“लाशों पर राजनीति कर रही है बीजेपी: कंग ने मजीठा मामले पर सुनील जाखड़ को घेरा”
“जाखड़ का दोहरा चरित्र बेनकाब: कांग्रेस सरकार में थे चुप, अब बीजेपी को खुश करने के लिए हो रहे मुखर – कंग”
“मिथेनॉल की ख़रीद बिक्री पर अंकुश लगाने में केंद्र सरकार नाकाम – आप ने बीजेपी को दी सीधी चुनौती”
चंडीगढ़, 19 मई
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद मलविंदर सिंह कंग ने भाजपा के पंजाब अध्यक्ष सुनील जाखड़ पर मजीठा में जहरीली शराब से हुई दुखद मौतों पर राजनीति करने का आरोप लगाया। कंग ने जाखड़ की आलोचना करते हुए कहा कि घटना के मूल कारण जानने के बजाय वह राजनीतिक लाभ के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
कंग ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा के भीतर खुद को स्थापित करने के लिए जाखड़ लाशों की राजनीति करने पर उतर आए हैं। अपनी पार्टी के भीतर उनकी स्थिति इतनी कमजोर है कि वे गंभीर समाधान के बजाय फूहड़ बयानबाजी का सहारा ले रहे हैं।
कंग ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने इस मामले में त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की है। छह घंटे के भीतर ठेकेदारों, आबकारी अधिकारियों और पुलिस कर्मियों सहित कई पदाधिकारियों को जवाबदेह ठहराया गया। 16 गिरफ्तारियां की गई हैं जिसमें अपराधियों को दिल्ली से भी पकड़ा गया है। मुख्यमंत्री मान का निर्देश बिल्कुल स्पष्ट है कि इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
मेथनॉल की उपलब्धता पर प्रकाश डालते हुए कंग ने कहा कि इसकी आपूर्ति को विनियमित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है, जो पूरे भारत में चिंताजनक रूप से सुलभ है। उन्होंने कहा, “मेथनॉल केवल पंजाब का मुद्दा नहीं बल्कि राष्ट्रीय चिंता का विषय है। ऐसे खतरनाक पदार्थों की उपलब्धता पर सख्ती से नियंत्रण किया जाना चाहिए।” कंग ने कहा कि पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पहले भी केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मेथनॉल की बिक्री और वितरण को विनियमित करने के लिए सख्त दिशा-निर्देश और राष्ट्रीय नीति बनाने की अपील की थी।
आप के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता नील गर्ग ने सुनील जाखड़ पर निशाना साधते हुए कहा कि जाखड़ 2020 में कांग्रेस सरकार के दौरान वह पार्टी के प्रधान थे, जब तरनतारन में नकली शराब से 154 लोगों की जान चली गई थी। उस समय उनका नैतिक आक्रोश कहां था? उस समय आम आदमी पार्टी ने ही पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। आज, जाखड़ मेथनॉल विनियमन में केंद्र सरकार की भूमिका को सुविधाजनक रूप से नजरअंदाज कर रहे हैं और इसके बजाय एक त्रासदी का राजनीतिकरण कर रहे हैं।”
गर्ग ने कहा कि यदि जाखड़ वास्तव में इस मुद्दे के प्रति गंभीर हैं, तो उन्हें भाजपा के नेतृत्व वाली अपनी केंद्र सरकार से अपील करना चाहिए कि वह मेथनॉल के प्रति सख्त नियम बनाने के लिए पंजाब की मांग को प्राथमिकता दे और इस बड़े मुद्दे का ठोस समाधान करे।