया, जिसने एसएचओ की अतिशयता को गंभीरता से लेते हुए दविंदर सिंह को नियमित जमानत दे दी।
श्री सिद्धू ने रंधावा को “आदतन भ्रष्ट और अपराधी मानसिकता वाला अधिकारी” बताया और बताया कि वह पहले भी खन्ना सदर पुलिस स्टेशन में धारा 420, 465, 467, 468, 471, 120-बी और 166-ए के तहत जालसाजी और जाली दस्तावेज बनाने के आरोप में दर्ज एफआईआर नंबर 168 दिनांक 15 सितंबर, 2023 में आरोपी हैं। उस मामले की अभी भी सुनवाई चल रही है।
पूर्व मंत्री ने यह भी खुलासा किया कि मोहाली के जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी (डीडीपीओ) बलजिंदर सिंह गरेवाल ने 19 मई, 2025 को विभाग के सचिव के पास शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें रंधावा के खिलाफ सरकारी निर्देशों का पालन न करने के लिए कार्रवाई की मांग की गई थी। हैरानी की बात यह है कि रंधावा के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय विभाग ने डीडीपीओ का ही तबादला कर दिया।
श्री सिद्धू ने आरोप लगाया कि रंधावा मोहाली के विधायक कुलवंत सिंह के पिट्ठू की तरह काम करते हैं, जो कथित तौर पर उन्हें बचा रहे हैं, जबकि वह विपक्ष से जुड़े पंचायत सदस्यों को झूठे मामलों में फंसाकर परेशान करते हैं। उन्होंने कहा कि बीडीपीओ रंधावा नियमित रूप से पूरे हो चुके पंचायत कार्यों के लिए “उपयोगिता प्रमाण पत्र” जारी करने के लिए रिश्वत मांगते हैं। उन्होंने कहा कि बीडीपीओ रंधावा पंचायत के रिकॉर्ड को तलब करते हैं और लंबे समय तक अपने निजी कब्जे में रखते हैं, ताकि विरोधी दलों से जुड़ी पंचायतों के संचालन में बाधा उत्पन्न की जा सके।
सिद्धू ने मांग की कि राजनीतिक प्रभाव वाले इस भ्रष्ट अधिकारी को तुरंत निलंबित कर जांच की जाए ताकि मुख्यमंत्री पंजाब में पारदर्शी और न्यायपूर्ण सरकार चलाने का अपना वादा पूरा कर सकें।
इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व चेयरमैन मार्केट कमेटी खरड़ हरकेश चंद शर्मा मछली कलां, दविंदर सिंह पूर्व सरपंच गांव कुर्रा, हाकम सिंह कुर्रा, गुलजार सिंह कुर्रा, ज्ञान सिंह कुर्रा, दविंदर सिंह बाकरपुर मौजूद रहे।
बलबीर सिद्धू ने मोहाली के बीडीपीओ धनवंत सिंह रंधावा को सस्पेंड कर जांच की मांग की है
कहा, बीडीपीओ कार्यालय वित्तीय घोटालों व भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है
“विधायक कुलवंत सिंह के दम पर विपक्षी सरपंचों व पंचों को परेशान किया जा रहा है”
Priyanka Thakur
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मांग की है कि वह मोहाली में तैनात ब्लॉक विकास एवं पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) धनवंत सिंह रंधावा को तुरंत निलंबित करें और इस निर्वाचन क्षेत्र के गांवों में उनके द्वारा किए गए करोड़ों रुपये के घोटालों की जांच करें।
आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिद्धू ने कहा कि बीडीपीओ धनवंत सिंह रंधावा ने गांव बाकरपुर के तालाब की सफाई, सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार के लिए मेटिकुलस एंटरप्राइजेज को 13 करोड़ रुपये का भुगतान किया, जबकि वहां कोई काम नहीं हुआ है।
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि इसी तरह गांव कुर्रा में कूड़ा निस्तारण के लिए शेड बनाने के लिए पंचायत खाते से 1,72,406 रुपए निकाले गए, लेकिन आज तक शेड का कोई अता-पता नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि ये दो मामले तो महज उदाहरण हैं, अगर गहराई से जांच की जाए तो इस तरह के घोटाले के और भी मामले सामने आएंगे।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गांव कुर्रा के पूर्व सरपंच दविंदर सिंह से रिश्वत लेने के आरोप में बीडीपीओ धनवंत सिंह रंधावा के खिलाफ मोहाली के विजिलेंस थाने में 5 मार्च 2025 को भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत केस नंबर 4 दर्ज किया गया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने आगे कहा कि बदला लेने के लिए बीडीपीओ ने पूर्व सरपंच दविंदर सिंह के खिलाफ 3 जून को मोहाली के आईटी पुलिस स्टेशन में अवैध खनन का झूठा मामला दर्ज करवाया था, जिसमें मोहाली अदालत ने दविंदर सिंह को अग्रिम जमानत दे दी थी। उन्होंने आगे कहा कि अगली सुनवाई से पहले पुलिस प्रमुख ने मामले में धारा 409 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 13 को जोड़ा, माननीय अदालत ने पुलिस प्रमुख की इस मनमानी कार्रवाई का गंभीर नोटिस लेते हुए पूर्व सरपंच दविंदर सिंह को 24-6-2025 को जमानत दे दी।
सिद्धू ने कहा कि बीडीपीओ धनवंत सिंह रंधावा भ्रष्ट और आपराधिक प्रवृत्ति का अधिकारी है, जिसके खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि उसके खिलाफ 15 सितंबर 2023 को खन्ना के सदर थाने में आईपीसी की धारा 420, 465, 467, 468, 471, 120-बी और 166-ए के तहत केस नंबर 168 दर्ज किया गया था।
उन्होंने कहा कि यह मामला अभी भी चल रहा है। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि मोहाली के जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी (डीडीपीओ) बलजिंदर सिंह ग्रेवाल ने 19-5-2025 को बीडीपीओ धनवंत सिंह रंधावा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और विभाग के सचिव को लिखा था कि सरकार के निर्देशों का पालन न करने के लिए उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि बीडीपीओ के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के बजाय विभाग ने डीडीपीओ को ही बदल दिया।
सिद्धू ने बीडीपीओ धनवंत सिंह रंधावा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह मोहाली के विधायक कुलवंत सिंह की कठपुतली हैं और विपक्षी पार्टियों के सरपंचों व पंचों को झूठे मामलों में फंसाकर परेशान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्षी सरपंचों व पंचायतों का रिकार्ड बीडीपीओ कार्यालय में एकत्रित कर रखना तथा करवाए गए कार्यों के उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए रिश्वत लेना आम बात है। पूर्व मंत्री ने कहा कि हलका विधायक कुलवंत सिंह की सिफारिश पर शुरू किए गए इस भ्रष्ट बीडीपीओ को उनका पूरा समर्थन प्राप्त है और यही कारण है कि मोहाली के विजिलेंस थाने में उसके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के लिए भी यह हैरानी की बात है कि मोहाली के डीडीपीओ द्वारा की गई शिकायत पर बीडीपीओ ने कोई जवाब नहीं दिया। उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उन्हें डीडीपीओ में तबादला करने की सजा सुना दी गई।
इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व चेयरमैन मार्केट कमेटी खरड़ हरकेश चंद शर्मा मछली कलां, दविंदर सिंह पूर्व सरपंच गांव कुर्रा, हाकम सिंह कुर्रा, गुलजार सिंह कुर्रा, ज्ञान सिंह कुर्रा, दविंदर सिंह बाकरपुर मौजूद रहे।