शिक्षा में सुधार और युवाओं को रोजगार देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता — मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
बिना पर्ची-खर्ची के 1.80 लाख युवाओं को मिली सरकारी नौकरी, तीसरे कार्यकाल में 2 लाख नौकरियों का लक्ष्य — मुख्यमंत्री
बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को दी डिग्रियां और मेडल
पिछले 11 वर्षों में प्रदेश में खुले 80 नए कॉलेज, 13 विश्वविद्यालय और 15 नए सरकारी बहुतकनीकी संस्थान
राष्ट्रीय शिक्षा नीति से युवाओं को मिलेंगे कौशल, अनुसंधान और नवाचार के अवसर
चंडीगढ़, 15 अक्तूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे सुधारों पर बल दे रही है, जिनसे युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी मिलें और वे समाज और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकें। प्रदेश सरकार ने बिना पर्ची-खर्ची के अब तक 1.80 लाख युवाओं को योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां दी हैं और तीसरे कार्यकाल में 2 लाख नौकरियों का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया कि वे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कड़ी मेहनत करते रहे, उनकी मेहनत अवश्य रंग लाएगी।
मुख्यमंत्री बुधवार को रोहतक में बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय, अस्थल बोहर के चौथे दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विकास एवं पंचायत मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार, शिक्षा मंत्री श्री महीपाल ढांडा और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महंत बालक नाथ योगी भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को पदक एवं उपाधियां प्रदान की।
श्री नायब सिंह सैनी ने विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह किसी भी शिक्षण संस्थान के गौरव और उपलब्धि का प्रतीक होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2012 में स्थापित बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय का चौथा दीक्षांत समारोह इस पावन भूमि की ज्ञान-परंपरा को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कुलाधिपति महंत बालक नाथ योगी जी के मार्गदर्शन की सराहना की और बताया कि 1957 में महंत श्रेयोनाथ जी महाराज द्वारा स्थापित बाबा मस्तनाथ आयुर्वेदिक महाविद्यालय आज एक विशाल विश्वविद्यालय का रूप ले चुका है, जहां आयुर्वेद से लेकर इंजीनियरिंग, कानून, नर्सिंग और मानविकी जैसे विविध क्षेत्रों में शिक्षा प्रदान की जा रही है। हरियाणा ने शिक्षा, खेल, संस्कृति, शोध और उद्योग के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति कर देश में अग्रणी राज्य के रूप में पहचान बनाई है, जिसमें बाबा मस्तनाथ जैसी संस्थाओं का योगदान सराहनीय है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति से युवाओं को मिलेंगे कौशल, अनुसंधान और नवाचार के अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि हमारी भावी पीढ़ी को ऐसी शिक्षा मिले, जो उन्हें रोजगार सक्षम बनाए, चरित्रवान बनाए और उनमें नैतिक गुणों का समावेश करे। इसके लिए उन्होंने देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है। हरियाणा देश का पहला राज्य है, जिसने अपने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को वर्ष 2024 में लागू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का लक्ष्य है कि हर विद्यार्थी को गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण भी मिले। इस दिशा में शिक्षा को कौशल विकास से जोड़ने के लिए स्कूलों में एनएसक्यूएफ, कॉलेजों में ‘पहल योजना’, विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन सेंटर और तकनीकी संस्थानों में उद्योगों के साथ एमओयू जैसे ठोस प्रयास किये गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को पाटना। इसके लिए हमें शिक्षा को केवल क्लासरूम तक सीमित न रखकर, उसे सीधे उद्योगों की वर्तमान जरूरतों से जोड़ना होगा। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को इंडस्ट्री-एकेडमी पार्टनरशिप को अपनाना होगा। इस दिशा में हमने तकनीकी संस्थानों में प्लेसमेंट के लिए 580 से अधिक उद्योगों से समझौते किये हैं। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रदेश में ऐसे शिक्षण संस्थान तैयार किये जा रहे हैं, जिनमें केजी कक्षा से पीजी कक्षा तक की शिक्षा प्रदान की जाएगी। कई विश्वविद्यालयों में केजी से पीजी स्कीम के तहत दाखिले किये गए हैं।
पिछले 11 वर्षों में प्रदेश में खुले 80 नए कॉलेज, 13 विश्वविद्यालय और 15 नए सरकारी बहुतकनीकी संस्थान
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रदेश में कुल 80 नये राजकीय कॉलेज खोले गए, जिनमें से 30 लड़कियों के हैं। इस समय प्रदेश में महाविद्यालयों की संख्या बढ़कर 185 हो गई है। इसी तरह, 11 वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश में 13 नये विश्वविद्यालय खुले हैं। वहीं, मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी 6 से बढ़कर 17 हो गई है। अब इनमें एम.बी.बी.एस. की सीटों की संख्या 700 से बढ़कर 2,435 हो गई है। इसके अलावा, 15 नये सरकारी बहुतकनीकी संस्थान भी खोले गए हैं। वर्ष 2014 में इनकी संख्या 28 थी, जो अब 43 हो गई है और इनमें प्रवेश क्षमता 11,985 से बढ़कर 16,434 हो गई है। इसके अलावा, हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से भी युवाओं को न केवल रोजगार दिया है बल्कि उन्हें रोजगार की सुरक्षा भी दी है।
विद्यार्थी भारत के विश्व कल्याण के संकल्प को पूर्ण करने में दे महत्वपूर्ण योगदान- शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा
शिक्षा मंत्री श्री महीपाल ढांडा ने डिग्री प्राप्त विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे भारत के विश्व कल्याण के संकल्प को पूरा करने में महत्वपूर्ण योगदान दें तथा देश व प्रदेश की समृद्ध विरासत एवं संस्कृति को आगे बढ़ायें। उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन काल से संतों-महात्माओं ने विश्व कल्याण के बारे में महत्वपूर्ण संदेश दिए है। भारत वर्ष का विश्व कल्याण का विचार प्राचीन काल से महान रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा, प्राणियों का कल्याण तथा देश को विश्व का सबसे मजबूत व महान राष्ट्र बनाने में हर नागरिक अपने कर्तव्य का पालन करें। विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर हर क्षेत्र में भारत का गौरव बढ़ायें। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक देश को दुनिया का विकसित व सबसे ताकतवर देश बनाने के सपने को भी साकार करने में सभी योगदान दें।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्री मनीष कुमार ग्रोवर, मदवि के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह, सुपवा के कुलपति श्री अमित आर्य, बीएमयू के कुलपति प्रो. बीएम यादव, कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार, मेयर राम अवतार वाल्मीकि सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
क्रमांक -2025
स्टेट पीएसयू के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति में आएगी एकरूपता
हरियाणा सरकार ने जारी किए निर्देश
वार्षिक मूल्यांकन के बाद निर्धारित होगी उस साल की राशि
चंडीगढ़, 15 अक्तूबर-हरियाणा सरकार ने राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति में एकरूपता लाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रत्येक राज्य सार्वजनिक उपक्रम अपनी वित्तीय स्थिति का वार्षिक मूल्यांकन करने के पश्चात संबंधित उपक्रम के निदेशक मंडल तथा सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति से उस वित्त वर्ष के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दी जाने वाली चिकित्सा प्रतिपूर्ति की राशि निर्धारित करेगा। इस खर्च का वहन संबंधित उपक्रम द्वारा किया जाएगा।
निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह वित्तीय स्वायत्तता केवल सेवानिवृत्त कर्मचारियों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति सुविधा तक ही सीमित रहेगी। अन्य सभी वित्तीय मामलों में वित्त विभाग द्वारा 19 सितंबर, 2024 को जारी पत्र के निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जाएगा।
राज्य सरकार के संज्ञान में आया कि विभिन्न राज्य सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) अपने स्तर पर भिन्न-भिन्न प्रावधानों के माध्यम से उन सेवानिवृत्त कर्मचारियों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति सुविधा प्रदान कर रहे हैं जो कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अथवा अंशदायी भविष्य निधि (सीपीएफ) के अंतर्गत आते हैं। इन भिन्न प्रावधानों के कारण विभिन्न संस्थाओं में असमानता उत्पन्न हो रही थी।
मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, जिनके पास वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का दायित्व भी है, द्वारा इस सम्बन्ध में राज्य के सभी बोर्डों, निगमों, कंपनियों, सहकारी संस्थाओं एवं स्वायत्त निकायों को पत्र जारी किया गया है।
क्रमांक- 2025
हरियाणा का भू-मित्र चैटबॉट सरकारी सेवाओं को आपकी फ़िंगरटिप्स पर लाता है – डॉ. सुमिता मिश्रा
चंडीगढ़, 15 अक्टूबर – भू-मित्र व्हाट्सएप चैटबॉट के लॉन्च होने से हरियाणा के राजस्व विभाग की सेवाओं के लिए लंबी कतारों और जटिल नौकरशाही प्रक्रियाओं के दिन तेज़ी से खत्म हो रहे हैं। यह नवोन्मेषी डिजिटल-सहायक नागरिकों के सरकार के साथ संवाद करने के तरीके को मौलिक रूप से बदल रहा है, जिससे किसी भी मोबाइल फ़ोन से प्रमुख सेवाएँ तुरंत उपलब्ध हो रही हैं।
हरियाणा के राजस्व विभाग की वित्त आयुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने भू-मित्र को सरल, पारदर्शी और सुलभ शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह चैटबॉट सरकारी सेवाओं को उनकी फ़िंगरटिप्स पर लाकर लोगों को सशक्त बनाता है। व्हाट्सएप पर बस कुछ ही टैप से, कोई भी कभी भी, कहीं भी जानकारी प्राप्त कर सकता है, शिकायत दर्ज कर सकता है या आवेदन की स्थिति देख सकता है।
डॉ मिश्रा ने बताया कि भू-मित्र चैटबॉट पाँच प्राथमिक सेवाएँ प्रदान करता है , इनमें राजस्व सेवाएँ, सीमांकन सेवाएँ, शिकायत दर्ज करें, शिकायत की स्थिति जानें, और जन सूचना तक पहुँच शामिल हैं। यह प्रणाली हिंदी और अंग्रेजी दोनों में काम करती है, जिससे सभी नागरिकों के लिए उपयोगकर्ता-अनुकूलता सुनिश्चित होती है। भू-मित्र चैटबॉट का नंबर 9593300009 है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जिन्होंने इस पहल का शुभारंभ किया था , ने भी ज़ोर देकर कहा था कि भू-मित्र हरियाणा की नागरिक-केंद्रित और भ्रष्टाचार-मुक्त शासन के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह प्रणाली लोगों को शीघ्रता से और सीधे सेवाएँ प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है, जिससे बिचौलियों की आवश्यकता प्रभावी रूप से समाप्त हो जाती है।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि चैटबॉट की एक प्रमुख विशेषता इसका स्वचालित संचार है। सभी अपडेट और प्रतिक्रियाएँ व्हाट्सएप और एसएमएस के माध्यम से सीधे नागरिकों के साथ साझा की जाती हैं, जिससे बार-बार कार्यालय जाने या फ़ॉलो-अप कॉल करने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। यह समयबद्ध, कागज़ रहित और पारदर्शी सेवा वितरण की गारंटी देता है जो राज्य के डिजिटल-हरियाणा के दृष्टिकोण का प्रमाण है।
उन्होंने प्रदेश के लोगों को इस चैटबॉट को अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि डिजिटल शासन की सच्ची सफलता सक्रिय जनभागीदारी पर निर्भर करती है। भू-मित्र चैटबॉट शासन को हर घर के करीब लाकर मुख्यमंत्री के “डिजिटल हरियाणा, सशक्त नागरिक” के लक्ष्य को साकार करने में मदद कर रहा है।