बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश — 7 अक्तूबर:
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में सोमवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया। मरोतन से घुमारवीं जा रही संतोषी निजी बस पर बरठीं के भल्लू पुल के पास शुक्र खड्ड किनारे पहाड़ी से भूस्खलन का मलबा गिर गया।
मलबा गिरने से बस की छत उड़कर खड्ड के किनारे जा पहुंची, जबकि सारा मलबा बस के ऊपर आ गया, जिससे बस पूरी तरह दब गई। हादसा इतना भीषण था कि बस में सवार लगभग सभी लोग मलबे में दब गए।
खबर लिखे जाने तक 18 शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि दो बच्चियों और एक बच्चे को सुरक्षित निकाला गया है। इनमें से एक बच्ची की मां हादसे में मारी गई। घायलों का प्रारंभिक उपचार बरठीं अस्पताल में किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि बस में करीब 35 लोग सवार थे, जिनमें मरोतन, बरठीं, घुमारवीं और आसपास के क्षेत्रों के यात्री शामिल थे। हादसे के वक्त बस नियमित मार्ग पर चल रही थी। चालक और परिचालक दोनों की मौत हो चुकी है। मृतकों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
यह दर्दनाक हादसा सुबह करीब साढ़े छह बजे हुआ। हादसे की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग और प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भी बुलाया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा,
“राज्य सरकार इस कठिन समय में प्रभावित परिवारों के साथ पूरी मज़बूती से खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।”
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की और जिला प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं।
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी हादसे पर गहरा दुख जताया और कहा कि उन्होंने कुल्लू दशहरा कार्यक्रम बीच में छोड़कर सीधे हादसा स्थल के लिए रवाना हो गए हैं।
प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है, जबकि हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए तकनीकी टीम मौके पर तैनात की गई है।
यह हादसा एक बार फिर पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन से बढ़ते खतरे की ओर संकेत करता है। बरसात के बाद ढीली हुई मिट्टी और कमजोर ढलानों के कारण इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रही हैं।