हरियाणा सरकार ने आवारा पशुओं और कुत्तों के हमले से मौत या चोट पर आर्थिक सहायता की योजना शुरू की
हरियाणा में लागू हुई अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु-2)
चंडीगढ़, 11 सितम्बर – हरियाणा सरकार ने राज्यवासियों की सुरक्षा और आर्थिक सहारा सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब यदि किसी निवासी की मृत्यु, गंभीर चोट या दिव्यांगता कुत्ते के काटने या आवारा पशुओं (जैसे गाय, बैल, गधे, नीलगाय, भैंस आदि) के हमले से होती है, तो प्रभावित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह सहायता दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु-2) के तहत दी जाएगी।
यह योजना केवल उन्हीं परिवारों को कवर करेगी जो परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में पंजीकृत हैं और जिनकी वार्षिक आय 1.8 लाख रुपये से कम है।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है, और योजना अधिसूचना की तिथि से लागू हो गई है।
मुआवजा राशि
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आकस्मिक मृत्यु या 70% से अधिक स्थायी दिव्यांगता पर आयु अनुसार सहायता:
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12 वर्ष तक: ₹1 लाख
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12 से 18 वर्ष: ₹2 लाख
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18 से 25 वर्ष: ₹3 लाख
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25 से 45 वर्ष: ₹5 लाख
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45 वर्ष से ऊपर: ₹3 लाख
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70% से कम दिव्यांगता पर सहायता कर्मचारी मुआवजा अधिनियम, 1923 के अनुसार दी जाएगी (न्यूनतम ₹10,000)।
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सामान्य चोट पर निश्चित राशि ₹10,000।
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कुत्ते के काटने पर:
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प्रत्येक दांत के निशान पर ₹10,000।
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त्वचा से मांस उखड़ने पर प्रत्येक 0.2 सेमी घाव पर ₹20,000।
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दावे की प्रक्रिया
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दावा घटना की तिथि से 90 दिनों के भीतर ऑनलाइन पोर्टल
👉 https://dapsy.finhry.gov.in पर दाखिल करना होगा। -
आवश्यक दस्तावेज़: मृत्यु प्रमाण पत्र, FIR/DDR की प्रति, अस्पताल रिकॉर्ड, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, चोट के फोटो आदि।
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सहायता राशि सीधे आधार से जुड़े बैंक खाते में स्थानांतरित होगी।
निगरानी व जिम्मेदारी
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प्रत्येक जिले में उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित होगी। यह समिति 120 दिनों में दावों की जांच और सहायता राशि तय करेगी।
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राशि हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास (HPSN) के माध्यम से जारी होगी।
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यदि झूठा दावा पाया गया तो वसूली 12% ब्याज सहित की जाएगी।
इस योजना से आम नागरिकों को राहत मिलेगी और आवारा पशुओं/कुत्तों के हमलों की स्थिति में प्रभावित परिवारों को आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।