मुख्यमंत्री के ओएसडी राजबीर सिंह ने कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा को भेजा मानहानि का लीगल नोटिस
पंजाब की सियासत एक बार फिर गर्मा गई है। इस बार केंद्र में हैं मुख्यमंत्री भगवंत मान के ओएसडी (Officer on Special Duty) राजबीर सिंह और कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैरा। विवाद उस समय शुरू हुआ जब खैरा ने राजबीर सिंह पर कुछ गंभीर आरोप लगाए, जिन्हें राजबीर सिंह ने “झूठा और बेबुनियाद” बताया है।
राजबीर सिंह ने इस मामले को हल्के में न लेते हुए सुखपाल खैरा को कानूनी नोटिस भेजा है, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि यदि खैरा ने 72 घंटे के भीतर लिखित माफ़ी नहीं मांगी, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नोटिस में उल्लेख किया गया है कि खैरा द्वारा लगाए गए आरोप न केवल झूठे हैं, बल्कि उन्होंने राजबीर सिंह की छवि को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है। राजबीर सिंह ने अपने वकीलों के माध्यम से यह नोटिस भेजा है और उसमें लिखा है कि खैरा के बयानों से न केवल उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है, बल्कि यह एक सोच-समझकर की गई राजनीतिक साजिश का हिस्सा भी प्रतीत होता है।
नोटिस की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
खैरा ने बिना किसी प्रमाण के गंभीर आरोप लगाए।
इससे राजबीर सिंह की व्यक्तिगत और पेशेवर छवि को नुकसान हुआ है।
72 घंटे के अंदर माफ़ी न मांगने की स्थिति में खैरा पर मानहानि का मुकदमा किया जाएगा।
राजबीर सिंह ने साफ किया कि वे इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेंगे।