नौकरी देने के बजाए विभागों में पद कम करने में लगी हुई है भाजपा सरकार: कुमारी सैलजा
कहा-सिंचाई विभाग में की 7398 पदों की कटौती, अन्य विभागों में भी की जा रही है कटौती
चंडीगढ़, 12 अक्तूबर।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार रोजगार देने के बजाए विभिन्न विभागों में पदों की कटौती करने में लगी हुई है यानि सरकार युवाओं से नौकरी के हक छीन रही है। सरकार को नौकरी देने की दिशा में कदम उठाना चाहिए न कि रोजगार खत्म करने में। सरकार की गलत नीतियों के चलते युवाओं का भविष्य चौपट हो रहा है, प्रदेश की प्रतिभाएं रोजगार की तलाश में पलायन कर रही है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि हरियाणा के सिंचाई विभाग में पदों की कटौती को लेकर कर्मचारियों में रोष है, जो युवा नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे थे पद कम कर उनके सपनों को तोड़ा जा रहा है। वर्ष 2023 तक सिंचाई विभाग में 19682 पद स्वीकृत थे पर सरकार ने 12284 पद ही रखे और शेष 7398 पद कम कर दिए जिसे लेकर कर्मचारियों में रोष व्याप्त हैै, सरकार ऐसा कर युवाओं से रोजगार के अवसर छीन रही है। इतना ही नहीं सरकार रेशनाइलेजन के नाम पर सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी और जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के 35 हजार पद कम कर दिए है जबकि इनमें से 24 हजार पद स्थायी है। कुमारी सैलजा ने कहा है कि हरियाणा सिंचाई विभाग में स्वीकृत पदों में से 7,398 पदों की कटौती करने से विभाग के कार्य-संचालन और नहर व्यवस्था के रखरखाव पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
सांसद ने कहा कि सिंचाई विभाग में पहले से ही अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी है यहीं वजह रही कि इस बार मानसून से पहले न तो नहरों की साफ सफाई हो पाई और न ही तटों की मरम्मत। जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ा, नदी और नहरों का जलस्तर बढ़ते ही बाढ़ जैसे हालात हो गए थे और किसानों की खून पसीने की कमाई पर पानी फिर गया था। अगर सरकार ने समय पर काम पूरा करवाया होता तो सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी और हिसार में बारिश के समय जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बनी बनती। इस बार स्टाफ की कमी से कई स्थानों पर बांधों और पुलों की मजबूती का कार्य केवल कागजों में सीमित रह गया है और जमीनी स्तर पर मरम्मत कार्य नहीं हुए, जिससे जनता को भारी परेशानी उठानी पड़ी?
सांसद ने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि कटौती किए गए इन 7,398 पदों को पुन: बहाल करने या वैकल्पिक व्यवस्था करने की क्या योजना है? सिंचाई तंत्र की मरम्मत, नहरों की सफाई और बाढ़ नियंत्रण हेतु अगले वित्तीय वर्ष में कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? क्या कोई जांच या ऑडिट रिपोर्ट तैयार की गई है जिससे यह पता चल सके कि किन कारणों से सिंचाई विभाग की कार्यक्षमता घट रही है? सांसद ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई तंत्र किसानों और आम जनता की जीवनरेखा है। पदों की भारी कटौती, उपकरणों की कमी, रखरखाव में लापरवाही और नहरों की गाद सफाई में अनियमितता के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में हर वर्ष बाढ़-संकट उत्पन्न हो रहा है। सरकार को इस गंभीर स्थिति पर तत्काल संज्ञान लेकर जवाबदेही तय करनी चाहिए।