Thursday, November 27, 2025
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संविधान दिवस पर विधानसभा पहुंचे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

संविधान दिवस पर विधानसभा पहुंचे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

 

“राष्ट्र को मजबूत और सशक्त करना ही संविधान की मूल भावना” — मुख्यमंत्री

चंडीगढ़, 26 नवंबर — संविधान दिवस के अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी बुधवार को हरियाणा विधानसभा पहुंचे और वहां आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर प्रदेशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम सभी के लिए गर्व का दिन है, क्योंकि भारतीय संविधान ने देश के प्रत्येक नागरिक को समान अवसर, न्याय और गरिमा के साथ आगे बढ़ने का अधिकार प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि राष्ट्र को मजबूत, सशक्त और एकजुट करना ही संविधान की मूल भावना है और इसी संकल्प के साथ हरियाणा सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता, सुशासन, सामाजिक न्याय और नागरिकों की भागीदारी लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की आत्मा हैं और सरकार की नीतियां इन्हीं सिद्धांतों पर आधारित हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज संविधान पूरी तरह सुरक्षित है और ‘सबका साथ—सबका विकास—सबका विश्वास—सबका प्रयास’ संविधान की भावना का सच्चा प्रतिबिंब है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाले मजबूत लोकतांत्रिक ढांचे ने संविधान की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि देशहित और संविधान की गरिमा सबसे ऊपर है।

मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से संविधान में निहित मूल कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति जागरूक रहने तथा राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य युवाओं के हाथ में है और युवाओं को संविधान की समझ के साथ समाज और देश के प्रति कर्तव्य निर्वहन का संकल्प लेना चाहिए।

कार्यक्रम के दौरान विधानसभा स्पीकर श्री हरविंदर कल्याण, विकास एवं पंचायत मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार, शिक्षा मंत्री श्री महीपाल ढांडा, राजस्व मंत्री श्री विपुल गोयल, खाद्य आपूर्ति राज्यमंत्री श्री राजेश नागर सहित अनेक विधायक, अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

क्रमांक— 2025

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान वर्ष को समर्पित शीश मार्ग यात्रा का चंडीगढ़ में किया स्वागत

चंडीगढ़, 26 नवंबर — श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान वर्ष को समर्पित शीश मार्ग यात्रा बुधवार को चंडीगढ़ स्थित सीआरपीएफ कैंपस पहुंची, जहां पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने यात्रा का गर्मजोशी से स्वागत और अभिनंदन किया। उन्होंने पवित्र पालकी साहिब को नमन किया। कैंपस आगमन पर सीआरपीएफ यूनिट ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब पर पुष्प वर्षा की और गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का अद्वितीय बलिदान संपूर्ण मानवजाति के लिए मार्गदर्शक है। जिस साहस और तपस्या के साथ उन्होंने धर्म, सत्य और मानवता की रक्षा के लिए अपना शीश समर्पित किया, वह पूरे विश्व के लिए मिसाल है। उन्होंने कहा कि शीश मार्ग यात्रा हमें सांप्रदायिक सद्भाव, भाईचारे, कर्तव्य और साहस के पथ पर चलने की प्रेरणा देती है। हरियाणा सरकार ऐसे आध्यात्मिक और सामाजिक आयोजनों के साथ सदैव खड़ी है। यह यात्रा 24 नवंबर को शीश गंज गुरुद्वारा, नई दिल्ली से प्रारंभ हुई और 26 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में पवित्र समापन के साथ श्रद्धार्पित होगी।

इस यात्रा की अगुवाई बाबा मंजीत सिंह जीरकपुर वाले कर रहे हैं और यह 15वीं शीश मार्ग यात्रा है, जिसमें भारी संख्या में संगत शामिल हो रही है। यात्रा के हरियाणा आगमन पर बड़खालसा, तरावड़ी, करनाल, पानीपत, अंबाला सहित अनेक नगरों में भव्य स्वागत हुआ। जगह–जगह संगत द्वारा फूल वर्षा, कीर्तन, अरदास और लंगर सेवा के साथ आध्यात्मिक वातावरण चरम पर दिखाई दिया।

यात्रा के चंडीगढ़ आगमन के दौरान संगत ने पवित्र शब्द, कीर्तन और अरदास के साथ वातावरण को गुरु प्रेम, बलिदान और आध्यात्मिक शांति से भर दिया। सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन करने और इस दिव्य यात्रा का हिस्सा बने।

इस मौके पर हरियाणा साहित्य अकादमी पंजाबी सैल के निदेशक सरदार हरपाल सिंह गिल, श्री संजय टंडन,  सीआरपीएफ के पूर्व आईजी श्री जसवीर सिंह संधू, डीआईजी श्री हरजिंदर सिंह, सीओ श्री विशाल व श्री विक्रम सिंह, डीएसपी श्री कुलविंदर सिंह और  सरपंच श्री सुखजीत सिंह सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।

क्रमांक— 2025

सरकार ने आईटी के माध्यम से मजबूत किया स्वास्थ्य सेवाओं का निगरानी तन्त्र  : आरती सिंह राव

चंडीगढ़, 26  नवंबर –  हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कम्युनिटी लेवल पर हेल्थ केयर सर्विस डिलीवरी की मॉनिटरिंग और मैनेजमेंट को मज़बूत करने के लिए इन्फॉर्मेशन-टेक्नोलॉजी (IT) की कई पहल की हैं। आईटी पहल से मौजूद रिसोर्स का सबसे अच्छा इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने आज इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि “व्हीकल ट्रैकिंग और लॉग मैनेजमेंट सिस्टम” वेब एप्लिकेशन के रूप में नई आईटी पहल है। इनके अलावा,  एनीमिया मुक्त हरियाणा, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) और डब्ल्यूसीडी  स्कूल सेहत पोर्टल अन्य आईटी पहल हैं।

उन्होंने बताया कि “व्हीकल ट्रैकिंग और लॉग मैनेजमेंट सिस्टम” को मोबाइल हेल्थ टीमों के रोज़ाना के मूवमेंट की ट्रांसपेरेंट और अच्छी मॉनिटरिंग पक्का करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सिस्टम डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेटर्स को खास टीमों को गाड़ियां देने और उनके विज़िट की जगहें अलॉट करने में मदद करता है। हर टीम दिन की शुरुआत में इस एप्लिकेशन में लॉग-इन करती है, एक फोटो के साथ शुरुआती ओडोमीटर रीडिंग रिकॉर्ड करती है और हर विज़िट की गई साइट पर इमेज के साथ ओडोमीटर रीडिंग कैप्चर करना जारी रखती है। दिन के आखिर में, टीम पार्किंग की जगह पर लौटने पर क्लोजिंग ओडोमीटर रीडिंग और उससे जुड़ी फोटो रिकॉर्ड करती है। एप्लिकेशन डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेटर्स को हर टीम के लिए डिटेल्ड डेली ट्रैवल रिपोर्ट देता है, जबकि स्टेट एडमिनिस्ट्रेटर्स राज्य भर में सभी टीमों द्वारा तय किए गए किलोमीटर की कंसोलिडेटेड रिपोर्ट एक्सेस कर सकते हैं, जिससे अकाउंटेबिलिटी और गाड़ी के इस्तेमाल की सही मॉनिटरिंग पक्की होती है।

आरती सिंह राव ने आगे बताया कि लाभार्थियों की मॉनिटरिंग, ट्रीटमेंट और फॉलो-अप को मज़बूत करने के लिए एनीमिया मुक्त हरियाणा (AMH) एप्लीकेशन में कई ज़रूरी अपग्रेड भी किए गए हैं। सिस्टम अब हेल्थ इंस्टीट्यूशन का नाम, मेडिकल फैसिलिटेटर का नाम और उनके डेज़िनेशन सहित ट्रीटमेंट की डिटेल्ड जानकारी कैप्चर करता है। इसी तरह, बेहतर ट्रांसपेरेंसी और देखभाल की कंटिन्यूटी के लिए रेफरल डिटेल्स को रेफरल इंस्टीट्यूशन का नाम, मेडिकल फैसिलिटेटर का नाम और डेज़िनेशन शामिल करने के लिए बेहतर बनाया गया है।

उन्होंने बताया कि उक्त सभी बदलाव फॉलो-अप रिपोर्ट में पूरी तरह से दिखते हैं, जिससे हर लाभार्थी की प्रोग्रेस की पूरी ट्रैकिंग पक्की होती है। रियल-टाइम डिसीजन-मेकिंग में मदद के लिए एक पूरा डैशबोर्ड भी डेवलप किया गया है। यह यूज़र्स को पूरे राज्य में सभी लाभार्थियों के एनीमिया लेवल को ट्रैक करने, सुधार का सही अंदाज़ा लगाने के लिए शुरुआती और फॉलो-अप टेस्ट के रिज़ल्ट देखने, टारगेटेड इंटरवेंशन के लिए हर लाभार्थी की डिटेल्स को देखने में सहयोग करता है। यह डैशबोर्ड ट्रेंड्स को पहचानने, सर्विस डिलीवरी में कमी को पूरा करने और महिलाओं और बच्चों के लिए हेल्थ के नतीजों को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। उन्होंने बताया कि यह डेटा को एक्शनेबल इनसाइट्स में बदल देता है — क्योंकि हर ज़िंदगी मायने रखती है।

आरती सिंह राव ने आगे कहा, “राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम” टर्शियरी केयर एप्लीकेशन जन्मजात दिल की बीमारियों से पीड़ित 0-18 साल के बच्चों के मैनेजमेंट और इलाज में मदद करता है। यह प्लेटफॉर्म पात्र  बच्चों की समय पर पहचान करके और पैनल में शामिल सरकारी और प्राइवेट सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में उनके एडमिशन और देखभाल को पक्का करके रेफरल और मुफ्त इलाज की प्रक्रिया को आसान बनाता है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) ने पोषण ट्रैकर के ज़रिए महिला और बाल विकास विभाग के साथ मिलकर बच्चों की सेहत और न्यूट्रिशन की देखभाल का एक बेहतर तरीका पेश किया है। इस इंटीग्रेशन से, ज़रूरी हेल्थ पैरामीटर्स को ट्रैक करना आसान हो जाता है, जिससे यह पक्का होता है कि हर बच्चे को पूरी देखभाल मिले।

 

गीता महोत्सव में पर्यटकों की पहली पसंद बन रहे खादी वस्त्र

 

युवा खादी ग्रामोद्योग से जुडक़र स्थापित कर सकते हैं स्वरोजगार

 

खादी के उत्पादों की पर्यटक जमकर कर रहे है खरीददारी

चण्डीगढ़,  26 नवंबर – अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में देश के दूसरे राज्यों से गीता जयंती महोत्सव में जहां एक ओर शिल्पकार अपनी हस्तकला का प्रदर्शन कर रहे है, वहीं ब्रह्मसरोवर के उत्तर दिशा के पावन घाट पर स्टाल नंबर 676, 677, 679 से 686 तक खादी ग्रामोद्योग बने वस्त्रों की झलक देखने को मिल रही है। इन स्टॉलों पर खादी से बने वस्त्रों की पर्यटक जमकर खरीदारी कर रहे है। स्टॉल नंबर 686 पर खादी के वस्त्र व 685 पर हर्बल मेहंदी, शैम्पू, खादी से तैयार जैकेट बिक्री के लिए रखे गए है।

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में लगे खादी स्टॉल्स पर बातचीत करते हुए जिला खादी एवं ग्रामोद्योग अधिकारी प्रमोद कुमार पालीवाल ने बताया कि इन स्टॉलों पर हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की तरफ से तैयार उत्पादों को बिक्री के लिए लाया गया है। आमजन के लिए 25 प्रतिशत तथा जबकि सरकारी कर्मचारियों द्वारा इन उत्पादों की खरीद पर 30 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। इन स्टॉल पर रखे वस्त्र खादी कपड़े से ही बनाए जाते हैं और इन वस्त्रों को स्वयं तैयार किया जाता हैं। उन्होंने बताया कि स्टॉल्स पर खादी से बने वस्त्र पर्यटकों को खूब पसंद आ रहे है और इनकी जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं। खादी से बने यह वस्त्र सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडे रहते है। इन वस्त्रों को पहनने से शरीर के किसी भी भाग को कोई नुकसान नहीं होता।

उन्होंने बताया कि सरकार खादी उद्योग को बढ़ावा देने एवं युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के भरसक प्रयास कर रही है। युवा खादी से जुडक़र स्वरोजगार अपना सकते है, युवाओं को प्रशिक्षण दिलवाकर स्वरोजगार चलाने के लिए सरकारी की ओर से आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाई जाती है। सरकार का उद्देश्य खादी ग्राम उद्योग से महिलाओं और युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करना है। इस अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में कॉटन, खादी के कपड़े और उन से बने खेस, चादर, जर्सी, जैकेट, कोट व कुर्ता पजामा का कपड़ा लेकर आए है। नैचुरल पदार्थाे से बनी धूपबत्ती, नेचुरल शहद, लीची, नीम, लैदर शुज, चप्पल, साबुन, प्राकृतिक आंखों की दवा सहित अन्य उत्पाद उपलब्ध करवाएं गए है। प्रदेश सरकार सौर उर्जा को लेकर काफी गम्भीर है। नागरिकों में सौर ऊर्जा के प्रति रूचि को बढाने के लिए हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने अपना विशेष स्टॉल भी लगाया है।

क्रमांक- 2025

ब्रह्मसरोवर के घाटों पर विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृति ने मचाया धमाल

 

उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र की तरफ से घाटों पर प्रस्तुत किये जा रहे हैं सांस्कृतिक कार्यक्रम

 

कच्ची घोड़ी और बाजीगर भी कर रहे हैं पर्यटकों का मनोरंजन

चण्डीगढ़, 26 नवंबर – अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2025 में ब्रह्मसरोवर के घाटों पर विभिन्न राज्यों की लोक संस्कृतियों ने धमाल मचाया है। इन राज्यों के कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेश की लोक संस्कृति की छटा बिखेर कर पर्यटकों का मन मोह लिया है। इस लोक संस्कृति से ब्रह्मसरोवर की फिजा विभिन्न प्रदेशों की संस्कृति से रंग गई है। इन तमाम प्रस्तुतियों को उत्तर क्षेत्र    सांस्कृतिक कला केन्द्र पटियाला की तरफ से प्रस्तुत किया जा रहा है।

उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र के अधिकारी श्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि एनजेडसीसी की तरफ से आमंत्रित किए कलाकारों  में हिमाचल प्रदेश के कलाकार पूजा और घट नृत्य, जम्मू कश्मीर के कलाकार धमाली नृत्य व देकू भद्रवाही कुड व रुमाल नृत्य, पंजाब का झूमर व मालवाई गिद्दा, राजस्थान का चारी, उतराखंड के कलाकार पांडव नृत्य, मृध्य प्रदेश का गंगौर व पांथी नृत्या, झारखंड का पायका नृत्य, उड़ीसा का संभालपूरी नृत्य सहित राजस्थान के कच्ची घोड़ी नृत्य, ढेरु गाथा गायन आदि की प्रस्तुति दी जा रही है। इन सभी लोकनृत्यों में कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेश की संस्कृति, लोक गायन कला और अपने रीति-रिवाजों को दर्शाने का अनोखा प्रयास किया है।

उन्होंने कहा कि एनजेडसीसी की तरफ से आमंत्रित किए गए यह कलाकार 5 दिसंबर 2025 तक अपनी प्रस्तुति देंगे। इन कलाकारों में जम्मू कश्मीर का कुड व राउफ नृत्य, पंजाब का भांगड़ा व जिंदवा, हिमाचल प्रदेश का सिरमौरी नाटी, उतराखंड का छपेली/घसीयारी नृत्य, राजस्थान का सावंरिया सवांग, गुजरात का सिद्दी धमाल, उतर प्रदेश के बरसाना की होली, छतीसगढ़ का पांडवानी गायन, मणीपुर का लाई हरोबा व मणीपुरी रास, झारखंड का पुरलिया छाउ, उड़ीसा का गोटी पुआ नृत्य के साथ-साथ राजस्थान के कच्ची घोड़ी, बाजीगर, बहरुपिए आदि नृत्यों की प्रस्तुति भी महोत्सव मेें देखने को मिल रही है। इस महोत्सव को विभिन्न प्रदेशों की लोक कला से रंगने का काम इन कलाकारों द्वारा किया जा रहा है।

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