Written by: Priyanka Thakur
हरियाणा सरकार और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मिलकर प्रदेश की सभी जेलों में कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम शुरू करने का बड़ा फैसला लिया है। इस महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत 6 दिसंबर 2025 को जिला जेल गुरुग्राम से भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत द्वारा की जाएगी। इस अवसर पर सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के कई न्यायाधीश भी उपस्थित रहेंगे।
इस पहल का नेतृत्व “विचाराधीन/जेल कैदियों के पुनर्वास एवं कौशल विकास समिति” के प्रयासों से हुआ है। योजना का उद्देश्य कैदियों को जीवन में दूसरा मौका देना, उन्हें तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है। कार्यक्रम में कंप्यूटर ऑपरेटर, वेल्डर, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, सिलाई तकनीक, कॉस्मेटोलॉजी जैसे आईटीआई कोर्स और कंप्यूटर इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमा शामिल हैं।
इस अभियान का बड़ा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि रिहाई के बाद कैदियों को रोजगार और समाज में सम्मानजनक स्थान मिल सके। इससे दोबारा अपराध की संभावना कम होगी और कैदी बेहतर भविष्य बना सकेंगे।
इसके साथ ही हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा एक राज्यव्यापी नशा विरोधी अभियान भी शुरू किया जा रहा है। इस अभियान में जागरूकता रैलियाँ, कार्यशालाएँ, परामर्श शिविर और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों से बचाने का प्रयास होगा।
यह संयुक्त प्रयास सुधारात्मक न्याय और संवेदनशील समाज की दिशा में एक बड़ा कदम है।


